बर्फीले तूफानों से संघर्ष करते एस्किमो।American Eskimo Janjati Ki Jeevan Gatha।

एस्किमो जनजाति की मिसाल संघर्ष भरी जीवन गाथा।American Eskimo Janjati Ki kathin Jeevan Gatha।

एस्किमो जनजाति।Eskimo tribes।

एस्किमो जनजाति (American Eskimo Janjati) वर्ष के 365 दिन बर्फ के ऊपर रहते हैं।न उनमें कबीले है और न राजनैतिक संगठन। यह लोग सरल और सहज रूप से प्रकृति के अंग के रूप में आज भी उसी प्रकार फिरते हैं जैसे कि सुदूर अतीत में पाषाण युगी मनुष्य फिरा करते थे।ये है उत्तरी अलास्का,कनाडा, ग्रीनलैंड और लैब्राडोर के उत्तरी भागों में रहने वाले एस्किमो जो इस पृथ्वी पर संभवत: सबसे अधिक प्रतिकूल परिस्थितियों में रहते हैं।

चारों और बर्फ,उबड़-खाबड़ भूमि, भीषण बर्फीले तूफान, जमे हुए समुद्र और वर्ष के अधिकांश दिनों में हिमांक से 50 डिग्री सेल्सियस कम तापक्रम- बस यही है|American Eskimo Janjati लोगों का पर्यावरण जिसमें तनिक सी भी चूक का मतलब है मौत। पर उन्होंने अपने को जीवित बनाए रखने की विधियां खोज निकाली है। कठोरतम भौगोलिक परिस्थितियों में भी कैसे रहा जा सकता है? एस्किमो जीवन इसकी एक मिसाल है।

मंगोल जाति से मिलते जुलते होते हैं एस्किमो (American Eskimo)।

एस्किमो लोग अन्य मनुष्यों से अलग नहीं है। संसार के अन्य मनुष्यों से वह केवल इस बात में अलग है कि उन्होंने एक ऐसे क्षेत्र में जीवित रहना, खाद्य प्राप्त करना और बच्चों को पालना सीख लिया है, जहां हर कदम पर मौत का साया है। एस्किमो मंगोलों के भांति कद में छोटे, काले बालों, गालों की ऊंची हड्डियों और तिरछी आंखों वाले होते हैं। लगभग सभी का स्वभाव अच्छा,विनोदी होता है।

वे अपने बच्चों को बड़े प्यार से पालते हैं। लोग समझते होंगे कि अपने जीवन की परिस्थितियों के समान एस्किमो कठोर और कटु स्वभाव वाले होंगे पर ऐसा नहीं है।वे अपने परिवारों में कठोर अनुशासन रखते हैं, पर कठिनाइयों को प्रसन्नता से सहते हैं और नित्य बड़ी शांति से मृत्यु का सामना करते हैं। वे संसार में शायद सबसे अधिक अतिथि सत्कार करने वाले लोग है।

एक सवाल यह उठता है कि, मंगोल प्रजाति के लोग अलास्का या कनाडा में कैसे आए?  वैज्ञानिकों का मानना है कि एस्किमो लोग अब से लगभग 20000 वर्ष पूर्व मंगोलिया के विस्मृत मैदानों से बेरिंग जलडमरूमध्य के मार्ग से समुद्री सतह पर जमी बर्फ से बने पुल को पार कर इधर आए थे। उन्होंने अपना पुराना प्रदेश क्यों छोड़ा, यह अब तक रहस्य बना हुआ है। इसके बारे में कोई नहीं जानता।

एस्किमो के बर्फ का घर-इग्लू।Eskimo House-Igloo.

एस्किमो (American Eskimo) का घर इग्लू कहलाता है। एस्किमो भाषा में इस शब्द का अर्थ बर्फ का मकान होता है। आदिम मनष्य द्वारा निर्मित घरों में यह शायद सबसे अधिक चतुराईपूर्ण है।

ईग्लू ध्रुवीय क्षेत्र में साधारणतया मिलने वाली वस्तु एवं जमे हुए पानी अर्थात बर्फ से बनाया जाता है। आंधी में उड़ने वाली वह हिमतुल जो गरजते हिम-अंधड़ के रूप में एस्किमो की मृत्यु का कारण बन सकती है।जब उसके द्वारा इग्लू बनाने की क्रिया में हिम सिल्लियों के बीच भर दी जाती है तो जीवन रक्षक बन जाती है।

इग्लू बर्फ की सिल्लीओ को एक गोलार्द्ध मंडप के रूप में चिनाई कर बनाया जाता है। एस्किमो अपने अर्धवृत्त आकार के हीम चाकू से बर्फ की सिल्लियों को काटकर उन्हें अपने चारों और एक वृत में चिनाई करते हैं,व उन्हें इस प्रकार तिरछा काटते हैं कि उनका ढलान भीतर की और रहता है। एस्किमो अपना इग्लू भीतर की ओर से बनाता है। वह अपने पैरों के चारों और मोटे हिम के ढेर में से सिल्लियां काटता है। इसके परिणाम स्वरूप ज्यों-ज्यों इग्लू ऊंचा उठता है उसका फर्श नीचा होता जाता है। जब निर्माण पूरा हो जाता है तो निर्माता एक पूर्ण मंडप के भीतर होता है।भीतर का फर्श मंडप की ऊंचाई के बराबर गहरा होता है। घर की यह गोलार्ध आकृति वह वायुगतिकीय  रचना है जो गरजती आंधियों के मार्ग में सबसे कम बाधा डालती है। हिम अंधड़ किलकते हुए उसके चारों और चकराते निकल जाते हैं और लोग उसके भीतर निश्चिंत विश्राम करते रहते हैं। जब इग्लू बनकर तैयार हो जाता है तो उसकी चोटी में गर्म हवा निकलने के लिए एक छेद बना दिया जाता है।

एस्किमो का प्रमुख भोजन है मछली।

एस्किमो बर्फ से घिरे हुए समुद्र के ऊपर रहते हैं ऐसी स्थिति में इन्हें मछली का शिकार करना बेहद ही चतुराई का काम होता है। मछली एस्किमो लोगों का मुख्य भोजन है पर मछली मिले कहां?  वे मछलियों को उसी प्रकार पकड़ते हैं जिस प्रकार सभी बर्फीले स्थानों में पकड़ी जाती है। बर्फ में एक छेद बना लिया जाता है और लुभाव लगाकर कांटा उसमें लटका दिया जाता है। इसकी रस्सी छेद के ऊपर रखी हुई एक आईडी लकड़ी से बंधी होती है।लकड़ी पर एक झंडा लगा होता है। जब मछली फसती है तो झंडा हिलने लगता है। एस्किमो ऐसे बहुत से कांटे लगाता है और वह अपने और अपने परिवार के लिए खाने की व्यवस्था में सतर्क रहता है। जब कोई झंडा तेजी से हिलने लगता है तो वह रस्सी को जल्दी से छेद में से खींच लेता है।मछली बर्फ पर फेंक दी जाती है, जहां वह तुरंत जम जाती है। इस प्रकार से करता है वह मछली का शिकार।

सील का शिकार कहीं अधिक कठिन काम है। सील बर्फ के नीचे रहती है, वह नीचे से उसमें छेद करती और ऊपर तक एक वायु छिद्र बना लेती है।इससे उसे सांस के लिए हवा मिलती है और उसे हवा के लिए खुले पानी में नहीं जाना पड़ता।एस्किमो एक ऐसे क्षेत्र के निकट कई दिनों खड़ा रहता है उसका हारपुन सदा तना और चाकू तैयार रहता है।जब सील अपनी उधर्वाधार सुरंग में घुसती है तो हारपुन नीचे धंसा दिया जाता है।उसके कांटे सील के मांस में अटक जाते हैं। इसके बाद एक भीषण संघर्ष आरंभ होता है। एस्कीमो तड़पती सील को एक हाथ से पकड़े रहता है और दूसरे हाथ से जल्दी से छेद के चारों ओर से इतनी बर्फ काटता है कि वह सील में अपना चाकू धंसा सके। उसके बाद वह अपने कुत्तों की सहायता से सील को पानी  में से खींच लेता है। इससे उसके परिवार के वास्ते 1 सप्ताह के भोजन की व्यवस्था हो जाती है।

नानुक भालू से बेहद डरता है एस्किमो।

एस्किमो के लिए सबसे कठिन और भयानक शिकार नानूक या ध्रुवीय भालू का है। असल में नानुक भड़क कर इतना आक्रामक और खतरनाक हो जाता है कि वह एस्किमो और उसके कुत्तों सभी को मार देता है। परंतु उसकी सफेद बालदार खाल इतनी मूल्यवान होती है कि सारे खतरे उठाकर भी एस्किमो नानुक भालू का शिकार करना चाहता है। इसके लिए वह यह सावधानी बरतना है कि उसका सामने से शिकार नहीं करता, तरकीब लगाकर धोखे से मारता है।

एस्किमो जनजाति के सच्चे दोस्त हस्की कुत्ते।American Eskimo Dog|

हस्की कुत्ते जो एस्किमो लोगों के साथ शायद उत्तरी-पूर्वी एशिया से ही आए हैं। एस्किमो लोगों के सच्चे साथी है। यदि ये न होते तो एस्किमो लोग इस भयानक प्रतिकूल परिस्थिति वाले भूभाग में जीवित रह पाते, इसमें संदेह है।ये स्लेज गाड़ी खींचते है। शिकार हेतु जानवर का पता लगाते हैं। उसे घेरते है, मारने में सहायता करते हैं। सच्चाई तो यह है कि इस प्रदेश में इंसान और जानवर दोनों मिलकर काम करते हुए एक दूसरे को जीवित रहने में सहायता प्रदान करते हैं। कुत्तों के शरीर भी यहां के ठंडे और बर्फीले वातावरण के अनुकूल हो गए हैं। उनके शरीर पर दोहरे बाल होते हैं, दांत छोटे, शीतरुद्ध होते हैं और पूछ कलंगीनुमा, झबबेदार होती है। बर्फ में सोते समय वह अपने मुंह को पूछ से ढक कर ही गर्म रखता है।उसके चौड़े पंजे बर्फ को मजबूती से पकड़ते हैं। उसका मोटा शरीर तथा चौड़ी छाती उसे खींचने की शक्ति प्रदान करती है।

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