SEVAN WONDER OF WORLD(विश्व के सात अजूबे)

 

SEVAN WONDER OF WORLD(विश्व के सात अजूबे)

प्रिय पाठकों,

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे दुनिया के अजूबों के बारे में चलिए  कहानी की शुरुआत करते हैं आज से लगभग 25 साल पहले ग्रीक और रोमन सभ्यताओं के विकास के साथ लोग इस बात में रुचि लेने लगे थे, कि उनके गांव, शहर से बाहर की दुनिया में क्या खास है?तब दुनिया की सैर को निकले लोग जैसा आ कर बताते थे| लिखते थे और अपने बनाए चित्रों के जरिए दिखाते थे| वही सब लोगों के लिए दुनिया देखने का जरिया हो जाता था| ऐसे ही उस दौर के यात्री तथा लेखक व इतिहासकार हेरोडोटस (484 ईसा पूर्व-सीए 425 ईसा पूर्व) और साइरेन के विद्वान कैलिमाचस (सीए 305-240 ईसा पूर्व) ने उस जमाने की तकनीक,सर्जन और निर्माण की नजर से कुछ इमारतों और स्टेचू का वर्णन किया| और उनकी सुंदरता का बखान लिखा| जिसके बाद में संसार के आश्चर्य  के रूप में उन्हें पहचाना गया |और यूनानीयों के अंदर सात के अंक का बड़ा शुभ महत्व है इसलिए सेवन वंडर्स को बहुत अधिक ख्याति मिली।

दुनिया के सात अजूबे (7 Wonders of the World) कौन से है?

  1. चीन की दीवार
  2. माचू पिच्चु
  3. ताजमहल
  4. पेट्रा
  5. चिचेन इत्जा
  6. क्राइस्ट रिडीमर
  7. कोलोज़ीयम

दुनिया के सात अजूबो को कैसे चुना गया था?(How were the seven wonders of the world chosen?)

दुनिया में सिर्फ सात ही अजूबो को क्यों चुना जाता है? 
यह सवाल कई लोगो के मन में आता है। क्योकिं दुनिया में बहुत सी सुन्दर और आकर्षक चीजे है, सभी को दुनिया के अजूबो में क्यों नहीं शामिल किया जाता है। आपको बता दे की ऐसा इसलिए होता है, क्योकिं 7 संख्या को यूनानियों द्वारा एक भाग्यशाली संख्या माना जाता है। वैसे विश्व में और भी कई अजूबे हैं उनका भी महत्व इतना ही है अगली पोस्ट में मैं उन अजूबों के बारे में भी आपको बताऊंगा।

1.चीन की दीवार(चीन)THE GREAT WALL OF CHINA 

चीन की विशाल दीवार को कौन नहीं जानता है। यह सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि दुनिया की भी सबसे लंबी दीवार है। यह दुनिया के सात अजूबों में शामिल है, जिसे अंग्रेजी में ‘ग्रेट वॉल ऑफ चाइना’ कहते हैं। इस दीवार को बनाने के लिए ईंट, पत्थर, लकड़ी और धातुओं का इस्तेमाल किया गया है। इसी वजह से इसे दुनिया की सबसे पुरानी मिट्टी और पत्थर की बनी दीवार भी कहा जाता है। कहते हैं कि इस दीवार को बनाने में करीब 20 लाख मजदूर लगे थे, जिसमें से 10 लाख लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। माना जाता है कि उन्हें दीवार के नीचे ही दफना दिया गया था। यही वजह है कि इस दीवार को दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान भी कहा जाता है।


2.माचू पिच्चू (पेरू,दक्षिण अमेरिका )

दुनिया के सात अजूबों में भी शामिल माचू-पिच्चू, पेरू का सबसे मशहूर पर्यटन स्थल है। माचू पिच्चू ‘इंका सभ्यता’ की बची हुई निशानी है|लगभग 1430 ईसवी के आसपास इंकाओ के आधिकारिक कार्यों के लिए माचू पिच्छू का निर्माण किया था। लेकिन निर्माण के लगभग 100 साल बाद जब इनके ऊपर स्पेन ने विजय प्राप्त कर ली। तब इंका इस स्थान को छोड़कर चले गए थे। स्थानीय लोग तो इस स्थान से परिचित थे, लेकिन दुनिया के सामने इसे लाने का श्रेय एक अमेरिकी इतिहासकार हिरम बिंघम को जाता है जिन्होंने वर्ष 1911 में माचू पिच्छ की खोज की।और इसे एक पर्यटन स्थल बनाने में सहयोग किया।

 3. आगरा का ताजमहल(भारत)
भारत में स्थित आगरा  का ताजमहल विश्व के 7 आश्चर्यो में गिना जाता है.यह मकराना मार्बल से बना अद्भुत मकबरा है|इसका निर्माण शाहजहाँ द्वारा 1632 ई में करवाया गया था |आगरा का ताजमहल प्रेम का प्रतिक माना जाता है| शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में इसे बनवाया था|ताजमहल के निर्माण में भारतीय व इस्लामी वास्तुकला का अद्भुत संगम देखने को मिलता है|
ताजमहल को 1983 ई. में UNESCO ने विश्व धरोहर में शामिल किया था|ताजमहल हर शुक्रवार को बंद रहता है इसे देखने का शुल्क भारतीय नागरिको से 40रुपये व विदेशी नागरिको से 1000 रुपये लिया जाता है|15 वर्ष से छोटे बच्चो के लिए प्रवेश निशुल्क है|
  

4.पेट्रा(जॉर्डन )

यह दुनिया के सात अजूबों में से एक  है। दरअसल, यह जॉर्डन में स्थित एक एतिहासिक नगर है, जो पत्थरों से तराशी गई अपनी इमारतों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां के लाल रंग के पत्थरों की वजह से ही इसे रोज सिटी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि छठी शताब्दी ईसा पूर्व में नबातियन साम्राज्य ने पेट्रा क अपनी राजधानी के तौर पर स्थापित किया था, जबकि इसका निर्माण कार्य 1200 ईसा पूर्व के आसपास शुरू हुआ था।


5.चिचेन इत्जा(Yucatan, Mexico)

प्राचीन माया सभ्यता का एक पुरातात्विक स्थल जो Yucatan, Mexico में स्थित है |यह एतिहासिक शहर भी विश्व के सात अजूबो में गिना जाता है| यह युकाटन राज्य में स्थित है और यह मेक्सिको के सबसे संरक्षित पुरातात्विक स्थलों में से एक है। इट्ज़ा जातीय-वंश समुदाय का नाम है जिसने स्पेनिश विजय से पहले मैक्सिको के उत्तरी प्रायद्वीप पर शासन किया था। ‘चिचेन इट्ज़ा’ नाम का मतलब होता है ‘कुएं के किनारे’। हर साल लगभग 1.2 मिलियन लोग चिचेन इट्ज़ा पर्यटन स्थल की यात्रा करते हैं। चिचेन इट्ज़ा का नाम दुनिया के 7 अजूबों की लिस्ट में आता है।

6.क्राइस्ट रिडीमर(ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में)

ब्राजील के रियो डी जेनेरो को बनाने का प्रथम विचार1850ई. में एक कैथोलिक पादरी पेड्रो मारिया बॉस को आया था|जिसने राजकुमारी इ बार विचारसाबेल से एक विशाल धार्मिक स्मारक बनाने के लिए सहायता मांगी किन्तु राजकुमारी ने इस बात को नजर-अंदाज कर दिया| 1921 ई. में इस विचार को पुन: रियो के कैथोलिक चर्च  द्वारा जीवित किया गया और इसके निर्माण में समर्थन देने के लिए ‘सेमाना डू मोनुमेंटो’ (मोनुमेंट वीक) नामक एक कार्यक्रम को आयोजित किया गया,जिसमे अधिकतर कैथोलिक समुदाय के लोग ही आए। ईसा मसीह की प्रतिमा के लिए चुने गये कई डिजाइन को एकत्रित किया गया परंतु अंत में खुली बाहों के साथ “क्राइस्ट द रिडीमर” की प्रतिमा को ही चुना गया|जो शांति का एक प्रतीक भी थी। इसका निर्माण 1922 में शुरू हुआ और 1931 तक इसे पूर्णरूप से बना लिया गया|12 अक्टूबर 1931 में इसे सामान्य जनता के लिए खोल दिया गया|


7.कोलोज़ीयम
यह इटली देश के रोम शहर में निर्मित प्राचीन विशाल स्टेडियम है| इसका निर्माण 70वी सदी में सम्राट वेस्पेसियन (Vespasian) द्वारा कराया गया था | यह स्टेडियम कंक्रीट और रेत से बनाया गया, जिसमें एक साथ लगभग 50000 से 80000 तक दर्शक एक साथ बैठकर जंगली जानवरो और गुलामो की लड़ाइयों का खूनी खेल देखते थे | यह विश्व का बहुत ही पुराना स्टेडियम है हालाँकि प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप से इसका कुछ हिस्सा टूट गया है लेकिन इसकी नक़ल कर ऐसा स्टेडियम बनाना आज भी नामुमकिन है |यह रोमन स्थापत्य कला व अभियांत्रिकी का सर्वश्रेष्ट नमूना है|

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निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते है की दुनिया के ये सात आश्चर्य प्राचीन कला व संस्कृति के दर्शनीय एवं उत्कृष्ट नमूने है|इनके दर्शन से प्राचीन एतिहासिक सुन्दरता का पता चलता है|

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