रामानुजन संख्या 2520 क्यो है अदभुत व महत्वपूर्ण ?। Wonderful and Amazing Number 2520।

रामानुजन संख्या 2520 क्यो है ? अदभुत व महत्वपूर्ण।

 

रामानुजन
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गणित में कोई भी संख्या 1 से 10 तक के सभी अंकों से नहीं कट सकती, लेकिन इस विचित्र संख्या को देखिये…! दरअसल, सदियों तक यह माना जाता रहा था कि ऐसी कोई भी संख्या नहीं है जिसे 1 से 10 तक के सभी अंको से विभाजित किया जा सके

लेकिन रामानुजन ने इन अंकों के साथ माथापच्ची करके इस मिथ को भी तोड़ दिया था। उन्होंने एक ऐसी संख्या खोजी थी जिसे 1 से 10 तक के सभी अंकों से विभाजित किया जा सकता है। यानी भाग दिया जा सकता है। यह संख्या है (2520)। संख्या 2520 अन्य संख्याओं की तरह… वास्तव में एक सामान्य संख्या नही है, यह वो संख्या है जिसने विश्व के गणितज्ञों को अभी भी आश्चर्य में किया हुआ है…!!

महान गणितज्ञ रामानुजन का अद्भुत प्रयोग।

यह विचित्र संख्या 1 से 10 तक प्रत्येक अंक से भाज्य है। ऐसी संख्या जिसे इकाई तक के किसी भी अंक से भाग देने के उपरांत शेष शून्य रहे, बहुत ही असम्भव/ दुर्लभ है, ऐसा प्रतीत होता है…!!

अब निम्न सत्य को देखें:

2520 ÷ 1 = 2520

2520 ÷ 2 = 1260

2520 ÷ 3 = 840

2520 ÷ 4 = 630

2520 ÷ 5 = 504

2520 ÷ 6 = 420

2520 ÷ 7 = 360

2520 ÷ 8 = 315

2520 ÷ 9 = 280

2520 ÷ 10 = 252

महान गणितज्ञ अभी भी आश्चर्यचकित हैं: 2520 वास्तव में एक गुणनफल है《7 x 30 x 12》का।

उन्हे और भी आश्चर्य हुआ जब प्रमुख गणितज्ञ द्वारा यह संज्ञान में लाया गया कि संख्या 2520 हिन्दू संवत्सर के अनुसार… एकमात्र यही संख्या है, जो वास्तव में उचित बैठ रही है:

जो इस गुणनफल से प्राप्त है ::

सप्ताह के दिन (7) x माह के दिन (30) x वर्ष के माह (12) = 2520

यही है भारतीय गणना की श्रेष्ठता!

रामानुजन

श्रीनिवास रामानुजन अय्यंगर (Srinivasa Ramanujan Iyengar) भारत के एक महान गणितज्ञ थे। वे 22 दिसंबर, 1887 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में पैदा हुए थे। रामानुजन ने गणित में अत्यधिक योगदान दिया था और उनके काम का प्रभाव आज भी दुनिया भर में दिखाई देता है।

रामानुजन की गणितीय विद्या को अक्षरशः स्वतंत्र शोध के माध्यम से विकसित किया गया था और उनके काम का महत्त्व उनकी मृत्यु के बाद जागरूकता प्राप्त करने लगा था। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी गणितीय विद्या का प्रदर्शन किया और अपनी विशेषता को दुनिया को प्रदर्शित किया।

रामानुजन द्वारा बनाए गए गणितीय सूत्रों और उनकी संख्या सिद्धांतों का उपयोग आज भी वैज्ञानिकों द्वारा किया जाता है। उनके विशेष निर्देशों के आधार पर, कई गणितीय समस्याओं को हल किया गया है और उन्हें दुनिया के सबसे महान गणितज्ञों में से एक के रूप में माना जाता है।

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