What’s your definition of romantic?
रोमांस की परिभाषा: रामायण से राधा-कृष्ण तक, एक शायराना मज़ाकिया सफर

“रोमांस क्या है?”
इस सवाल ने कितनों को हीर-राँझा बना दिया, कितनों को मीरा की तरह नाचने पर मजबूर कर दिया। रोमांस की परिभाषा ढूँढ़ने निकलें, तो रामायण के पन्ने खुलते हैं, राधा-कृष्ण की रासलीला शुरू होती है, और हमारी आधुनिक “प्यार-मोहब्बत” वाली फ़िल्मी दुनिया भी चटखारे लेने लगती है।
तो चलिए, आज रोमांस को “श्लोकों, शायरी और थोड़े मज़ाक” के साथ परिभाषित करते हैं।
1. रोमांस = समर्पण (रामायण स्टाइल)
अगर रोमांस का कोई “ओल्ड स्कूल डेफिनिशन” है, तो वह श्रीराम और सीता के प्यार में छुपा है। रामायण में रोमांस “एक तरफ़ा नहीं, सही मायने में साथ निभाने की कहानी” है।
“यथा मूलं सुसिक्तं वै वर्धते तरुरेव हि।
तथा पत्न्या सहायेन वर्धते गृहमेधिनाम्॥”
(जैसे पेड़ की जड़ों में पानी डालने से वह बढ़ता है, वैसे ही पत्नी के सहयोग से घर की उन्नति होती है।)
राम ने सीता के लिए लंका जलाई, सीता ने राम के लिए वनवास सहा। यहाँ रोमांस “त्याग” है, “समर्पण” है, और “एक दूसरे के लिए अग्निपरीक्षा लेने का साहस” है।
मज़ाकिया अंदाज़ में:
आजकल तो लोग “Good Morning” मैसेज भूल जाते हैं, और राम-सीता ने 14 साल का वनवास एक साथ काट दिया! #CoupleGoals
2. रोमांस = लीलाएँ (राधा-कृष्ण स्टाइल)
अगर रामायण में रोमांस “समर्पण” है, तो राधा-कृष्ण में रोमांस “मस्ती, नादानी और अनंत प्रेम” है। कृष्ण का बांसुरी वादन, राधा का मन मोहना, और गोपियों का “हमें तो छलिया कन्हैया ने लूट लिया” वाला रोमांस!
“यद्यत् स्वभावो राधायाः तद्यत् स्वभावो माधवः।”
(जो स्वभाव राधा का है, वही माधव (कृष्ण) का है।)
राधा-कृष्ण का प्यार “निस्वार्थ” है। कृष्ण ने कभी राधा से विवाह नहीं किया, फिर भी वह “ब्रज की रानी” बनीं। यहाँ रोमांस “बिना शर्त प्यार” है।
शायराना अंदाज़ में:
“कृष्ण की बाँसुरी सुनके, राधा झूम उठी थी,
आजकल तो व्हाट्सऐप पर “हाय” सुनके ही दिल डूबता है!”
3. रोमांस = हास्य-व्यंग्य (आधुनिक स्टाइल)
अब आते हैं 21वीं सदी के रोमांस पर, जहाँ:
- “पहले फ़ोन चार्ज करो, फिर दिल लगाओ।”
- “पहले डीपी मिलान करो, फिर जन्म कुंडली।”
- “पहले इंस्टाग्राम फॉलो करो, फिर प्रपोज़ करो।”
मज़ाकिया परिभाषा:
“रोमांस वह है जब वो आपके स्टेटस पर हार्ट रिएक्ट कर दे,
और आपकी मम्मी पूछे—’ये लड़की/लड़का कौन है?'”
4. रोमांस = संयुक्त परिभाषा (श्लोक + शायरी + मज़ाक)
तो अंत में, रोमांस की परिभाषा कुछ ऐसी बनती है:
“राम-सीता का समर्पण, राधा-कृष्ण की मस्ती,
और आज के ज़माने की ‘घरवाले नहीं मानेंगे’ वाली कहानी!”
कविता में:
“रोमांस है वो जब सीता राम के पीछे जंगल गई,
रोमांस है वो जब राधा ने कृष्ण की बाँसुरी सुनी,
और रोमांस है वो जब आजकल वो आपको ‘ब्लू टिक’ देखके भी नज़रअंदाज़ कर दे!”
निष्कर्ष: रोमांस क्या है?
- रामायण कहती है: “रोमांस = साथ चलने का नाम।”
- राधा-कृष्ण कहते हैं: “रोमांस = बिना माँगे देने का नाम।”
- आज का ज़माना कहता है: “रोमांस = मैच होने पर ‘सिंपल सा कीमत’ वाला मैसेज!”
फिर भी, सच्चा रोमांस वही है जो दिल से निकले, दिमाग़ से नहीं!
अंतिम शायरी:
“प्यार वही जो राम ने सीता से किया,
वही जो राधा ने कृष्ण पे लुटाया,
बाकी तो सब ‘टाइमपास’ है यारों,
जिसमें ‘घरवालों की मर्ज़ी’ भी आड़े आयी!”
तो आपके लिए रोमांस की परिभाषा क्या है? कमेंट में बताइए! 😉