दिव्यांगों के लिए रोजगार एवं ऋण।Employment and Loans For Divyang Jan।
नये दिव्यांग अधिनियम (दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016) में दिव्यांगों के लिए नौकरी में आरक्षण में 3 से 4% की वृद्धि की है। सरकार ने विभिन्न विभागों और वर्गों में पदों की पहचान की है,जिन्हें दिव्यांगों की क्षमता के अनुसार दिव्यांगों के लिए आरक्षित किया जाना है।
सरकार द्वारा दिव्यांगों को क्या-क्या फायदे एवं छूट प्रदान की गई है?
- जून 2015 के परिपत्र के अनुसार केंद्र सरकार के अंतर्गत सभी सिविल पदों में प्रत्यक्ष भर्ती के मामले में सरकार ने कम दृष्टि, दृष्टि दोष, श्रवण दोष, गतिशील अक्षमता और प्रमस्तिष्क पक्षाघात सहित पीडब्ल्यूडी के लिए सी और डी पदों के लिए 10 साल की ऊपरी आयु सीमा का प्रावधान किया है।उन्हें आवेदन शुल्क और परीक्षा शुल्क के भुगतान से भी छूट प्रदान की है।
- सरकार सदैव यह प्रयास करती है की प्रशासनिक दबाव से जहां तक संभव हो, क्षेत्रीय आधार पर ग्रुप सी और डी रोजगार के लिए चयनित दिव्यांगों को क्षेत्र के भीतर ही अपने मूल स्थानों के निकट पोस्टिंग दी जाए।अपने मूल स्थानों के निकट या निकटतम कार्यालयों में स्थानांतरित करने के लिए दिव्यांग कर्मचारियों के अनुरोध को प्राथमिकता भी दी जाती है।
- सरकार का यह प्रयास है कि दिव्यांग अपने कार्यों का निर्वहन संतोष पूर्वक करने के लिए सक्षम है,तो उन्हें उनकी अक्षमता अथवा अस्वस्थता के आधार पर उनके कार्य में पदोन्नति से वंचित नहीं किया जाता।
- श्रवण दोष से ग्रस्त कर्मचारियों को दोगुना परिवहन भत्ता वर्ष 2017 से प्रभाव में है तथा 17 फरवरी 2015 के परिपत्र के अनुसार सरकारी दिव्यांग कर्मचारियों में अनुरक्षकों को यात्रा और प्रशिक्षण के लिए यात्रा भत्ता भी दिया जाता है।
- दिव्यांगों के लिए आरक्षित सरकारी पदों की भर्ती के लिए सरकार ने सभी राज्य-राजधानियों में दिव्यांगों के लिए विशेष रोजगार कार्यालय तथा सभी जिला मुख्यालयों में विशेष रोजगार सेल बनाया है। वे स्थान जहां पर विशेष रोजगार कार्यालय नहीं खोले गए हैं वहां पर नियमित रोजगार कार्यालय के अंतर्गत ही विशेष रोजगार सेल खोले गए है। दिव्यांगों को स्वयं को विशेष रोजगार कार्यालय सेल में पंजीकृत कराना होगा।विशेष रोजगार पंजीकरण दिव्यांगों के लिए 17 व्यावसायिक पुनर्वास केंद्रों पर भी कराया जा सकता है।
- निजी क्षेत्र में नियोक्ताओ को प्रोत्साहन द्वारा भी सरकार विकलांगों को रोजगार दिलाने का प्रयत्न करती है। सरकार नियोक्ताओं को दिव्यांग की भविष्य निधि के लिए योगदान और ₹25000 प्रति माह के न्यूनतम वेतन के साथ दिव्यांगों को रोजगार देने के लिए 3 वर्ष तक के कर्मचारी राज्य बीमा की अदायगी भी करती है।
- दिव्यांगों को सशक्त बनाने हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार योजना में दिव्यांगों के प्रयासों को सम्मान देने और दूसरे दिव्यांगों को इस क्षेत्र में दक्षता हासिल करने का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सबसे निपुण/उत्कृष्ट दिव्यांग कर्मचारी, सर्वोत्तम कर्मचारी, सर्वोत्तम प्लेसमेंट एजेंसी अधिकारी, उत्कृष्ट व्यक्तियों, उत्कृष्ट संस्थानों, प्रेरणास्रोत व्यक्तियों, उत्कृष्ट रचनात्मक अक्षम व्यक्तियों, लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए, उत्कृष्ट तकनीकी नवीनीकरण और नवीनीकरण अनुकूलन के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं।
- सरकारी क्षेत्रों,सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी उद्यमों को विकलांगों के लिए उपयुक्त माहौल बनाने के लिए राष्ट्रीय ट्रस्ट की स्थानीय स्तर की सर्वोत्तम समिति और नेशनल हैंडीकैप्ड फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की सर्वोत्तम स्टेट चनेलाईसिंग एजेंसी (एससीए) को पुरस्कार दिए जाते हैं। दिव्यांग महिला विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों से और स्व-नियोजित महिलाओं को नियोजन में प्राथमिकता दी जाती है।
- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दिव्यांगों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की सभी प्रकार की डीलरशिप एजेंसियों का 7.5% आरक्षित किया है। इसमें सेवा के दौरान घायल रक्षा कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है। आवेदक 21 साल से 30 वर्ष के आयु वर्ग के भारतीय नागरिक होने चाहिए। मैट्रिक या समकक्ष की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। दिव्यांग का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। जिसमें ऊपरी अंग या नीचले अंग या दोनों अंगों का कम से कम 40% अक्षम होना चाहिए। आंशिक श्रवण दोष वाले व्यक्ति भी आवेदन करने के योग्य है। पूर्णता दृष्टिहीन व्यक्ति खुदरा दुकानों, केरोसिन एलडीए डीलरशिप के लिए आवेदन करने के योग्य है लेकिन एलपीजी डीलरशिप के लिए आवेदन करने के योग्य नहीं है। आवेदक की कुल पारिवारिक आय प्रतिवर्ष ₹50000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
राष्ट्रीय दिव्यांग वित्त और विकास निगम (एनएचएफडीसी) द्वारा दिये जाने वाले ऋण।(Loans for Divyang Jan by NHFDC)।
एनएचएफडीसी राज्य सरकार द्वारा नामित राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसीयो (एससीए) के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों को धनराशि चैनेलाइज करने के लिए सर्वोच्च संस्था के रूप में कार्य करता है। योजनाओं में उच्च शिक्षा/व्यावसायिक इकाइयों में,छोटे व्यवसाय/व्यवसायिक प्रशिक्षण में, दिव्यांग लोगों के लिए सहायक उपकरणों के निर्माण व उत्पादन के लिए, कृषि गतिविधियों के लिए,मानसिक मंदता वाले व्यक्तियों के बीच स्वरोजगार के लिए, प्रमस्तिष्क पक्षाघात के लिए छोटे व्यवसाय स्थापित करने और स्वलीनता के लिए ऋण(Loans) शामिल है।
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योजनाओं का विवरण निम्न प्रकार है:-
👉सेवा/व्यापार क्षेत्र में छोटे व्यवसाय की स्थापना के लिए ₹3 लाख का ऋण (Loans)।
👉बिक्री/व्यापार क्षेत्र में छोटे व्यवसाय की स्थापना के लिए ₹5 लाख का ऋण(Loans)।
👉कृषि संबंधी गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपए तक का ऋण (Loans)।
👉वाणिज्यिक परिश्रम के लिए वाहन की खरीद हेतु ₹10 लाख का Loans।
👉लघु उद्योग इकाई की स्थापना के लिए ₹25 लाख का ऋण (Loans)।
👉स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित दिव्यांग/व्यवसायिक रूप से शिक्षित व्यक्तियों के लिए 25 लाख रुपये का Loans।
👉रोजगार के लिए अपनी जमीन पर व्यापार परिसर के निर्माण के लिए ₹300000 (तीन लाख) का ऋण।
जिस व्यवसाय के लिए वित्तीय सहायता मांगी गई है उसे सीधे आवेदक द्वारा संचालित किया जाना चाहिए। स्वलीनता, प्रमस्तिष्क पक्षाघात या मानसिक मंदता वाले व्यक्तियों के मामले में आवेदक के माता/पिता/पति/कानूनी अभिभावक आवेदक की ओर से एनएचएफडीसी के साथ अनुबंध में प्रवेश करने के लिए अधिकृत है। आवेदक को न्यूनतम 40% अक्षमता के योग्यता मानदंडों को पूरा करना चाहिए। भारतीय नागरिक होना चाहिए और व्यवसाय के लिए आवश्यक व्यवसायिक तकनीकी योग्यता होनी चाहिए। अधिकतम 10 वर्षों में ऋण चुकाया जाना चाहिए।
आरबीआई ने मार्च 2015 में ऋण क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी को प्राथमिकता पर सूचना प्रसारित की है। जिसके अनुसार पीडब्ल्यूडी कमजोर वर्ग में वर्गीकरण के तहत ऋण प्राप्त करने के योग्य होंगे।