राजस्थान में नई औद्योगिक विकास नीति 2019 । RAJASTHAN INDUSTRIAL DEVELOPMENT PLAN-2019 IN HINDI

राजस्थान औद्योगिक विकास नीति 2019 । RAJASTHAN INDUSTRIAL DEVELOPMENT PLAN-2019 IN HINDI

राजस्थान के इकोसिस्टम(ecosystem) के साथ भारत में राजस्थान को सबसे पसंदीदा निवेश स्थान के रूप में उभारने हेतु समावेशी, संतुलित, सतत एवं पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से राजस्थान औद्योगिक विकास नीति 2019 को तैयार किया गया है। राजस्थान राज्य में नई औद्योगिक विकास नीति के लागू होने के बाद से नए उद्योगों को बढ़ावा मिला है एवं यहां पर विदेशी निवेश(Foreign investment) भी बढा है।

राजस्थान औद्योगिक विकास नीति 2019 की मुख्य विशेषताएं:

राजस्थान औद्योगिक विकास नीति 2019 के अंतर्गत निम्न उद्देश्य के साथ विशेष प्रावधान किए गए हैं जो निम्नानुसार है-

अनुकूल औद्योगिक आधारभूत संरचना

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को लचीला बनाना, निजी भूमि- रीको द्वारा निवेश तथा रीको की भूमि- निजी निवेश मॉडल पर पीपीपी मोड पर औद्योगिक पार्कों(Industrial Parks) का विकास, प्लग एंड प्ले सुविधाओं एवं बहुमंजिला कारखानों को बढ़ावा देना, औद्योगिक क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार सामाजिक बुनियादी ढांचे का विकास करना, पिछड़े क्षेत्र में उद्योग स्थापना हेतु रियायती दर पर बंजर भूमि का आवंटन, पेट्रोकेमिकल उद्योग(Petro chemical Industries)के लिए तेल रिफाइनरी के पास औद्योगिक टाउनशिप विकसित करना, बिजली दरों को परिवर्तनशील बनाना एवं बिलिंग चार्जेज कम करना।

प्रतियोगात्मक राजकोषीय प्रोत्साहन

मैन्युफैक्चरिंग एवं सेवा क्षेत्र के उद्यम हेतु  प्रोत्साहन पैकेज, थ्रस्ट सेक्टर एवं पिछड़े व अति पिछड़े क्षेत्रों के उद्योगों को अतिरिक्त प्रोत्साहन, एंकर इकाइयों को आकर्षक प्रोत्साहन, एमएसएमई(MSME)को पूंजी निवेश, प्रौद्योगिकी अधिग्रहण/उन्नयन, क्रेडिट गारंटी,गुणवत्ता प्रमाणन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट आदि के लिए सहायता, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, कुटीर उद्योगों,फुटकर व्यापारियों एवं स्वयं सहायता समूह के उद्यमियों को वित्तीय सहायता के लिए विशेष योजना का प्रावधान भी इस औद्योगिक विकास नीति में है।

कुशल मानव संसाधन

बेरोजगार युवाओं का डेटाबेस तैयार करना एवं संभावित अवसरों का सृजन करना, उद्योगों को कौशल विकास संस्थान की स्थापना हेतु प्रोत्साहित करना तथा लॉजिस्टिक ईएसडीएम तथा ऑटोमोबाइल,  इलेक्ट्रिक वाहन(Electric vahicles) खंड आदि उभरते क्षेत्रो के लिए नए कौशल विकास कार्यक्रम पर बल देना।

संतुलित क्षेत्रीय औद्योगिक विकास का बढ़ावा

जिला स्तरीय औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण तैयार करना। बड़े उद्योगों के साथ एमएसएमई(MSME) की आपूर्ति श्रंखला लिंकेज को प्रोत्साहित करना। जिला स्तर पर व्यवसायिक सुविधा केंद्र की स्थापना का प्रावधान।

उद्यमशीलता एवं नवाचार

नवाचार एवं प्रभावी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने हेतु नई स्टार्टअप(new startup) नीति का निर्माण। प्रमुख शहरों के निकट स्टार्टअप क्षेत्र विकसित कराना। राज्य के बाहर से स्टार्टअप को राज्य में स्थापित एवं विकसित करने के लिए सुविधा युक्त ढांचे का निर्माण करना। सभी क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करने हेतु वार्षिक नवाचार पुरस्कार का प्रावधान।

पर्यावरण संरक्षण एवं सतत औद्योगिक विकास

औद्योगिक अपशिष्ट के  पुनःउपयोग और पुनर्चक्रण(Reuse and Recycle) को प्रोत्साहित करना। औद्योगिक पार्कों के लिए प्रभावी कचरा प्रबंधन(Waste Management)ग्रीन बिल्डिंग एवं इको फ्रेंडली उद्योगों को सहायता, आवश्यक सहायता के साथ वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहन।

उद्योगों का तकनीकी उन्नयन

अनुसंधान एवं विकास केंद्रों, परीक्षण और प्रमाणिकरण प्रयोगशालाओं के लिए सहायता का प्रावधान। 

उद्योग 4.0 

प्रौद्योगिक अधिग्रहण, कौशल विकास, रिसर्च एंड डेवलपमेंट को प्रोत्साहन के माध्यम से उद्योग 4.0 के नए युग में उभार।
 
नियमों और निरिक्षणो को युक्तिसंगत बनाना भी इसका एक लक्ष्य है।
 
EODB और उद्योग समर्थक दृष्टिकोण को अपनाना 

THIRST SECTORS का विकास करना 

राज्य के आर्थिक विकास के मुख्य क्षेत्र-कपड़ा एवं परिधान(Cloth and dress), फूड प्रोसेसिंग,ईएसडीएम, ऑटो और ऑटो कंपोनेंट, लेदर व फुटवियर, खान एवं खनिज(Mines and Minerals), जेम्स ज्वेलरी एवं सेवा क्षेत्र(Service Sectors) पर राजस्थान औद्योगिक विकास नीति 2019 में विशेष बल दिया गया है।

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