राजस्थान सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम एवं योजनाएं।( राजस्थान की सभी सरकारी योजनाएं)
राजस्थान सरकार ने अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं को फ्लैगशिप कार्यक्रम के रूप में चिन्हित कर गांव गरीब एवं कमजोर वर्ग के उत्थान का प्रयास किया है। फ्लैगशिप कार्यक्रम के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों के व्यक्तियों का सशक्तिकरण कर उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। राजस्थान सरकार के इन्हीं प्रयासों का संक्षिप्त विवरण आपको यहां दिया जा रहा है।इन योजनाओं का अधिक से अधिक फायदा उठाएं एवं वंचित तबके के लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाएं एवं अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें।
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान की योजनाएं
1. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
1 मई 2021 से शुरू की गई मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रदेश के प्रत्येक परिवार को ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा था। जिसे 1 अप्रैल 2022 से बढ़ाकर ₹10 लाख प्रति परिवार कर दिया गया है एवं ₹5 लाख का दुर्घटना बीमा निशुल्क प्रदान किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत अस्पताल में भर्ती के 5 दिन पहले एवं 15 दिन बाद तक का उपचार खर्च शामिल है।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत जनाधार डेटाबेस से जुड़े/पंजीकृत परिवार जो निशुल्क श्रेणी के अंतर्गत पात्रता रखते हैं अथवा निर्धारित प्रीमियम का भुगतान कर योजना में पंजीकृत हुए हैं। निशुल्क श्रेणी में एनएफएसए के अंतर्गत पात्र लाभार्थी परिवार, सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के पात्र परिवार,प्रदेश के समस्त विभागों, बोर्ड, निगम, सरकारी कंपनी में कार्यरत संविदा कार्मिक, लघु एवं सीमांत कृषक एवं कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले निराश्रित एवं असहाय परिवार सम्मिलित है।
शेष परिवार प्रीमियम का 50% ₹850 का भुगतान कर योजना में सम्मिलित हो सकते हैं।कोकलियर इंप्लांट, हार्ट ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट के पैकेजेज मरीज को देय 10 लाख के वॉलेट के अतिरिक्त है। योजना से अब तक प्रदेश के 18 लाख से अधिक लाभार्थियों को निशुल्क इलाज से लाभान्वित किया जा चुका है तथा 2203 करोड रुपए की कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराई गई। योजना में 823 राजकीय एवं 856 निजी चिकित्सालय जुड़े हुए हैं।
2.शुद्ध के लिए युद्ध अभियान
राज्य में मिलावट को रोकने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न त्योहारों (होली, दीपावली, रक्षाबंधन आदि) पर विशेष अभियान चलाया जाता है।
शुद्ध सामग्री उपलब्ध कराने और मिलावटखोरों के विरुद्ध कड़े कदम उठाने हेतु राजस्थान खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण का गठन किया गया। इसे और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए फूड सेफ्टी एंड ड्रग कंट्रोल कमिश्नरेट स्थापित किया गया। इसके अधीन 200 नए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पद सृजित किए गए है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक खाद्य पदार्थों के 28605 नमूने लिए जिनमें से 6103 मिलावटी प्रकरण पाए गए। 3690 मिलावटी प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है जिनमें से 1569 पर निर्णय आ चुका है। निर्णय प्रकरणों में ₹585 लाख की जुर्माना राशि लगाई गई है। जो मिलावट खोरी करने वालों के खिलाफ एक सख्त कदम साबित हो रहा है।इससे उम्मीद है मिलावटखोरों पर लगाम कसेगी।
3. मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना
मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना 7 अप्रैल 2013 से राजस्थान में लागू की गई। राजकीय अस्पतालों में संपूर्ण उपचार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जनहित में यह योजना शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत चिकित्सा संस्थानों तथा मेडिकल कॉलेजों से संबंधित चिकित्सालय में 90 जिला, उप जिला, सेटेलाइट चिकित्सालय में 56, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 37, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व डिस्पेंसरी चिकित्सालय में 15 प्रकार की जांच निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है।
जिला, उप जिला, सेटेलाइट चिकित्सालय में 40 विशेष जाँचे आउट सोर्स के द्वारा निशुल्क प्रदान की जा रही है। योजना के अंतर्गत प्रतिदिन 1.25 से 1.50 लाख जांच की जा रही है तथा प्रतिवर्ष लगभग 2 करोड़ मरीजों की 6 करोड़ से अधिक निशुल्क जांच की जा रही है।
4. निरोगी राजस्थान अभियान
निरोगी राजस्थान अभियान योजना के तहत प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित गतिविधियों के साथ ही बीमारियों की रोकथाम और उपचार की व्यवस्था,परिवार कल्याण कार्यक्रम, वृद्धावस्था में स्वास्थ्य की देखभाल, महिला स्वास्थ्य किशोरावस्था स्वास्थ्य,संचारी रोग,गैर संचारी रोग,टीकाकरण एवं व्यस्क टीकाकरण,व्यसन रोग,खाद्य पदार्थों में मिलावट और प्रदूषण शामिल है।
इस अभियान के तहत राज्य के प्रत्येक राजस्व ग्राम में स्वेच्छा से कार्य करने वाले स्वास्थ्य मित्रों, एक महिला एक पुरुष पूरे राज्य में 79701 स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर प्रशिक्षित किया जा चुका है।राज्य के शहरी वार्डों में कुल 14373 स्वास्थ्य मित्रों का चयन किया जा चुका है।
5. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना
मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना 2 अक्टूबर 2011 से लागू की गई थी। राजकीय अस्पतालों में आने वाले सभी अंतरंग एवं बहिरंग रोगियों को आवश्यक दवा सूची में शामिल 1594 प्रकार की दवाइयों,927 सर्जिकल एवं 185 सूचर्स सहित कुल 2706 दवाइयां, सर्जिकल व सूचर्स निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है।
राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों में दवा वितरण करने के लिए 33 जिला मुख्यालयों पर 40 जिला औषधि भंडार ग्रह स्थापित है।दवाइयों की अनुपलब्धता होने पर राज्य की मांग के अनुसार स्थानीय स्तर पर क्रय कर उपलब्ध करवाई जाती है।योजना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 3131 करोड रुपए खर्च किये गए हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की योजनाएं
1. एक रुपए किलो गेहूं
एक रुपए किलो गेहूं योजना राजस्थान सरकार की एक अभिनव पहल है। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत अंत्योदय, बीपीएल, एवं स्टेट बीपीएल लाभार्थियों को एक रुपए किलो की दर से गेहूं उपलब्ध करवाया जाता है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत अंत्योदय राशन कार्ड धारियों को 35 किलोग्राम प्रति राशन कार्ड तथा बीपीएल एवं स्टेट बीपीएल लाभार्थियों को 5 किलोग्राम प्रति यूनिट प्रतिमाह ₹1 किलो की दर से गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस क्रम में अंत्योदय व समस्त श्रेणी के बीपीएल कुल 1 करोड़ 74 लाख लाभार्थियों को एक मार्च 2019 से ₹2 के स्थान पर ₹1 प्रति किलो की दर से गेहूं वितरण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा अब तक 358 करोड रुपए वहन किए गए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग की योजनाएं
1. महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) कक्षा 1 से 12 तक स्थापित करने का निर्णय राजस्थान सरकार द्वारा लिया गया।
1494 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में लगभग 2लाख 50हज़ार नामांकन हो चुके हैं। इन विद्यालयों की लोकप्रियता एवं इन में प्रवेश के लिए अभिभावकों एवं विद्यार्थियों की मांग को देखते हुए शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक हजार महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय और शुरू किए जाने की घोषणा वर्ष 2022-23 के बजट में की गई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की योजनाएं
1. मुख्यमंत्री कन्यादान हथलेवा योजना
आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों की कन्याओं के विवाह पर आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना संचालित की गई है। राजस्थान के मूल निवासी को ही यह सहायता मिलती है। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग के बीपीएल परिवारों की 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की कन्याओं के विवाह पर ₹31000 की सहायता देय है।
शेष सभी वर्गों के बीपीएल परिवारों, अंत्योदय परिवार, आस्था कार्ड धारी परिवार, आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं, विशेष योग्यजन व्यक्तियों, पालनहार में लाभार्थियों की कन्याओं के विवाह पर तथा महिला खिलाड़ियों के स्वयं के विवाद पर ₹21000 की सहायता मिलती है।
इस योजना में कन्या के दसवीं पास होने पर ₹10000 एवं स्नातक पास होने पर ₹20000 की अतिरिक्त सहायता मिलती है। योजना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 30389 लाभार्थियों को लगभग 142 करोड रुपए की सहायता प्रदान की गई है।
2. राजस्थान सिलिकोसिस नीति 2019
सिलिकोसिस बीमारी खासतौर पर खनन, पत्थर तोड़ने पत्थर, पीसकर पाउडर बनाने, गिट्टी बनाने, सैंड स्टोन से मूर्ति बनाने जैसे काम में लगे श्रमिकों के होती है।योजना के अंतर्गत पीड़ितों की स्क्रीनिंग उपचार एवं प्रमाणीकरण के साथ उनके आश्रितों को सहायता एवं पुनर्वास किया जाता है।
सिलिकोसिस रोग के प्रमाणीकरण पर रोगी को ₹3 लाख देय है। सिलिकोसिस रोगी की मृत्यु के उपरांत अंतिम संस्कार हेतु ₹10000 एवं परिवारजनों को ₹2 लाख देय हैं। सिलिकोसिस पीड़ित को पेंशन 1500 रुपए प्रतिमाह देय है। सिलिकोसिस विधवा पेंशन के अंतर्गत 55 वर्ष की आयु तक ₹500 प्रतिमा 55 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक ₹750 प्रतिमाह, 60 वर्ष से 75 वर्ष की आयु तक ₹1000 प्रतिमाह, एवं 70 वर्ष से अधिक आयु पर ₹15 प्रतिमाह देय है।
पीड़ित परिवार के 6 वर्ष की आयु तक बच्चों को ₹500 प्रतिमाह, 6 से 18 वर्ष की आयु तक ₹1000 प्रतिमाह एवं प्रत्येक बच्चे को ₹2000 वार्षिक एक मुश्त सहायता दी जाती है। सिलिकोसिस पीड़ित के परिवार को आस्था कार्ड धारी परिवार के समस्त सुविधाओं से लाभान्वित किया जाता है।योजना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक पुनर्वास के लिए ₹64300 लाख सहायता में दिए गए वही पेंशन के तौर पर ₹9087 लाख सहायता में दिए गए।
3. मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना
योजना में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा महिला जो राजस्थान की मूल निवासी हो, जिसकी स्वयं की नियमित आय का कोई स्रोत नहीं हो अथवा समस्त स्रोतों से कुल वार्षिक आय ₹48000 से कम हो को पेंशन दी जाती है।
बीपीएल/अंत्योदय/आस्था कार्ड धारी परिवार/सहरिया/कथौड़ी/खेरवा जाति एवं एचआईवी एड्स पॉजिटिव एवं ऐड्स कंट्रोल सोसायटी में पंजीकृत हो ऐसी विधवा परित्यक्ता तलाकशुदा महिलाओं को आय संबंधी शर्त में छूट प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना के अंतर्गत 18 वर्ष व अधिक किंतु 55 वर्ष से कम आयु की पेंशनर को ₹500 प्रति माह, 55 वर्ष बाद किंतु 60 वर्ष से कम आयु की पेंशनर को ₹750 प्रति माह ,60 वर्ष से अधिक किंतु 75 वर्ष से कम आयु को ₹1000 प्रति माह एवं 75 वर्ष से अधिक आयु को रू1500 प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।
4. मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना
इस योजना में 55 वर्ष या इससे अधिक आयु की महिला तथा 58 वर्ष या इससे अधिक आयु के पुरुष जिसके निर्वाह के लिए स्वयं एवं पति-पत्नी की नियमित आय का कोई स्रोत नहीं हो अथवा पति-पत्नी की समस्त स्रोतों से कुल वार्षिक आय ₹48000 से कम हो को पेंशन मिलती है।
बीपीएल/अंत्योदय/आस्था कार्ड धारी परिवार/सहरिया/कथोड़ी/खेरवा जाति के व्यक्तियों को आय संबंधी शर्त में छूट प्रदान की गई है।योजना के अंतर्गत 75 वर्ष से कम आयु के पेंशनर को ₹750 प्रति माह एवं 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर को ₹1000 प्रति माह पेंशन देय है।
मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 18231 करोड रुपए व्यय कर लगभग 55 लाख पेंशनरों को लाभान्वित किया गया है।
5. मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना
मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना के अंतर्गत विशेष योग्यजन व्यक्ति जो अंधता,अल्पदृष्टि, चलन निशक्तता,कुष्ठ रोग,श्रवण शक्ति का ह्यस, मानसिक विमंदता,मानसिक रोगी में से किसी एक अथवा अधिक विकलांगता से ग्रसित हो अथवा प्राकृतिक रूप से बोनेपन से ग्रसित हो तथा प्राकृतिक रूप से ट्रांसजेंडर से ग्रसित हो,जो राजस्थान का मूल निवासी हो तथा राजस्थान में रह रहा हो एवं जिसकी स्वयं की सम्मिलित वार्षिक आय ₹60000 तक हो पेंशन का पात्र होगा।
बीपीएल/अंत्योदय/आस्था कार्डधारी परिवार/सहरिया/कथोड़ी/खेरवा जाति के विशेष योग्यजन को आय संबंधी शर्त में छूट प्रदान की गई है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 1891 करोड़ रुपये व्यय कर 6 लाख से अधिक पेंशनरों को लाभान्वित किया गया है।
6. पालनहार योजना
अनाथ बच्चों के पालन पोषण शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं कि जाकर समाज के भीतर ही बच्चे के निकटतम रिश्तेदार, परिचित व्यक्ति,व्यस्क भाई अथवा बहन को पालनहार बनाकर उनकी देखभाल पालन पोषण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
पालनहार योजना में अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्युदंड/आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे,निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता के बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एचआईवी एड्स पीड़ित माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे, विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे, तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चों को सहायता प्रदान की जाती है।
पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।बच्चे की अधिकतम आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। आवेदन की तिथि से कम से कम 3 वर्ष की अवधि से राजस्थान में रह रहे हो।
पालनहार योजना में 0 से 6 आयु वर्ग के अनाथ बच्चों को मिलने वाली सहायता राशि ₹500 प्रतिमाह से बढ़ाकर ₹1500 एवं 6 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए ₹1000 से बढ़ाकर ₹2500 प्रति माह की गई है। साथ ही प्रत्येक बच्चे को ₹2000 वार्षिक एक मुस्त सहायता दी जाती है।वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 1813 करोड़ रुपए व्यय कर लगभग छह लाख को लाभान्वित किया गया है।
कृषि विभाग की योजनाएं
1.राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना 2019
राजस्थान में यह योजना 12 दिसंबर 2019 को प्रारंभ की गई है। कृषक कल्याण कोष के अंतर्गत बोर्ड की स्वयं की निधि से योजना के अंतर्गत कृषि उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए पूंजीगत ब्याज एवं विद्युत प्रभार/सौर ऊर्जा अनुदान तथा राज्य के उत्पादों के घरेलू एवं निर्यात व्यापार को प्रोत्साहन दिए जाने के लिए भाड़ा अनुदान देने का प्रावधान है।
गुणवत्ता युक्त उत्पादन,बाजार विकास, कौशल विकास आदि के लिए विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता भी दिए जाने का प्रावधान है। कृषक, कृषक उत्पादक संगठन एवं कृषि उद्योग तथा विपणन से जुड़े हुए व्यक्ति/समूह/संस्था/प्रतिष्ठान आदि इस योजना का फायदा उठा सकते हैं। योजना में अब तक 695 आवेदकों को ₹228 करोड़ का अनुदान दिया जा चुका है।
राजस्थान कृषि प्रसंस्करण कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना 2019 योजना के अंतर्गत मिलेट्स की प्रथम 100 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर ₹40 करोड़ का अनुदान, लहसुन के लिए प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, अनार के लिए बाड़मेर, जालौर, संतरे के लिए झालावाड़, भीलवाड़ा,टमाटर,आंवले के लिए जयपुर एवं सरसों के लिए अलवर,भरतपुर,धौलपुर,करौली, सवाई माधोपुर जिले में प्रसंस्करण इकाइयों को 50% (अधिकतम 2 करोड रुपए) तथा जोधपुर संभाग में इसबगोल की निर्यात आधारित प्रथम 10 प्रसंस्करण इकाइयों को पूंजीगत अनुदान में लागत का 50% (अधिकतम 2 करोड रुपए) सहायता की संशोधित अधिसूचना दिनांक 20 मई 2022 को जारी की गई है।
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की योजनाएं
1.मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना
दिसंबर 2019 से राजस्थान प्रदेश में लागू इस योजना का उद्देश्य उद्यमों की सरल स्थापना एवं रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराते हुए वित्तीय संस्थान के माध्यम से ब्याज अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध कराना है। प्रदेश में नए उद्यमों की स्थापना एवं पूर्व स्थापित उद्यमों के विस्तार, विविधीकरण, आधुनिकीकरण हेतु वित्तीय संस्थानों के माध्यम से ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 5 से 8% ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत आवेदक के साथ-साथ संस्थागत आवेदक भी पात्र है। इस योजना अंतर्गत 18861 आवेदकों को ऋण स्वीकृत कर 15626 आवेदकों को ₹3951 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है।
2. एम.एस.एम.ई.अधिनियम स्व-प्रमाणीकरण
प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों की सरल स्थापना एवं विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा 17 जुलाई 2019 को राजस्थान सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सरलीकरण)अधिनियम लागू किया गया।
योजना के अंतर्गत उद्यमी के आवेदन के पश्चात आवेदन प्राप्ति का प्रमाण पत्र उसी समय ऑनलाइन पोर्टल पर जारी कर दिया जाता है। इसके तहत उद्यमी को 3 वर्ष तक राजस्थान के अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न विभागों की किसी प्रकार की स्वीकृति एवं निरीक्षण की आवश्यकता नहीं है।हालांकि 3 वर्ष की समाप्ति के पश्चात 6 माह में आवश्यक स्वीकृतिया उद्यमी को प्राप्त करनी होगी।
वर्ष 2022-23 के बजट में स्वीकृति और निरीक्षण में छूट की सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष किए जाने की घोषणा की गई है। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल
rajudyogmitra.rajasthan.gov.in दिनांक 12 जून 2019 से शुरू किया गया है।
उद्योग विभाग की योजनाएं
1. राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019
राज्य में निवेश एवं रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019 प्रारंभ की गई है,जो 17 दिसंबर 2019 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी।
इस योजना के अंतर्गत निवेश अनुदान देय एवं जमा एस.जी.एस.टी. का 75% रोजगार सृजन अनुदान श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 50% पुनर्भरण, विद्युत कर,मंडी शुल्क, भूमि कर में 100% छूट 7 वर्षों के लिए तथा स्टांप ड्यूटी व भूमि रूपांतरण शुल्क में 100% छूट/लाभ के प्रावधान किए गए हैं। योजना के अंतर्गत अब तक 10686 प्रकरणों में स्टांप ड्यूटी व भूमि रूपांतरण से संबंधित पात्रता प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की योजनाएं
1. Jan Suchna portal-2019
सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की मूल भावना से प्रेरित होकर राजस्थान की राज्य सरकार द्वारा 13 सितंबर 2019 को
जन सूचना पोर्टल 2019 का लोकार्पण किया गया।इसमें 115 विभागों की 325 योजनाओं की 680 प्रकार की सूचना उपलब्ध करवा दी गई है।
आमजन उक्त जानकारी जन सूचना पोर्टल 2019 मोबाइल ऐप एवं self-service ईमित्र प्लस की उस के माध्यम से प्राप्त कर रहा है योजना के अंतर्गत अब तक 1452 लाख जानकारियां वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त की गई है।
आयोजना विभाग की योजनाएं
1.राजस्थान जन आधार योजना
राजस्थान जन आधार योजना 2019 का शुभारंभ 18 दिसंबर 2019 से किया गया। योजना का उद्देश्य राज्य के परिवारों की जनसांख्यिकी एवं सामाजिक, आर्थिक सूचनाओं का डेटाबेस तैयार कर प्रत्येक परिवार को “एक नंबर- एक कार्ड- एक पहचान” प्रदान किया जाना है। राज्य के सभी निवासी परिवार पंजीयन कराने व जन आधार कार्ड प्राप्त करने हेतु पात्र है।
राजस्थान जन आधार योजना
में नामांकित प्रत्येक परिवार को एक 10 अंकीय परिवार पहचान संख्या सहित एक बारीय निशुल्क जन आधार कार्ड प्रदान किया जा रहा है। इस कार्ड में मुखिया सहित प्रत्येक सदस्य की 11 अंकीय व्यक्तिगत पहचान संख्या भी अंकित की गई है। भविष्य में सभी जनकल्याण की योजनाओं के लाभ सेवाओं को इस कार्ड के आधार पर स्थानांतरित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत 1.92 करोड परिवारों के 7.45 करोड़ व्यक्तियों का नामांकन किया जा चुका है।
कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता विभाग की योजनाएं
1. मुख्यमंत्री युवा संबल योजना
युवाओं को बेरोजगारी के दंश से मुक्त करने में सहायता प्रदान करने के लिए 1 फरवरी 2019 से यह योजना शुरू हुई। राज्य सरकार ने युवाओं में योजना की लोकप्रियता को देखते हुए पुरुष आशार्थियों को ₹4000 प्रति माह एवं महिला, विशेष योग्यजन एवं ट्रांसजेंडर श्रेणी के आशार्थियों को ₹4500 प्रति माह करते हुए लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि कर 1 लाख 60 हजार की सीमा को बढ़ाकर अधिकतम दो लाख किया है।
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना को बेहतर बनाते हुए रोजगार उन्मुख बनाने की दृष्टि से पात्र बेरोजगार युवाओं को 3 माह का प्रशिक्षण दिलवाकर विभिन्न विभागों में 4 घंटे प्रतिदिन इंटर्नशिप करवाई जाएगी। योजना में 5.91 लाख बेरोजगारों को भत्ता स्वीकृत कर 1550 करोड रुपए का भुगतान किया गया।
उच्च शिक्षा विभाग की योजनाएं
1. काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना
डूंगरपुर जिले की काली बाई भील ने शिक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए इस योजना में मेधावी छात्राओं के लिए चल रही अन्य स्कूटी वितरण योजना को एकीकृत किया गया है।राजस्थान के राजकीय एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 12 तक नियमित छात्रा के रूप में अध्ययन करने एवं कक्षा 12वीं में अधिक अंक प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित एवं छात्राओं में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने तथा उच्च अध्ययन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह योजना राज्य में संचालित की जा रही है।
योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में कक्षा 12वीं में न्यूनतम 65% प्राप्तांक से उत्तीर्ण तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में कक्षा 12वीं में न्यूनतम 75% प्राप्तांक से उतीर्ण छात्राएं जो कि राजस्थान के किसी भी विद्यालय में अध्ययनरत हो। पूर्व में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग से दसवीं कक्षा के परिणाम के आधार पर किसी छात्रा को स्कूटी प्राप्त हुई है, तो उसी छात्रा को 12वीं के परिणाम के आधार पर पात्र होने पर ₹40000 एकमुश्त राशि प्राप्त होगी।किसी अन्य योजना में आर्थिक सहायता, छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली छात्राएं भी इस योजना में लाभान्वित होगी। अब तक इस योजना के अंतर्गत राजस्थान प्रदेश में 3943 स्कूटी वितरित की जा चुकी है।
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