पर्यावरण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन(मानव पर्यावरण स्टॉकहोम सम्मेलन/पर्यावरण संरक्षण अधिनियम क्या है?/राजस्थान में प्रदूषण नियंत्रण के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल क्या है?)International Conference on Environment(Human Environment Stockholm Convention/What is Environment Protection Act?/What is Rajasthan State Pollution Control Board for Pollution Control in Rajasthan?)
मानव पर्यावरण स्टॉकहोम सम्मेलन(Human Environment Stockholm Convention)
इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवीय पर्यावरण के संरक्षण तथा सुधार की विश्वव्यापी समस्या का निदान करना था। पर्यावरण के संरक्षण के संबंध में अंतरराष्ट्रीय स्तर का यह पहला प्रयास था। इस सम्मेलन में 119 देशों ने पहली बार ‘एक ही पृथ्वी’ का सिद्धांत स्वीकार किया। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का जन्म हुआ। सम्मेलन में मानवीय पर्यावरण का संरक्षण करने तथा उसमें सुधार करने के लिए राज्य तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को दिशा निर्देश दिए गए। प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की घोषणा इसी सम्मेलन में की गई।
सन 1992 में ब्राजील में विश्व के 174 देशों का पृथ्वी सम्मेलन आयोजित किया गया। इसके पश्चात सन 2002 में जोहान्सबर्ग में पृथ्वी सम्मेलन आयोजित कर विश्व के सभी देशों को पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने के लिए अनेक उपाय सुझाए गए।वस्तुतः पर्यावरण के संरक्षण से ही धरती पर जीवन का संरक्षण हो सकता है। अन्यथा मंगल आदि ग्रहों की तरह धरती का जीवन चक्र भी एक दिन समाप्त हो जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम क्या है?(What is Environment Protection Act?)
19 नवंबर 1986 से भारत में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ। जिसके अनुसार जल, वायु,भूमि -इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव,पौधों,सूक्ष्मजीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के कई महत्वपूर्ण बिंदु है जैसे-
- पर्यावरण की गुणवत्ता के संरक्षण हेतु सभी आवश्यक कदम उठाना।
- पर्यावरण प्रदूषण के निवारण,नियंत्रण और उपशमन हेतु राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की योजना बनाना और उसे क्रियान्वित करना।
- पर्यावरण की गुणवत्ता के मानक निर्धारित करना।
- पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित अधिनियम के अंतर्गत राज्य सरकारों,अधिकारियों और संबंधितो के काम में समन्वय स्थापित करना।
- ऐसे क्षेत्रों का परिसीमन करना जहां किसी भी उद्योग की स्थापना अथवा औद्योगिक गतिविधियां संचालित ना की जा सके। उक्त अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है।