सड़क सुरक्षा में राजस्थान का नवाचार हाईटेक इंटरसेप्टर वाहन।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास से 25 हाईटेक इंटरसेप्टर वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।डिजिटल तकनीक से सुसज्जित इंटरसेप्टर रात्रि में भी गति मापने एवं वाहन नंबर प्लेट पढ़ने में सक्षम हैं। ये वाहन सड़क सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने में कारगर साबित होंगे।राज्य सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा कोष से लगभग 5 करोड़ रुपए लागत से राजस्थान पुलिस को इंटरसेप्टर उपलब्ध कराए गए हैं।
सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाएंगे हाईटेक इंटरसेप्टर वाहन।
सड़क सुरक्षा में राजस्थान का नवाचार|
राज्य सरकार प्रतिबद्धता से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रयासरत है। पुलिस एवं संबंधित विभागों को अत्याधुनिक संसाधनों व जागरूकता अभियानों के लिए वित्तीय स्वीकृतियां दी जा रही है। देश में प्रतिवर्ष हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। सड़क हादसों में मरने वालों के परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ता है, उनके बच्चे अनाथ हो जाते हैं। ऐसे में, हर व्यक्ति की जान को कीमती मानते हुए सड़क दुर्घटनाएं रोकना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।
ई-चालान बनाने में सक्षम है हाईटेक इंटरसेप्टर वाहन।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस श्री वी. के. सिंह ने बताया कि ये इंटरसेप्टर कॉन्टेक्टलैस एवं कैशलैस इन्फोर्समेंट सुनिश्चित करेंगी। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले हाई डेफिनेशन कैमरा सहित, एक किलोमीटर दूरी से वाहनों की गति मापने की क्षमता की स्पीड लेजर गन है। ये इंटरसेप्टर दिन में 250 मीटर तथा रात में 100 मीटर की दूरी से तेज गति वाले वाहनों के नम्बर प्लेट पहचान कर सकेंगी। साथ ही, फोटो-वीडियो लेकर एआई तकनीक से NIC के ITMS सुविधा से ई-चालान जारी करने में सक्षम है।
इनमें लेजर ट्रैक गति कैमरा के अतिरिक्त 360 डिग्री का कैमरा रिकॉर्डर, श्वांस से एल्कोहल की मात्रा मापने की डिवाइस (Breath Alcohol Analyzer), टिंट मीटर, एलईडी साइनेज, एलईडी लाइटबार, उच्च क्षमता का साइरन तथा पीए सिस्टम उपलब्ध है। इनमें प्राथमिक बचाव और चिकित्सा किट भी उपलब्ध है।
सड़क सुरक्षा में राजस्थान का नवाचार|
किस जिले को कितने मिले इंटरसेप्टर हाईटेक वाहन।
इनमें 4 इंटरसेप्टर यातायात आयुक्तालय जयपुर, 2-2 उदयपुर, अजमेर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, भीलवाड़ा, 1-1 नागौर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, पाली, अलवर, झुंझुनूं, जोधपुर ग्रामीण, झालावाड़, सिरोही और कोटा शहर को दी गई हैं।
उल्लेखनीय है कि सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में तेज गति एवं नशे में वाहन चलाना है। राज्य सरकार ने इन्हीं को ध्यान में रखते हुए पुलिस को इंटरसेप्टर उपलब्ध कराए हैं। इस अवसर पर परिवहन एवं सड़क सुरक्षा राज्य मंत्री श्री बृजेंद्र ओला, गृह राज्य मंत्री श्री राजेंद्र सिंह यादव, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, महानिदेशक पुलिस श्री उमेश मिश्रा, प्रमुख शासन सचिव श्री आनन्द कुमार, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस श्री वी.के. सिंह तथा परिवहन एवं सड़क सुरक्षा आयुक्त श्री कन्हैया लाल स्वामी सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।