सरपंच के कार्य एवं शक्तियां।Power and duties of Sarpanch In Hindi।

ग्राम पंचायत के मुखिया सरपंच के कर्तव्य एवं शक्तियां क्या होती है?।What are Duties And Powers of Gram Pradhan Or Sarpanch?।

सरपंच
सरपंच
Sarpanch Duty And Power।

राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा-32 एवं नियम, 1996 के नियम 33 सरपंच को कार्य एवं शक्तियां देते हैं। इस अधिनियम के नियमों के तहत पंचायत के निर्वाचित अध्यक्ष होने के नाते सरपंच को ग्राम सभा के सदस्यों से सलाह करके काम करने होते हैं। सरपंच  को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर,बिना किसी भेदभाव के,सबको शामिल करके,निष्पक्ष और पारदर्शिता से काम करना होता है।

सरपंच के कार्य और शक्तियां

  • ग्राम सभा की सभी जरूरी, विशेष और आवश्यक बैठकों को समय और नियम के अनुसार  बुलाना, उनकी अध्यक्षता करना, इसकी सूचना और रिपोर्ट सरकार के ऊपरी स्तर तक पहुंचाना। 
  • पंचायत की कौरम बैठक हर 15 दिन पर बुलानी होती है। राजस्थान सरकार ने माह की 5 को 15 तारीख इसके लिए पहले से तय कर रखी है। उसे नियत समय पर बुलाना,उसकी अध्यक्षता और संचालन करना, इनके फैसलों को अमल में लाना और इसकी प्रगति अगली पाक्षिक बैठक के सामने रखना।
  • ग्राम पंचायत के सभी कामों को पूरा करना और उनकी निगरानी करना। 
  • गांव के विकास के कामों जैसे कि बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, खेती, सिंचाई, पशुपालन, भूमि सुधार, दूध, दूध से बनी चीजों, मछली पालन, मकान, उद्योग, ऊर्जा, बाजार की जिम्मेदारी निभाना, वित्तीय और जन सहयोग जुटाना। 
  • गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों (BPL) की पहचान और ग्रामसभा से चयन करवा कर गरीब परिवारों तक सभी लाभ और ऋण (Loan) पहुंचाना।
  • यह देखना की ऋणों का समय पर भुगतान और वसूली हो। 
  • राज्य से लेकर पंचायत स्तर तक के सभी दिशानिर्देशों,कामों, समितियों और निर्णयों की पालना करना और करवाना। 
  • सभी आंकड़ों जैसे कि जन्म-मृत्यू, विवाह का पंजीकरण को इकट्ठा करना और जानकारी रखना।
  • साक्षरता, शिक्षा, परिवार कल्याण, उन्नत कृषि, बाल विकास जैसे सभी अभियानों की जानकारी लोगों को देना। इनका प्रचार-प्रसार करना।
  • ग्राम पंचायत में महिला सभा की बैठकों का आयोजन।
  • सामाजिक बुराइयों की रोकथाम के कानूनों की जानकारी लोगों को देना और इन्हें होने से रुकवाना। 
  • प्राकृतिक आपदा की स्थिति में क्या-क्या किया जाना चाहिए? इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाना और पात्र लोगों के दावे तैयार कराना एवं उन्हें समय पर भुगतान कराना।
  • विधवा, परित्यक्ता, निशक्तजन, वृद्धावस्था पेंशन, मुख्यमंत्री रक्षा कोष और दूसरी सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ और मशीन उपकरण पात्र लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था करना। 
  • पंचायत से किसी भी तरह का निजी लाभ नहीं उठाना। 
  • आय के स्रोत को बढ़ाना, पंचायत की सार्वजनिक भूमि, मार्ग, भवन, तालाबों, कुओं, पुलिया व नालियों एवं सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा और रखरखाव की व्यवस्था करना। 
  • आबादी भूमि, गोचर भूमि और सार्वजनिक जगहों पर से अतिक्रमण हटाना और रोकना, नाजायज कब्जा करने वालों से जुर्माना वसूल करना।
  • चारागाह, वनों की भूमि और क्षेत्रों का विकास, इनकी सुरक्षा करना। 
  • विभिन्न कार्य योजनाओं के लिए मिली धनराशि, पंचायत कोष का हिसाब किताब रखना, नियमों के अनुसार ही खर्च करना, और दुरुपयोग रोकना ,अगर दुरुपयोग हो तो इसके खिलाफ कार्रवाई करना, इसकी सूचना इससे जुड़े विभाग को देना। 
  • पंचायत कोष की राशि को डाकघर/बैंक में सुरक्षित करना।कम से कम राशि निकालना। सभी भुगतान डिजिटल तौर पर करना। 
  • रुपए 2.5 लाख तक की राशि के ग्राम सभा में पारित कामों और योजनाओं के पूरा होने पर ग्राम विकास अधिकारी के सरपंच हस्ताक्षर पूर्णता प्रमाण पत्र लेना। 
  • पंचायत की आय(Income) के लिए मिले मांग पत्र/वारंट/कुर्की समय पर पूरी कर संपत्ति की नीलामी से पंचायत की वसूली करवाना

सरपंच ग्राम पंचायत का मुखिया होता है| मुखिया होने के नाते उसका ग्राम पंचायत की जनता के प्रति कर्तव्य बनता है की वह ग्रामीणों को स्वच्छता,शिक्षा,चिकित्सा एवं न्यायिक सुविधाए प्रदान कर ग्रामीणों का जीवन ऊपर उठाने में पूर्ण सहयोग करे|

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