Mouth Freshener sauf की खेती कैसे करे ?
सौंफ की खेती के लिए जलवायु|
Mouth Freshener Sauf शरद ऋतु में बोई जाने वाली फसल है। लेकिन सौंफ खासतौर पर फूल आने के समय से प्रभावित होती है इसलिए इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए शुष्क एवं सामान्य ठंडा मौसम विशेषता जनवरी से मार्च तक इसकी उपज व गुणवत्ता के लिए बहुत लाभदायक रहता है फूल आते समय तक अधिक बादल या अधिक नमी से इस फसल में बीमारियों के प्रकोप को बढ़ावा मिलता है।
भूमि एवं खेत की तैयारी|Mouth Freshener Sauf|
sauf की खेती बलुई मिट्टी को छोड़कर प्राय: सभी प्रकार की भूमि में पर्याप्त मात्रा में की जा सकती है लेकिन अच्छी पैदावार के लिए जल निकास की पर्याप्त सुविधा वाली चुनायुक्त दोमट व काली मिट्टी उपयुक्त होती है। भारी एवं चिकनी मिट्टी की अपेक्षा दोमट मिट्टी सौंफ की खेती के लिए अच्छी रहती है।
खेत की अच्छी तरह से जुताई करके 15 से 20 सेंटीमीटर गहराई तक खेत की मिट्टी को मुलायम करके भुरभुरी बना लेना चाहिए। खेत की तैयारी के समय पर्याप्त नमी न हो तो पलेवा देकर खेत को तैयार कर लेना चाहिए। जुताई के बाद पाटा चलाकर खेत को समतल करके सिंचाई की सुविधा अनुसार क्यारियाँ बनानी चाहिए।
सौंफ के लिए उपयोगी खाद एवं उर्वरक|
माउथ फ्रेशनर सौफ (Mouth Freshener sauf) फसल की अच्छी पैदावार के लिए भूमि में पर्याप्त मात्रा में जैविक पदार्थ का होना आवश्यक है। यदि इसकी उपयुक्त मात्रा भूमि में न हो तो 10 से 15 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर खेत की तैयारी से पहले डाल देनी चाहिए। इसके अलावा 90 किलो नत्रजन एवं 40 किलो फास्फोरस प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना चाहिए।
30 किलोग्राम नत्रजन एवं फास्फोरस की संपूर्ण मात्रा खेत की अंतिम जुताई के साथ ऊरकर देना चाहिए।शेष नत्रजन को दो भागों में बांट कर 30 किलोग्राम बुवाई के 45 दिन बाद एवं शेष 30 किलोग्राम नत्रजन फुल आने के समय फसल की सिंचाई के साथ सौंफ की खेती के लिए दिए जा सकते हैं। ऐसा करने से Mouth Freshener sauf की अच्छी उपज प्राप्त होगी।
बीज की मात्रा एवं बुवाई|
sauf के लिए 8 से 10 किलोग्राम स्वस्थ बीच प्रति हेक्टेयर बुवाई हेतु पर्याप्त होता है। बुवाई अधिकतर छिड़काव विधि से की जाती है तथा निर्धारित बीज की मात्रा एक समान छिड़ककर हल्की दंताली चलाकर या हाथ से मिट्टी में मिला देते हैं।लेकिन सौंफ की बुवाई रोपण विधि द्वारा या सीधे कतारों में भी की जा सकती है।सीधी बुवाई के लिए 8 से 10 किलो बीज एवं रोपण विधि में 3 से 4 किलो बीज की प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है।
सौंफ(Mouth Freshener Sauf) की रोपण विधि से बुवाई के लिए जुलाई अगस्त के महीने में 100 वर्ग मीटर क्षेत्र में पौध लगाई जाती है तथा सितंबर के महीने में रोपण किया जाता है। इसकी बुवाई मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर तक की जाती है। बुवाई 40 से 50 सेंटीमीटर के फासले पर कतारों में हल के पीछे कूड़ में 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर करें।
माउथ फ्रेशनर सौफ (Mouth Freshener sauf) पौध को पौधशाला से सावधानीपूर्वक उठाए जिससे जड़ों को नुकसान नहीं हो। रोपण दोपहर बाद जब गर्मी कम हो तब करें तथा रोपण के बाद तुरंत सिंचाई करें।सीधी बुवाई में बुवाई के सात से आठ दिन बाद दूसरी हल्की सिंचाई करें जिससे अंकुरण पूर्ण हो जाए। बीज उपचार हेतु बुवाई से पूर्व बीज का बाविस्टिन 2 ग्राम अथवा ट्राइकोडरमा 4 से 6 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित कर sauf बीजों को बोये।
सौंफ (Mouth Freshener Sauf) की सिंचाई कैसे करें?
sauf को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। बुवाई के समय खेत में नमी कम हो तो बुवाई के तीन-चार दिन बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। जिससे बीज जम जाए। सिंचाई करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि पानी का बहाव तेज न हो अन्यथा बीज बहकर किनारों पर इकट्ठे हो जाएंगे।
दूसरी सिंचाई बुवाई के 12 से 15 दिन बाद करनी चाहिए जिससे बीजों का अंकुरण पूर्ण हो जाए। इसके बाद सर्दियों में 15 से 20 दिन के अंतर पर सिंचाई करनी चाहिए।फूल आने के बाद फसल को पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।
Mouth Freshener Sauf की निराई गुड़ाई।
Mouth Freshener sauf के पौध जब आठ से 10 सेंटीमीटर के हो जावे तब गुड़ाई करके खरपतवार निकाल देवें।गुड़ाई करते समय जहां पौधे अधिक हो वहां से कमजोर पौधों को निकालकर पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर कर लेवे जिससे अच्छी उपज प्राप्त हो और पौधे को सही पोषण मिल सके। इसके बाद समय-समय पर आवश्यकता अनुसार खरपतवार निकालते रहे। फूल आने के समय पौधों पर हल्की मिट्टी चढ़ा देवें जिससे कि तेज हवा से पौधे नहीं गिरे।
saunf सौंफ में खरपतवार नियंत्रण के लिए 1 किलो पेन्डमिथोलिन सक्रिय तत्व (3.33 लीटर स्टाम्प एफ-34) प्रति हेक्टेयर (4.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) 750 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 1 से 2 दिन बाद छिड़काव कर के भी खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है।
Mouth Freshener Sauf के प्रमुख कीट एवं रोग|
मोयला, परजीवी थ्रिप्स एवं मकड़ी(बरूथी):- मोयला पौधे के कोमल भाग से रस चूसता है तथा फसल को काफी नुकसान पहुंचाता है। थ्रिप्स कीट बहुत छोटे आकार का होता है तथा कोमल एवं नई पत्तियों से हरा पदार्थ खुरचकर खाता है जिससे पत्तियों पर धब्बे दिखाई देने लगते है तथा पत्ते पीले होकर सूख जाते हैं। मकड़ी छोटे आकार का कीट है जो पत्तियों पर घूमता रहता है व रस चूसता है जिससे पौधा पीला पड़ जाता है।
इन कीटों के नियंत्रण हेतु Dimethoet 30 ई सी या मैलाथियान 50 ई सी या एंडोसल्फान 35 ई सी 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़क कर उपचार किया जाता है। यदि आवश्यक हो तो यह छिड़काव 15 से 20 दिन के अंतराल के बाद दोहराये।
FAQ:Meaning of Hindi word (Mouth Freshener Sauf)
Q.1.What is the meaning of sauf in english?
Ans.-Meaning of Hindi word Saunf in english is Fennel Seeds.These seeds are used as mouth freshener.
Q.2.सौंफ को किस महीने में बोया जाता है?
Ans.-सितम्बर महीने में सौंफ की बुवाई की जाती है|
Q.3.सौफ के प्रमुख कीटो के नाम बताओ ?
Ans :-मोयला, परजीवी थ्रिप्स एवं मकड़ी(बरूथी) |
Q.4 सौंफ कीट नियंत्रण हेतु दवा कोनसी है ?
Ans :- Dimethoate 30 ई सी या मैलाथियान 50 ई सी या इंडोसल्फान 35 ई सी |
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