नारी तु नारायणी।

पुरुष की प्रतिष्ठा उसकी स्त्री तय करती है और स्त्री का सौंदर्य उसका पुरुष :- कुछ तस्वीरें बहुत सुन्दर होती हैं। इतनी सुन्दर कि उन पर मोटी किताब लिख दी …

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सुकरात के महान शिष्य प्लेटो-दार्शनिक विमर्श आम जनता के लिए नही होता।

“दार्शनिक विमर्श आम जनता के लिए नही होता”-प्लेटो। सुकरात के महान शिष्य प्लेटो ने कहा था, “दार्शनिक विमर्श आम जनता के लिए नही होता”……क्या ये अभिमान में कहा था ? …

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