How important is spirituality in your life?

How important is spirituality in your life?


“ओये भाई, म्हारे जीवन में आध्यात्मिकता तो रूंधे-रूंधे नमक जैसी हे!

राजस्थान की धरती ही भगवान् आर फकीरों-संतों की कर्मभूमि हे। म्हे तो सुबह-सुबह खाटू श्याम का नाम लेके, मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करके ही दिन शुरू होता हे।

“जैसा रब, वैसा भव” – हमारे यहाँ तो हर घर में दीवार पर “ओम” लिखा होय, आर हाथ जोड़ के “राम-राम” बोलना ही सच्ची पहचान हे।

भक्ति हो या जम्भेश्वर भगवान का संदेश, म्हारे लिए तो ये दिल की शांति हे। तेरे लिए क्या मायने रखे हे, भाई? हर-हर महादेव! 🙏✨”


“ओऽऽ भाई साहब! म्हारे जीवन में आध्यात्मिकता का स्थान तो वैसा ही हे जैसे रेगिस्तान में पानी का! बिना इसके जीवन सूना-सूना लागे।

हमारे राजस्थान की माटी तो भक्ति, संत-महात्माओं और देवी-देवताओं की लीलाओं से सींची हुई हे। म्हारा तो हर सुबह मंदिर की घंटियों की आवाज़ से शुरू होता हे। चाहे एकलिंगजी के दर्शन हो, करणी माता का आशीर्वाद हो या मेहंदीपुर बालाजी की चौकी पर माथा टेकना – ये सब म्हारे रोज़ के जीवन का हिस्सा हे।

हमारे बुजुर्गों ने सिखाया हे कि “जो दिल में राम, हाथ में काम” – यानी ईश्वर पर भरोसा रखो, पर मेहनत से भाग्य नहीं बनता। मीरा का भक्ति-भाव हो या रामदेवजी का त्याग, राजस्थान की आध्यात्मिक विरासत तो अमूल्य हे।

म्हे तो लगता हे कि भजन-कीर्तन में मिलने वाली शांति दुनिया के किसी सुख से कम नहीं। चाहे तेरहताली नृत्य हो या जम्भेश्वर भगवान के दोहे, हर चीज में प्रभु का स्मरण छुपा हुआ हे।

तू भी बता, भाई! तेरे लिए आध्यात्म का क्या मतलब हे? हर-हर महादेव, राम-राम सा! 🙏🔥”**

(थोड़ा गहराई से समझाएं तो – राजस्थानी संस्कृति में आध्यात्म के बिना जीवन अधूरा हे। यहाँ के लोगों का विश्वास हे कि “जैसी भक्ति, वैसी सिद्धि” – यानी ईमानदारी से की गई पूजा हमेशा फल देती हे!)

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