प्रिय पाठकगण,
नीलज्ञानसागर ब्लॉग (neelgyansagar blog) कि आज की पोस्ट के अंदर मैं आप लोगों को अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी(Space Technology) में स्टार्टअप के बारे में बताने जा रहा हूं। क्या आप जानते हैं? अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी में स्टार्टअप क्या है? तो चलिए हम नए उभरते हुए क्षेत्र अंतरिक्ष विज्ञान अर्थात अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी में स्टार्टअप क्या है इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं।
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अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी में स्टार्टअप क्या है?।What is StartUp in Space Technology In Hindi?।
अंतरिक्ष (Space) क्षेत्र में सभी प्रकार की गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत मे दूरगामी प्रभाव वाले सुधार लाए गए हैं। अंतरिक्ष विभाग(Space Department) की स्वायत्त एजेंसी के रूप में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्रमाणीकरण केंद्र(INSPACE) का गठन किया गया है, जो अंतरिक्ष गतिविधियों के संचालन को देखेगा और अंतरिक्ष विभाग के स्वामित्व वाली सुविधाओं को गैर सरकारी-निजी संस्थाओं (NGPE) द्वारा संचालित कराने की व्यवस्था को भी देखेगा तथा भारत में इन एनजीपीई की अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए अनुमति (permission),नियमन (Regulation) संवर्धन, सहयोग और निगरानी की व्यवस्था भी करेगा।
रक्षा मंत्रालय(Defence Ministry)ने रक्षा व अंतरिक्ष क्षेत्रों में नए स्टार्टअप लगाने को बढ़ावा देने की दिशा में उपाय किए है। प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीडीएफ) योजना रक्षा मंत्रालय का ही कार्यक्रम है। जिसे डीआरडीओ मेक इन इंडिया(Make in India) पहल के तहत चला रहा है। इस योजना को सितंबर 2016 में माननीय रक्षा मंत्री की स्वीकृति प्राप्त हुई थी। सरकार ने विभिन्न रक्षा प्रौद्योगिकी विकसित करने के उद्देश्य से उद्योगों और खासकर एमएसएमई(MSME) और स्टार्टअप (Startup) को प्रोत्साहन देने के लिए टीडीएफ योजना मंजूर की थी। यह योजना अनुदान सहायता के आधार पर चलाई जा रही है। इस समय टीडीएफ योजना के तहत 3310.58 लाख रुपए की लागत वाली कुल 6 परियोजनाओं के ठेके 6 स्टार्टअप कंपनियों को दिए गए है। जिनमें से एक परियोजना दो स्टार्टअप कंपनियों को दी गई है। डीआरडीओ (DRDO) के अनुसार हाइपरसोनिक यानों के बारे में सूचना संवेदनशील श्रेणी की है।
अटल नवाचार मिशन (एआईएम) देशभर में नए उद्यमियों और नवाचारों को समर्थन और बढ़ावा देता है और हाल के वर्षों में इस मिशन में अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी से जुड़ी अनेक चुनौतियों और पहलों को मदद दी है।
अटल टिंकरिंग लैब(ATL) योजना।
अटल टिंकरिंग लैब योजना के तहत अटल नवाचार मिशन ने इसरो (ISRO) और सीबीएसई(CBSE) के सहयोग से सितंबर 2021 में एटीएल स्पेस चैलेंज शुरू किया। एटीएल स्पेस चैलेंज देशभर के सभी स्कूली विद्यार्थियों के लिए खोला था और इसमें मोटे तौर पर चार चुनौती विषय थे:-
1.अंतरिक्ष की खोज,
2.अंतरिक्ष में पहुंच,
3.अंतरिक्ष में बसना और
4.लाभ के लिए अंतरिक्ष।
छः सप्ताह के समय में विद्यार्थियों को गाइड करके उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से यूट्यूब (Youtube) के जरिए कुल 8 वर्चुअल लाइव सेशन कराए गए थे। चुनौती पूरी होने पर 2500 से ज्यादा प्रविष्टियां आई और 6500 विद्यार्थी इसमें शामिल हुए। चोटी की 75 टीमों की घोषणा जनवरी 2022 में की गई।
अटल इनक्यूबेशन केंद्र योजना।Atal Incubation Centre Scheme In Hindi।
अटल इनक्यूबेशन केंद्र योजना के तहत एआईएम ने देशभर में अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और इससे संबंधित उद्योगों में 15 से ज्यादा स्टार्टअप को सहायता दी। इन स्टार्टअप का मुख्य फोकस यूएवी (UAV), ड्रोन (DRONE)और निगरानी चौकसी उपकरण, एयरोटेक, एयर टैक्सी(Air Taxi), अंतरिक्ष मलबे का पता लगाना और उस पर निगाह रखने की सेवाएं तथा अंतरिक्ष शिक्षा (Space Education) आदि अनेक विषयों पर रहेगा।
एएनआईसी योजना।
एएनआईसी योजना के तहत इसरो के सहयोग से अटल नवाचार मिशन के एएनआईसी – अराइज कार्यक्रम में चार फोकस क्षेत्रों में चुनौतीपूर्ण कार्य शुरू किए है। यह पोकस क्षेत्र निम्न प्रकार है:-
- प्रोपल्शन– हरित नोदक, बिजली से प्रोपेल करना, उन्नत एयर ब्रीदिंग।
- मशीन के प्रयोग से भू-स्थेतिक सूचना/कृत्रिम मेधा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन से सीखने पर आधारित है।
- रोबोटिक्स का इस्तेमाल।
- सशक्त वास्तविकता/वर्चुअल वास्तविकता (एआर/वीआर) तकनीके।
एप्लीकेशन विकसित करने के आह्वान के साथ ये समस्या वक्तव्य स्टार्टअप एमएसएमई के लिए सार्वजनिक किए गए थे। तीन दौर की तकनीकी और वित्तीय समीक्षा के बाद छह स्टार्टअप को अनुदान सहायता के रूप में 12 महीने की अवधि में ₹50 लाख तक की मदद के लिए चुना गया है।