Google ने Doodle लगाकर मनाई भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 96वीं जयंती।
आज डॉ. भूपेन हजारिका की 96वीं जयंती है।आज ही के दिन इनका जन्म हुआ था। उसे ही सेलिब्रेट करने के लिए गूगल ने इनका डूडल अपने सर्च इंजन पर लगाया है। आगे हम इनके बारे में ज्यादा जानकारी जानेंगे ये कौन थे और क्या करते थे? आपको इनके जीवन से कुछ अलग सीखने को जरूर मिलेगा। इनके द्वारा असम राज्य की संस्कृति को अपनी कला के द्वारा देश के सभी हिस्सों में पहुंचाया।
Google ने एक कलात्मक डूडल के साथ डॉ भूपेन हजारिका की 96वीं जयंती मनाई। हजारिका एक प्रशंसित असमिया-भारतीय गायक, संगीतकार और फिल्म निर्माता थे। डूडल को मुंबई की गेस्ट आर्टिस्ट रुतुजा माली ने बनाया है। कलाकृति असमिया सिनेमा और लोक संगीत को लोकप्रिय बनाने के लिए हजारिका के काम का जश्न मनाती है।
Major Highlights :
Points
Information
नाम
भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika)
उप-नाम
Xudha Kontho (শুদ্ধা কণ্ঠ)
जन्म
8 सितंबर 1926
स्थान
तिनसुकिया, असम
पिता
नीलकांत हजारिका
माता
शांतिप्रिया हजारिका
पेशा
संगीतकार, कवि, लेखक, गायक
पत्नी
प्रियंवदा पटेल
बच्चे
01
मृत्यु
5 नवम्बर 2011(मुंबई, महाराष्ट्र)
सम्मान
भारत रत्न, पद्म भूषण, दादा साहब फाल्के सम्मान, संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, असोम रत्न
डॉ. भूपेन हजारिका सम्मान और पुरष्कार
साभार-google
डॉ. भूपेन हजारिका का जीवन परिचय | Dr. Bhupen Hazarika Biography In Hindi
डॉ भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर, 1926 को ऊपरी असम के सादिया में हुआ था। वे गायन में अपने पिता नीलकांत हजारिका जो एक स्कूल शिक्षक थे और अपनी मां शांतिप्रिय हजारिका से प्रभावित थे।डॉ. भूपेन हजारिका अपने परिवार में 10 भाई बहन थे और उनकी मां ने उन सबको संगीत से अवगत करवाया जिसके बाद मात्र 10 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला गाना गाया।
मुख्य रूप से असमी भाषा के गायक, गीतकार और संगीतकार भूपेन हजारिका जी को अनेक मधुर गीतों की रचना, धुन और स्वर देने का श्रेय प्राप्त है |हिंदी के साथ साथ अन्य अनेक भाषाओं में भी उनके गायन का मधुर रस घुला हुआ है।
कुछ आवाजें ही ऐसी होती हैं जिसे बरसों बात सुनने पर भी उसी ताज़गी और उसी मिठास का एहसास होता है जैसा मूल- सृजन के समय रहा हो।ऐसे ही गीतकार संगीतकार और गायक भूपेन हजारिका जी भी थे। उन्हें सुधाकंठ की उपाधि दी गयी है।
भूपेन हज़ारिका जी के गीत और संगीत तथा उनकी आवाज में लोक संस्कृति की महक सहज ही दिखाई और सुनाई देती है।
उनके गायन शैली को जिबोनमुखी गान कहा जाता है।
भूपेन हजारिका की शिक्षा | Dr. Bhupen Hazarika Education Qualification
डॉ. भूपेन हजारिका ने 1940 में मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की; 1942 में कॉटन कॉलेज से इंटरमीडिएट इन आर्ट्स (IA) और फिर उच्च अध्ययन के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में शामिल हुए और बाद में B.A. साल 1944 में और M.A. साल 1946 में पूरा किया। और बाद में उन्हें अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप और पीएचडी की डिग्री मिली।
डॉ. भूपेन हजारिका की मृत्यु
डॉ. भूपेन हजारिका का निधन 5 नवंबर 2011 को 85 साल की उम्र में कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ।
डॉक्टर भूपेन हजारिका के प्रसिद्ध गीत
इन्होंने अनेक हिंदी फिल्मों में अपना गीत एवं संगीत दिया | जिनमें चिंगारी, दमन, दरमियां ,रुदाली ,दोराहे, पपीहा, साज़, आरोप ,मेरा धर्म मेरी मां आदि मुख्य हैं |
कुछ चर्चित गीतों में जैसे- नैनो में दर्पण है..अरुणाचल हमारा ..चुपके चुपके हम पलकों में कितनी सदियों से..आदि उल्लेखनीय हैं |
प्रसिद्ध गीतों की बात करें तो पहले नंबर पर हिंदी फिल्म रुदाली (1993 में प्रदर्शित ) का मुख्य गीत होना चाहिए (मेरे अनुसार)