शुद्ध के लिए युद्ध अभियान 2021।Shuddh ke liye uddh abhiyan 2021।

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान 2021 राजस्थान।

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान।Shuddh ke liye uddh abhiyan।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान|

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान का परिचय।

राजस्थान राज्य में मिलावट को रोकने के लिएशुद्ध के लिए युद्ध अभियान” चलाया जा रहा है। विभिन्न त्योहारों जैसे-होली, दीपावली, रक्षाबंधन आदि पर विशेष अभियान चलाया जाता है ।अभियान के तहत सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच की जाती है। मिलावटी पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
शुद्ध सामग्री उपलब्ध कराने व मिलावटखोरों के विरुद्ध कड़े कदम उठाने हेतु राजस्थान खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण का गठन किया गया है। इसे और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए आयुक्तालय खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण का गठन किया गया है। 200 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के अतिरिक्त पद भी स्वीकृत किए गए हैं। वर्तमान में 11 खाद्य प्रयोगशाला एवं 9 मोबाइल खाद्य प्रयोगशालाए संचालित है। तथा 7 खाद्य प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जा रहा है तथा 25 मोबाइल खाद्य प्रयोगशालाए क्रय की जा रही है।

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की प्रक्रिया।

संगठित मिलावटखोरों के बारे में जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाता है और जानकारी सही पाए जाने पर उनको उचित इनाम भी दिया जाता है। सूचना देने वाले को अनसेफ फूड प्रमाणन पर ₹51000 तथा सब्सटेंडर्ड होने पर ₹5000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
मुखबिर की पहचान गोपनीय रखने के उद्देश्य से उसे यूनिककोड से पहचाना जाता है। चालान के वक्त ही प्रोत्साहन राशि का आधा हिस्सा सूचना देने वाले व्यक्ति को दिया जाता है। मिलावट की सूचना हेल्पलाइन नंबर 181 पर, जिला स्तर पर, जिला कलेक्टर एवं संबंधित अधिकारियों को दे सकते हैं।

श्री गहलोत ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए संगठित गिरोह के रूप में फैक्टरी लगाकर नकली, खाद्य पदार्थ, मसाले एवं दूध आदि तैयार करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता के लिए यह जरूरी है कि आम लोग भी जागरूक हों और ‘शुद्ध के लिये युद्ध’ अभियान में सरकार का साथ दें। उन्होंने कहा कि संगठित मिलावटखोरों के बारे में जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा और जानकारी सही पाए जाने पर उनको उचित इनाम भी दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान में पूर्ण पारदर्शिता रखी जाए। उन्होंने मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए यदि आवश्यक हो तो कानून में समुचित संशोधन किया जाए।

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शुद्ध के लिए युद्ध अभियान राजस्थान में अब तक।

वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक खाद्य पदार्थों के 33329 नमूने लिए, जिनमें से 7126 प्रकरण अमानक पाए गए।अमानक प्रकरणों में से 5680 प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। इन प्रकरणों में से 2270 निर्णित हो चुके हैं।निर्णित प्रकरणों में 8.29 करोड रुपए की जुर्माना राशि लगाई गई है।

मुख्यमंत्री ने ’शुद्ध के लिये युद्ध’ अभियान की योजना बनाने और उसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला-स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाने के निर्देश दिए। यह समिति अभियान का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग भी करेगी। समिति में जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ), जिला रसद अधिकारी, वाणिज्यकर अधिकारी तथा डेयरी विभाग का प्रबंधक निदेशक या अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। समिति के निर्देशन में कलक्टर द्वारा नामित उप खण्ड अधिकारी अथवा विकास अधिकारी, तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार के नेतृत्व में एक कार्रवाई दल गठित होगा, जो मिलावटखोरों के खिलाफ मौके पर जाकर कार्रवाई करेगा। इस दल में खाद्य सुरक्षा निरीक्षक, बाट एवं मापतोल विभाग, पुलिस तथा डेयरी के अधिकारी भी रहेंगे। 

सूचना देने वालों को 51,000 रूपए की प्रोत्साहन राशि|

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान” की अवधि में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले उत्पादकों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए सूचना देने वालों को ‘अनसेफ फूड’ प्रमाणन पर 51,000 रूपए तथा ‘सब-स्टेण्डर्ड’ होने पर 5,000 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि चालान के वक्त ही प्रोत्साहन राशि का आधा हिस्सा सूचना देने वाले व्यक्ति को दे दिया जाए। उन्होंने एफएसएसएआई द्वारा जारी प्रमाण पत्रों का व्यावसायिक संस्थानों में डिस्प्ले सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए।

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