शहद खाने के 10 चमत्कारिक फायदे। 10 amazing benefits of Honey
विभिन्न प्रकार के फूलों के रस को चूसकर मधुमक्खियां शहद का निर्माण करती है, जो मूल रूप से गाढ़ा होता है। इसकी विशेषता है की यह कभी खराब नहीं होता है। शुद्ध शहद का उपयोग आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा में अत्यधिक महत्व रखता है। इसे खाने के कई फायदे हैं। इन चमत्कारिक फायदों के बारे में इस लेख में हम जानेंगे।
1.चेहरे को चमकदार बनाने में उपयोगी
चेहरे की सुंदरता तथा त्वचा को कोमल बनाने के लिए शहद का प्रयोग काफी लाभप्रद है। इसके लिए सोने के लिए जाने से पूर्व चेहरे पर शहद को हल्के से मल दिया जाता है। सुबह होने पर इसे ठंडे पानी से धो लिया जाता है। इस प्रयोग को कम से कम 1 सप्ताह नियमित करने से चेहरा काफी कोमल व सुंदर हो जाता है, एवं चेहरे में चमक उत्पन्न हो जाती है।
2.मोटापे से छुटकारा पाएं
कई व्यक्तियों में वसा की मात्रा अधिक बढ़ जाती है, जिसके कारण वह मोटापे के शिकार हो जाते हैं, एवं भद्दे दिखाई पड़ते हैं। शरीर में अधिक जमा हुए वसा को घटाने का भी एक प्रयोग शहद के द्वारा संभव है। इस प्रयोग के अंतर्गत संबंधित व्यक्ति गुनगुने जल की लगभग 50 मिलीलीटर मात्रा ले, और इसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर रोजाना सुबह इसका सेवन करें। कुछ ही दिनों में इस प्रयोग से शरीर में जमा होने वाली अधिक चर्बी की मात्रा घटने लगती है। उपचार के दौरान संबंधित व्यक्ति को चर्बी युक्त पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
3.घावों को करें ठीक
पके हुए घावों को अच्छा करने के लिए भी शहद उपयोगी होता है। इसके लिए उन पर केवल शहद का प्रयोग मरहम के रूप में करना होता है। इसी प्रकार खुजली, छालो अथवा चेहरे पर उत्पन्न होने वाली फुंसियों को भी केवल मात्र शहद लगाकर ठीक किया जा सकता है।
4.चमड़ी के सफेद निशानों को दूर करें
जलने से शरीर पर सफेद निशान पड़ जाते हैं। उसे भी शहद के द्वारा अच्छा किया जा सकता है। ऐसे निशानों को अच्छा करने हेतु उस जले हुए स्थान पर शहद लगाकर उसके बाद उस पर रुई का फोहा बांध दिया जाता है। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में त्वचा का रंग सामान्य हो जाता है। इस उपचार से जले हुए स्थान के पुराने दाग को ठीक नहीं किया जाता है। इसी प्रकार जल जाने पर जले हुए भाग पर शहद लगाने से तुरंत ही जलन की तीव्रता भी कम हो जाती है,तथा वहां दाग पड़ने का भय भी नहीं रहता है।
5.सूखी खांसी व कफ़ को ठीक करें
सूखे कफ़ तथा खांसी को ठीक करने हेतु 10 ग्राम शहद में लगभग 4 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर 3 दिनों तक लेने से काफी आराम मिलता है। इसी प्रकार छाती में जमा हुआ कफ 10-10 ग्राम शहद दिन में दो से तीन बार तक लेने से ठीक हो जाता है अर्थात वह गलकर बाहर निकल आता है। यह प्रयोग 3 दिनों तक किया जाता है।
6.दांतो के लिए लाभदायक है शहद
दातों के लिए भी शहद उपयोगी है। इसके लिए शहद में सिरका समान मात्रा में मिलाकर इस मिश्रण से दांत साफ किए जाते हैं। इनसे दांत सफेद चमकीले एवं मजबूत होते हैं। इसी प्रकार 10 ग्राम शहद को मुख् में कुछ समय तक रखने से मुख से आने वाली दुर्गंध समाप्त हो जाती है, तथा पायरिया एवं मसूड़ों की बीमारी भी ठीक हो जाती है। प्रयोग कम से कम 1 सप्ताह से 15 दिनों तक किया जाता है, अगर आवश्यक हो तो कुछ दिन और बढ़ाये जा सकते हैं। जिन बच्चों के दांत निकलने को होते हैं उनके मसूड़ों पर एक उंगली की सहायता से थोड़ा-थोड़ा शहद लगा देना चाहिए, ऐसा करते रहने से बच्चों के दांत बिना किसी कष्ट के निकल आते है। इस प्रयोग को दिन में केवल दो बार सुबह और रात्रि में करना चाहिए। सामान्य नेत्र विकार, आंखों की वेदना नेत्रों में शहद लगाने से ठीक हो जाती है।
7.कब्ज मिटाने का रामबाण इलाज है शहद
कई लोग कब्ज से पीड़ित रहते हैं। ऐसे लोगों के लिए भी शहद अमृत के समान होता है। इसके लिए लगभग 200 मिलीलीटर गुनगुने पानी में 10.ग्राम शहद तथा एक नींबू का रस निचोड़ कर सुबह-सुबह लेने से काफी आराम मिलता है। कुछ दिनों के इस प्रयोग से उक्त शिकायत नहीं रहती है। यह प्रयोग रक्त का शुद्धिकरण भी करता है। इस प्रयोग से व्यक्ति को दोहरा लाभ होता है अर्थात इससे कब्ज और मंदाग्नि की समस्या तो दूर होती है, साथ-साथ रक्त शुद्ध हो जाने से अनेक व्याधियों से भी वह मुक्त रहता है।
8.हिचकी में दिलाता है आराम
प्रमेह रोगों में लगभग 10 ग्राम शहद के साथ चौथाई हिस्सा हल्दी का चूर्ण लेने से अथवा 10 ग्राम शहद से हिचकी में भी तुरंत आराम होता है। इसके लिए 5 ग्राम अथवा 10 ग्राम शहद में थोड़ी सी अगर की राख मिलाकर चाटना होता है अगर की राख अगर को जलाकर प्राप्त होती है।
9.दाद को ठीक करें शहद लगाकर
दाद को ठीक करने के लिए प्रभावित हिस्से पर शहद तथा रेपसीड (सोयाबीन) का चूर्ण मिलाकर लगाया जाता है। शहद मानसिक तनाव में लाभदायक होता है। मानसिक एवं शारीरिक थकावट दोनों ही स्थिति में लगभग 15 मिलीग्राम शहद को एक गिलास जल में मिलाकर पीने से थकावट दूर हो जाएगी।
10.उल्टी एवं जी घबराने में है उपयोगी
हर प्रकार के उल्टी से अथवा जी घबराने से आराम पाने के लिए लगभग 5 ग्राम शहद में छोटी हरड़ का थोड़ा सा चूर्ण मिलाकर लिया जाता है। यह प्रयोग तुरंत लाभ देता है। आधा सिर दर्द में भी फायदेमंद होता है शहद। आधा सिर दर्द होने की स्थिति में दूसरी और के नासा में एक बूंद शहद डालने से तुरंत लाभ होता है।
उपरोक्त समस्त प्रयोगों में केवल शुद्ध शहद ही लाभ पहुंचाता है इस बात का ध्यान दें कि उपरोक्त किसी भी प्रयोग में न तो शहद का प्रयोग उसे गर्म करके करना चाहिए और न ही शहद का प्रयोग गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ करना चाहिए। अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि ही होगी। शुद्ध घी एवं शुद्ध शहद की समान मात्रा अथवा किसी भी चर्बी युक्त पदार्थ के साथ शहद की समान मात्रा विष का निर्माण करती है। अतः मांसाहारी व्यक्तियों को मांस के साथ शहद का प्रयोग वर्जित है। नियमित रूप से आवश्यकता से अधिक शहद का सेवन भी हानिकारक होता है। इसलिए इनका प्रयोग किसी वेद अथवा चिकित्सक की देखरेख में करें।
शुद्ध शहद की पहचान कैसे करें?
शुद्ध शहद की पहचान निम्न तरीकों से की जा सकती है:-
- शुद्ध शहद को यदि एक रोटी के टुकड़े पर लगाकर कुत्ते को दिया जाए तो वह उसे कभी नहीं खाएगा।
- मक्खियां शुद्ध शहद पर नहीं चिपकती है।
- शुद्ध शहद कपड़ों पर चिपक कर दाग पैदा नहीं करता है।
- एक कागज की कटोरी बनाकर उसमें शुद्ध शहद को रखकर अग्नि पर गर्म किए जाने पर कागज जलता नहीं है।
उपरोक्त सरल तरीकों से शहद की शुद्धता का परीक्षण घर पर ही किया जा सकता है। अतः खाने से पूर्व सेहत का परीक्षण कर ही उसका उपयोग किया जाए।