राजीव गांधी का जीवंत सपना है नवोदय विद्यालय।

राजीव गांधी का जीवंत सपना है नवोदय विद्यालय।

भारत के 9वें प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म आज के दिन यानि 20 अगस्त को 1944 में हुआ था। राजीव गांधी को राजनीति में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्हें प्रधानमंत्री के पद का जिम्मा सौंपा गया। प्रधानमंत्री के तौर पर इनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा। लेकिन अपने कार्यकाल में इन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया। 

राजीव गांधी की उम्र 47 साल थी जब उनकी हत्या हुई और वे मात्र 40 साल के थे जब प्रधानमंत्री बने… हम सब नवोदयन्स राजीव गांधी के ऋणी है… मैं खुद कम से कम 1000 ऐसे लोगो को जानता हूँ जिनके जीवन जिनकी केरियर में नवोदय का बहोत बड़ा योगदान है… अगर नवोदय विद्यालय न होती तो आज वे वो ओहदा, वो रुतबा, वो सफलता हांसिल ही न कर पाते जहां वे आज है…

आज राजीव गांधी की जन्म जयंती के मौके पर अगर हम उन्हें याद न करे तो सही नही है… 1984 में वे PM बने और 1985 में उन्होंने इस देश के गरीब देहात के प्रतिभाशाली बच्चों को एक उच्च कोटि की शिक्षा मिल सके इस इरादे से नवोदय विद्यालय की नींव रखी…. जरा गौर कीजिएगा की कितनी बेहतरीन व्यवस्था की थी उनहोने…

– एक जिले में से 6th std से 80 बच्चों को प्रवेश परीक्षा से चयनित किया जाएगा…

– उन 80 में से 16 (20%) शहरी विस्तार से होंगे बाकी 64 ग्रामीण इलाको से ऐसा इसलिए कि अगर ऐसा न होता तो ग्रामीण इलाकों से कम ही लोग Qualify कर पाते

– इन चयनित बच्चों को राजीव गांधी जिस दून स्कूल में पढ़े थे ऐसी बोर्डिंग स्कूल में निशुल्क पढ़ाया जाएगा…

– निशुल्क मने ये मान लो सरकार उनको अगले 6 साल के लिए गॉद लेगी, भोजन, पढ़ाई, रहना, कपड़ा सब फ्री…

– यहां तक कि टूथ ब्रश, साबुन, हेर आयल, घर से आने जाने का टिकट सब कुछ फ्री… मानो वे सरकार के बेटे बेटिया है

-पढ़ाई, खेल कूद, विज्ञान, कला संस्कृति आदि सब की ट्रेनिंग दी जाती है…

– 9th Std में Migration होता है जिसके तहत 15 बच्चों को उस राज्य से बाहर किसी और स्कूल में Migrate किया जाता है, ताकि बच्चे एक दूसरे के राज्य रहन सहन को जाने देश मे एकता बढ़े…

– जाति, धर्म, पैसा रसूख के आधार पे कोई भेदभाव नही किया जाता था, सब को एक नजर से देख जाता था…

– आज देश में 550 से ज्यादा ऐसी स्कूल है, सारी की सारी लगभग एक जैसी ही…

– अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग इससे पास आउट है…

– इस वर्ष ही करीब 400 से ऊपर नवोदयँ IIT के लिए Qualify हुए हैं

मुद्दे की बात ये है कि इतना सारा देने के बाद भी हमने कभी राजीव गांधी या सोनिया राहुल के मुंह से उसकी क्रेडिट लेते न देखा न सुना…. वो पैसे जनता के थे और हम जनता से चयनित होकर आए थे, हमे वो हक से दिया हक समज के दिया… कभी हम को किसी उपकार की भावना से नही जताया गया… मुफ्त का खाया या मुफ्त की पढ़ाई की ऐसा किसी ने नही कहा…

जब उनकी हत्या हुई तब हम नवोदयँ में ही पढ़ रहे थे, मुझे याद भी नही कि मैं कोई ज्यादा दुखी भी हुआ होगा… क्योंकि हमें वो हक इतनी सहजता से दिया गया था हमे उसका कोई महत्व तक पता नही था… आज पीछे मुड़कर देखते है और आज के हालात में सरकार 1000 रुपये का एक गेस बर्नर भी दे देती है तो कितना चिल्लाती है ये देखकर अहसास होता है कि हमे कितना दिया गया और कभी जताया तक नही गया….

एक अच्छा विचार, एक Innocent Politician ने कैसे लागू किया ये नवोदय विद्यालय एक श्रेष्ठ उदाहरण है इस बात का… राजीव गांधी को उनकी जन्म जयन्ति पर हर नवोदयन की और से तहदिल से शुक्रिया….!!!!

जवाहर नवोदय विद्यालय ने CBSE 12 वीं और 10वीं की परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन कर एक बार फ़िर नए कीर्तिमान बनाए हैं।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने ग्रामीण बच्चों को शिक्षित करने के लिए वर्ष 1986 में जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना की थी। इस विद्यालय को खोलने का उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को गुणात्मक, आधुनिक शिक्षा दी जा सके। जवाहर नवोदय विद्यालय में बच्चों के लिए छठवीं से बारहवीं तक मुफ्त पढ़ाई, खाना और कपड़ा शामिल किया गया। देश में 638 डिस्ट्रिक्ट में लगभग 661 नवोदय विद्यालय चल रहे हैं।  

किसी भी देश की तरक्की तभी संभव है जब भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा पर ज़ोर दिया जाए, बच्चों और युवाओं को उच्च शिक्षा दी जाए, गांव और शहर में भेदभाव न किया जाए। प्रतिभा कहीं भी छिपी हो सकती है, बस उसे सही नीतियों के ज़रिए ढूंढने की ज़रुरत है। मुफ़्त और अच्छी शिक्षा देश और राज्य के विकास के लिए ज़रूरी है। 

राजीव जी के शिक्षा के इस मॉडल को हम और आगे बढ़ाए ताकि सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके।

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नवोदय विद्यालय क्या है?

नवोदय विद्यालय हर जिले में है जिन्हें केंद्र सरकार के द्वारा संचालित किया जाता है……..

इनकी स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत 1986 से प्रारंभ किये गए हैं……..

नवोदय विद्यालय मे प्नवेश 6 मे प्रवेश परीक्षा से होता है जिनमें बच्चे 75% ग्रामीण इलाकों से और 25% शहरी बच्चों का होता है।

कुल 80 बच्चों को प्रवेश दिया जाता है जिनमें

33% लडकियों का और शेष लडके का प्रवेश होता हैं

शिक्षा 6 से 12 तक दी जाती है 8 तक हिंदी मे,

उसके बाद 9 से12 अंग्रेजी में NCERT BOOKS से।

अब वहां की खासियत…

  1. वह आवासीय विद्यालय है।
  2. वहाँ जिले के विभिन्न क्षेत्रों के बच्चे आते हैंं।
  3. सभी को आत्मनिर्भर बनना पडता है।
  • पूरी किशोरावस्था वहीं गुजरती है वो समय स्वर्ग में रहने जैसा लगता है यार, दोस्त और मोज मस्ती और बहुत कुछ , न कोई चिंता न किसी की फिकर ।
  • और भी बहुत कुछ है लेकिन शब्दों में वयां नहीं किया जा सकता।

राजीव गांधी का जीवन परिचय।Biography Of Rajiv Gandhi।

श्री राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। इनके नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू के भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री राजीव गांधी ने बचपन अपने नाना के साथ तीन मूर्ति हाउस में बिताया था। जहां श्रीमती इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री नेहरू का सहयोग करती थी। वे कुछ समय के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी गए,लेकिन जल्द ही उन्हें हिमालय की तलहटी में स्थित आवासीय दून स्कूल में भेज दिया गया। 

इसके बाद श्री राजीव गांधी लंदन के इंपीरियल कॉलेज चले गए।वहां उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।उनकी संगीत में भी दिलचस्पी थी और उन्हें पश्चिमी और हिंदुस्तानी शास्त्रीय और आधुनिक संगीत पसंद था। उन्हें फोटोग्राफी और रेडियो सुनने का भी शौक था। हवाई जहाज उड़ाना उनके जीवन का जुनून था। इंग्लैंड से घर लौटने के बाद उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास की और व्यावसायिक पायलट का लाइसेंस हासिल किया। इसके बाद वे इंडियन एयरलाइंस के सफल पायलट बन गए।

उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ कर विजय बने।फिर उन्हें नवंबर 1982 में भारत में हुए एशियाई खेलों से संबंधित महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई जिसे उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ पूरा किया। 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मात्र 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले युवा राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे। 

जब वे देश के प्रधानमंत्री बने तो उस समय देश के सामने बहुत सारी ज्वलंत विकराल समस्या खड़ी थी।जैसे पंजाब, असम और मिजोरम की अंदरूनी  हिंसा। श्री राजीव गांधी ने अपनी व्यवहार कुशलता, सादगी और दूरदर्शिता से समस्याओं का समाधान शुरू किया। उन्होंने अपने 21वीं सदी के भारत के सपने को साकार करने के लिए देश के कई क्षेत्रों में बहुत तेजी से नई पहल करने की शुरुआत की। जिनमें संचार क्रांति, कंप्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रचार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार आदि मुख्य रूप से शामिल है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यकाल में कई ऐसे महत्वपूर्ण फैसले किये है जिसका असर आज देश के विकास में स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है। 

आज हाथ में दिखने वाला मोबाइल, घर में मौजूद कंप्यूटर श्री राजीव गांधी के उन्हीं फैसलों का नतीजा है। श्री राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में देश के निर्माण के लिए काफी महत्वपूर्ण कार्य किए। 

कंप्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रांति के जनक राजीव गांधी

उन्हें देश में कंप्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रांति का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में देश में आईटी और टेलीकॉम क्षेत्र में जबरदस्त क्रांति लाने का काम किया। वे सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की भूमिका को बहुत अहम मानते थे।उन्होंने ही देश में सबसे खास तकनीक यानी कंप्यूटर के इस्तेमाल को आम आदमी तक पहुंचाने की शुरुआत की थी।

 साइंस और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने सरकारी बजट बढ़ाए इसके चलते आज भी देश में रोजगार के भरपूर अवसर हम सभी भारत वासियों को संपूर्ण विश्व में मिल रहे हैं। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को लगातार मजबूती मिल रही है। श्री राजीव गांधी ने ही वर्ष 1986 में शिक्षा का स्तर सुधारने के उद्देश्य से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ऐलान किया। इसके तहत देश में जवाहर नवोदय नवोदय विद्यालय का निर्माण किया गया।जिनके माध्यम से आज लाखों ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अच्छी उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। साथ ही उनके नेतृत्व में वर्ष 1986 में महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड एमटीएनएल की स्थापना की गई थी। इसके पीसीओ के जरिए एक तरफ जहां देश के शहरी व ग्रामीण इलाकों में संचार सेवा का बहुत तेजी से विस्तार हुआ था। वहीं दूसरी तरफ लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर मिले थे। 

उनका सपना था कि हमारे देश के गांव-गांव में टेलीफोन पहुंचे और कंप्यूटर शिक्षा का देश में जमकर प्रचार प्रसार हो। अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में श्री राजीव गांधी ने देश की युवा शक्ति को अधिक महत्व दिया था। क्योंकि उनका मानना था कि देश का विकास युवाओं के द्वारा ही हो सकता है। देश के युवाओं को रोजगार मिले इसके लिए वह हमेशा प्रयासरत रहे और उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जवाहर रोजगार योजना शुरू की थी। जिसने देश के युवाओं को बड़ा संबल दिया था। श्री राजीव गांधी ने स्थानीय संस्थाओं में महिलाओं को 33% रिजर्वेशन दिलवाने की दिशा में भी काम किया। मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक के युवाओं को चुनाव में वोट देने का अधिकार दिलवाने में भी श्री राजीव गांधी अग्रदूत रहे हैं। उन्होंने अपने ‘पावर टू द पीपल आइडिया’ के चलते ही देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू करवाने की दिशा में कई कदम उठाए थे। श्री राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में कई साहसिक कदम उठाए जिनमें श्रीलंका में शांति सेना का भेजा जाना, असम समझौता, पंजाब समझौता भी शामिल है। इसकी वजह से कुछ चरमपंथी ताकतें उनकी दुश्मन बन गई थी। श्रीलंका में सलामी गार्ड के निरीक्षण के वक्त उन पर हमला किया गया।जिसमें वे बाल-बाल बच गए थे। श्री राजीव गांधी जब देश में आम चुनाव के प्रचार के लिए 21 मई 1991 को तमिलनाडु के  श्रीपेरंबदूर गए जहां एक आत्मघाती हमले में उनकी मृत्यु हो गई।

श्री राजीव गांधी भारतीय इतिहास के ऐसे अप्रतिम प्रगति पुरुष है,जिन्हें निर्विवाद रूप से परंपरा और प्रगति को जोड़ने वाला पुरुष स्वीकार किया जा सकता है।

  • एक लाइन में- : नवोदय जिन्दगी है।

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