50 मजेदार पहेली(50 Majedar Paheliya) बूझो तो जाने

प्रिय पाठकगण,

neelgyansagar blog कि इस पोस्ट में, मैं आप लोगों को 50 मजेदार पहेलियां बताने जा रहा हूं जो आपकी दिमागी कसरत को करेगी। यह पहेलियां विशेष रूप सेमेने बच्चों के ज्ञानवर्धन हेतु तैयार की है।मुझे पूर्ण विश्वास है आप इन मजेदार पहेलियो का भरपूर आनंद लेंगे। ये हिंदी की top 50 paheliya आपके आनंद के लिए प्रस्तुत है:

 

1. दाने-दाने गिनती जाती,

   दादी अम्मा रोज फिराती।

         –माला

 

2. बचपन हरा बुढ़ापा लाल,

    जो भी खाए हो जाए बेहाल।

         – मिर्ची

 

3. खेतों में खलिहानो में,

  गलीयो और बाजारों मे।

  हर घर मे है पाई जाती,

   दो पैरो पर सैर करती।।

   –साईकिल

 

4. प्रथम कटे तो जल जाता हूं, अंत कटे तो कर दु जंग।

    करते लोग कुल्हाड़ी लेकर ,अपने खातिर मुझको तंग।।

  – जंगल

 

5. दो सखियां रहती है पास, चलती भी दोनो है साथ,

     पर दोनों है दुर्भाग्यशाली, नही मिल पाती वे मतवाली।

   –आँखे

 

6. पत्थर पर पत्थर,पत्थर पर पैसा।

    बिना पानी के घर बनाए, वह कारीगर कैसा।

    – मकड़ी

 

7. चांद सा मुखड़ा तन सा जख्मी

    बिन पैरों के वह चलता है,

     राजदुलारा सबका प्यारा

    मेहनत से वह मिलता है।

         –पैसा

 

8. एक फूल है काले रंग का

    सिर पर सदा सुहाए,

    तेज धूप में खिल खिल जाए 

    पर छाया में मुरझाए। 

     –छाता

 

9. गंधहीन हुं, रंगहीन हूं,

    मैं हूं जीवन का आधार,

    पहले कभी नहीं होता था,

   अब होता मेरा व्यापार।  

    पानी

 

10.तीन अक्षर का मेरा नाम ,

     उल्टा सीधा एक समान,

     पैर कटे तो रहता नम,

     शीश कटे तो बनता मन।

    नमन

 

11. आसमानी चादर पर, जलता हुआ सिक्का

       सबको मैं जीवन देता हूं बूझो मेरा किस्सा।

     सूरज

 

12. दूर-दूर से वो आती, हमको अपनों से मिलवाती।

      ना देखे ना मुंह से बोले,फिर भी मन की बातें जाने।

     चिट्ठी

 

13. चार है उसके टीकम टिक्का

         बीच में उसका बाना 

      दो छोटी दो बड़ी भुजाएं 

         भेद है हमने जाना।

     चारपाई

 

14. पीला नीला भोंपू जैसा

      लगता जैसे ग्रामोफोन 

      प्यारा प्यारा लगता हूं 

      बतलाओ तो मैं हूं कौन।

     कनेर का फूल

 

15. पंख है लेकिन चिड़िया नहीं

      रंग बिरंगी पर गुड़िया नहीं

       पल में आए पल में जाए

     कोई इसका नाम बतलाए

    तितली

 

16. दिन भर मेहनत करता रहता

      वह सीधा एक जानवर

       उसको माने मूर्ख सभी तो

      मार भी खाता और चुप भी रहता

      गधा

 

17. भारत मां की फरियाद रहा

      मरते दम तक आजाद रहा 

      हाथ में पिस्तौल कांधे जनाउ

     बस यही उसका अंदाज रहा 

      चंद्रशेखर आजाद

 

18. कच्चा तब तक हरा-हरा है

      पक्का हो गया पीला आम

       संतरा नहीं मौसंबी नहीं 

       सचमुच बड़ा रसीला

        नींबू

 

19. एक ऐसी कली बताओ

       जो घर-घर में मिलती

       बाग बगीचे वन उपवन में 

       लेकिन कभी न खिलती

        छिपकली

 

20. पर्वत से मैं निकल रही हूं 

      मैदानों में मचल रही हूं

       कल कल कर बहती हूं 

      मैं गांव शहर के साथ जुड़ी हूं 

           नदी

 

21. दिल्ली ढूंढा मुंबई ढूंढा

       फिर पहुंचा कोलकाता 

       एक अचंभा मैंने देखा

        फल के ऊपर पत्ता 

          मक्का

 

22. चार खूंट का नगर बसा है

      चार कुए बिन पानी

       चोर अठारह उसमें बैठे

       लिए संग एक रानी 

           कैरम बोर्ड

 

23. हरा दरवाजा और लाल मकान 

      उसमें से निकले काले नौजवान

           तरबूज

 

24. चार अक्षर का मेरा नाम

       आती हो रण में काम

      सबका दिल दहलाने वाली

      संकरा सा है मेरा धाम 

             तलवार

 

25. तीन अक्षर का मेरा नाम 

       उल्टा सीधा एक समान

       सोने का पर्याय हूं मैं

      साथ ही एक अनाज का नाम

            कनक

 

26. मैं चलता हूं वह चलती है

      मैं रुकता हूं वह रूकती है

               छाया

 

27. सिर कटे तो बनता दोस्त 

       पूँछ कटे तो बनता सीता

      मध्य कटे तो बने खोपड़ी 

      पहेली बड़ी विचित्र 

              सियार

 

28. दो अक्षर का मेरा नाम 

     पसीना सुखाना मेरा काम

       बिजली गई तो हूं बेकार 

      बच्चों बताओ मेरा नाम

                – पंखा

 

29. खट्टी हूं पर मीठी भी 

      कुछ टेडी कुछ सीधी भी 

        मुझे मजे से कच्चा खाओ

        पक जाऊं तो पना बनाओ

             इमली

 

30. बड़ी कठोर खोपड़ी मेरी

       जिसके सिर पर बाल

      ऊंची डाल पर लगा रहता

        मिले मेवा जो तोड़े खाल

             नारियल

 

31. एक शक्ल के हम दो भाई 

      दोनों रहते संग दबकर 

       तुम्हारे कदमों तले धूप 

       कांटों से करते जंग

                 जूते

 

32. एक जगह पर खड़ा हुआ हूं 

      परहित पथ पर अड़ा हुआ हूं 

      मेरी पूजा करते मानव

       मुझे काटते अनपढ़ दानव 

                  वृक्ष

 

33. जीवन का आधार वही है

      धरती का श्रृंगार वही है 

      छांव फूल फल मेवा देता

      पंछी का घर बार यही है

                  पेड़

 

34. ऐसा शब्द लिखकर शब्द बनाए

      फूल मिठाई फल बन जाए

               गुलाब जामुन

 

35. खुशबू है पर फूल नहीं

      जलती है पर ईर्ष्या नहीं

              अगरबत्ती

 

36. निशा होते मैं आता 

      चांदी का रंग बरसाता

      बच्चों की मां का हूं भाई

       पूर्णिमा को बड़ा सुहाता 

                चंद्रमा

 

37. भोर उगे सूरज पर छाती 

     शरमाये चेहरे पर आती 

    होठों पर लगती मतवाली

     लगती हूं मैं सबको लाली

                लालिमा

 

38. मिट्टी से में जीवन पाउ 

      प्यास सभी की दूर भगाउ 

      जाडो में करता आराम

      गर्मी में में आता काम

                घड़ा

 

39.मेरे लिए है सभी बराबर 

     कोई छोटा बड़ा नहीं

       मैं अंधा हू 

      मेरे सम्मुख कोई खड़ा नहीं

             –  क़ानून

 

40. छोटी हूं पर खोटी नहीं

      निर्बल हूं पर कायर नहीं

       अगर मैं अपनी हठ पे आउ 

       गज से भी मैं नहीं घबराउ

              चींटी

 

41.तीन अक्षर का मेरा नाम 

     आंखों की रक्षा है काम

       मध्य कटे तो कॉल कहाउ 

      प्रथम कटे पानी हो जाऊं 

                 काजल

 

42. फल सब्जी की पौध लगाता 

      पाल पोस कर उन्हें बढ़ाता

      चोरों को मैं नहीं सुहाता

       हरदम बगिया की रखवाली करता

                माली

 

43. मोटी मोटी है खाल उसकी

       लंबे लंबे उसके बाल

      नाम बताओ उसका बच्चों 

      शहद का तुम करो ख्याल 

                   भालू

 

44. चोर नहीं डाकू नहीं 

       नहीं कहीं की रानी 

        32 सिपाही घेरे रहते

         तन मन पानी पानी

                 –  जीभ

 

45. उड़ते हैं यह मानो चील 

       जल देते मानो है झील

         बहुत बड़े ज्यो पर्वत ढेर

        गर्जा करते हैं ज्यों शेर

                  – बादल

 

46. चार पैर का छोटा जीव

      धीमी जिसकी चाल वाला

        रहे नदी में चले जमीन पर

        मोटी खाल वाला 

                   कछुआ

 

47. एक जंतु बगिया का राजा

       लगे बजाता सा वह बाजा

       पक्षी नहीं पर उड़ता जाए

        पशु नहीं पर भाटपाद कहलाए

                     – भौरा

 

48. छुक-छुक का वह गाना गाए

      दूर-दूर की सैर कराएं 

      किसने किया है यह आविष्कार

       नाम बताओ मेरे यार 

                  –जेम्स वाट

 

49. छोटा हूं पर बड़ा कहांउ 

      सदा दही में गोते खाऊं

                  – दही बड़ा

 

50. डाली से जुदा होकर मैं

      धागे से घायल होता हूं

        फिर भी धन्य है मेरा भाग्य 

       मैं प्रभु को समर्पित होता हूं

                     फूल

 उम्मीद है आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी|

1 thought on “50 मजेदार पहेली(50 Majedar Paheliya) बूझो तो जाने”

Leave a Comment