75 Success stories of Rajasthan in 75 Years of freedom In Hindi।राजस्थान में आजादी के 75 वर्ष और 75 उपलब्धियां।

राजस्थान में आजादी के 75 वर्ष और 75 उपलब्धियां।75 Success stories of Rajasthan in 75 Years of freedom In Hindi।

राजस्थान में आजादी के 75 वर्ष और 75 उपलब्धियां।75 Success stories of Rajasthan in 75 Years of freedom In Hindi।
75 Success stories of Rajasthan in 75 Years of freedom In Hindi।
आजादी का अमृत महोत्सव

आजादी का अमृत महोत्सव प्रदेश में धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।घर-घर तिरंगा फहराने के साथ ही राजकीय भवनों पर आकर्षक रोशनी की गई। स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर लोगों में जबरदस्त उमंग दिखाई दी।

राजस्थान वीरो की भूमि है इसका गौरवशाली इतिहास रहा है एक और देश की आजादी के संघर्ष में यहां के महाराणा प्रताप (Maharana Pratap), वीर दुर्गादास राठौर,पन्नाधाय, विजय सिंह पथिक, केसरी सिंह बारहठ, अर्जुन लाल सेठी जैसे नायकों ने स्वाधीनता, बलिदान, त्याग की प्रेरणा का संचार किया। वहीं दूसरी और यहां के किले, महल, बावड़ियां और ऐतिहासिक स्थलों का स्थापत्य लोक कला एवं संस्कृति ने विश्व पटल पर विशेष पहचान दिला कर दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया।
राजस्थान में आजादी के 75 वर्ष और 75 उपलब्धियां।75 Success stories of Rajasthan in 75 Years of freedom In Hindi।
आजादी का अमृत महोत्सव

देश की आजादी से पूर्व बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह द्वारा निर्मित गंग नहर,जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित जंतर-मंतर वेधशाला,बाल विवाह के रोकथाम के लिए श्रीहरविलास शारदा द्वारा 1929 में पारित शारदा एक्ट जैसे अनेक कार्यो ने राजस्थान के आर्थिक व सामाजिक विकास की नींव रखी है।इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए राज्य में गत 75 वर्षों में प्रमुख 75 मील के पत्थर जो कार्य साबित हुए हैं उनकी एक झलक आप पाठकों के लिए नीलज्ञानसागर ब्लॉग प्रस्तुत कर रहा है। उम्मीद है इस जानकारी के आधार पर आप राजस्थान की विकास यात्रा को आसानी से समझ पाएंगे। वर्तमान राजस्थान सरकार भी राजस्थान को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने हेतु फ्लैगशिप योजनाओं (Rajasthan Flagship Schemes) के माध्यम से कार्यक्रम चला रही है।

राजस्थान 75 वर्ष 75 उपलब्धियां| 75 Success stories of Rajasthan in 75 Years of freedom In Hindi।राजस्थान में आजादी के 75 वर्ष और 75 उपलब्धियां।

  1. राजस्थान में पंचायती राज की स्थापना (Panchayatiraj Rajasthan):- सत्ता विकेंद्रीकरण के उद्देश्य से 2 अक्टूबर 1959 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा राजस्थान के नागौर जिले के गांव में देश की पहली ग्राम पंचायत(Gram Panchayat) की स्थापना की गई।
  2. किसानों के लिए राजस्थान काश्तकारी अधिनियम:- आजादी से पूर्व जमीदारी प्रथा में किसानों के पास अधिकार नहीं थे। जिससे उनका शोषण होता था।किसानों को अधिकार देने के लिए और कृषि सुधार के लिए 15 अक्टूबर 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम लागू किया गया। वर्ष 2020 से इस दिन को राजस्व दिवस के रूप में मनाने की घोषणा भी की गई है।
  3. राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम:- कृषि भूमि का सुव्यवस्थित रिकॉर्ड रखने के उद्देश्य से 23 मई 1956 को राजस्थान भू- राजस्व अधिनियम पारित किया गया। इसके पारित होने से किसानों को अपनी भूमि का हक मिला।
  4. 1965 का भारत-पाक युद्ध:- बाड़मेर के मुनाबाव और गडरा रोड पोस्ट से भारतीय सेना ने स्थानीय लोगों के सहयोग से पाकिस्तानी सेना को परास्त किया। इस युद्ध में राजस्थान के सीमावर्ती स्थानीय राजपूतों का अहम योगदान रहा।
  5. 1971 का भारत-पाक युद्ध:- जैसलमेर(Jaisalmer)के लोंगे वाला में भारतीय सेना की एक छोटी सी टुकड़ी मेजर कुलदीप सिंह के नेतृत्व में पाकिस्तान की बड़ी फौज को शिकस्त देने में कामयाब रही। पश्चिमी सेक्टर पर भारतीय सेना के मजबूत प्रहार ने पाकिस्तानी सेना को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया।इस युद्ध में विशेष योगदान के लिए जयपुर के भवानी सिंह को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
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  6. भारत का प्रथम परमाणु परीक्षण राजस्थान के पोकरण में:- 18 मई 1974 को जैसलमेर के पोकरण में ‘स्माइलिंग बुद्धा’ नाम से देश का पहला परमाणु परीक्षण किया गया। इस परीक्षण के साथ ही भारत ने दुनिया को अपनी मजबूती का संदेश दे दिया।
  7. द्वित्तीय परमाणु परीक्षण:– 11 मई 1998 को पुनः पोकरण दो के नाम से परमाणु परीक्षण किया गया।इस परीक्षण से भारत विश्व पटल पर परमाणु शक्ति के रूप में उभरा।
  8. इंदिरा गांधी नहर परियोजना:- पूर्व में निर्मित गंग नहर की तर्ज पर पश्चिमी राजस्थान में जलापूर्ति के लिए पंजाब के हरिके बैराज बांध से राजस्थान नहर का निर्माण करवाया।1984 में इसका नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम से किया गया।
  9. नर्मदा नहर परियोजना:- सरदार सरोवर बांध गुजरात से 532 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण कर जालोर के सांचौर में पानी लाया गया। यह राजस्थान की दूसरी बड़ी नहर है। इस नहर से सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।इस नहर परियोजना से मुख्य रूप से राजस्थान के जालोर जिले को फायदा मिलेगा।
  10. माही बजाज सागर परियोजना:- बांसवाड़ा जिले में माही नदी पर निर्मित माही बजाज सागर बांध एक बहुउद्देशीय परियोजना है।इस पर विद्युत उत्पादन संयंत्र भी स्थापित है। यह बांध आदिवासियों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
  11. बीसलपुर बांध:- टोंक जिले में बनास नदी पर बीसलपुर बांध का निर्माण वर्ष 1999 में पूर्ण हुआ।इस बांध से जयपुर, अजमेर आदि प्रमुख शहरों में जलापूर्ति हो रही है।
  12. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना:- पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई जल की आपूर्ति के लिए एक वृहद पेयजल परियोजना है।इस परियोजना से चंबल सहित इसकी सहायक नदियों का जो जल समुद्र में व्यर्थ बह जाता था उसका सदुपयोग हो सकेगा। इस परियोजना का कार्य प्रगतिरत है।
  13. रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र:- राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना द्वारा कोटा के रावतभाटा में प्रदेश का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र दिसंबर 1999 में स्थापित किया गया।
  14. सूरतगढ़ तापीय संयंत्र:- बीकानेर के सूरतगढ़ में कोयला आधारित प्रदेश का सर्वाधिक तापीय ऊर्जा उत्पादन संयंत्र।
  15. कालीसिंध तापीय संयंत्र:- झालावाड़ में कालीसिंध नदी पर सामान्य व सुपरक्रिटिकल तापीय संयंत्रों से कुल 2440 मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है।
  16. छबड़ा तापीय संयंत्र:- बारां में कुल 6 सामान्य व सुपरक्रिटिकल तापीय संयंत्र से कुल 2320 मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है।
  17. राजस्थान बना सौर ऊर्जा में सिरमोर:– राजस्थान 17040 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता के साथ देश में प्रथम स्थान पर है।
  18. भड़ला सोलर पार्क फलोदी:- जोधपुर के फलौदी में 2245 मेगावाट उत्पादन क्षमता के साथ विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क स्थापित किया गया है।
  19. राजस्थान में मिला पेट्रोलियम का खजाना:- राजस्थान में 4 पेट्रोलियम बेसिन उपलब्ध है।जिसमें बाड़मेर-सांचौर सबसे बड़ा है इस बेसिन में केयर इंडिया द्वारा मंगला, शक्ति, विजया, भाग्य, ऐश्वर्या आदि प्रमुख कुओं की खोज की गई है।
  20. राजस्थान में प्राकृतिक गैस भंडार:- जैसलमेर और बाड़मेर बेसिन में कामेश्वरी,सरस्वती, रागेश्वरी आदि प्रमुख कुआं से प्राकृतिक गैस निकाली जा रही है।
  21. राजस्थान में लिग्नाइट कोयले के भंडार:- राजस्थान में लिग्नाइट प्रकार का कोयला बाड़मेर के गिरल, कपूरडी, जालीपा, नागौर के मातासुख व कसनाउ, बीकानेर के बरसिंगसर, करणी माता आदि स्थानों पर प्रमुखता से निकाला जाता है।
  22. राजस्थान में रिफाइनरी की स्थापना:- बाड़मेर के पचपदरा में एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के संयुक्त उपक्रम में नो एमएमटीपीए क्षमता वाली रिफाइनरी मय पेट्रोकेमिकल कंपलेक्स का कार्य प्रगतिरत है।
  23. राजस्थान में बायो ईंधन का विकास:- राजस्थान करंज, रतनजोत आदि वनस्पति से बायो ईंधन बनाने के लिए बायो ईंधन नीति लाने वाला पहला राज्य है।
  24. गोमूत्र रिफाइनरी:- जालोर के सांचौर में पथमेड़ा गौशाला में गोमूत्र से विभिन्न औषधी बनाने के लिए देश की पहली गोमूत्र रिफाइनरी स्थापित की गई है।
  25. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक अभियांत्रिकी शोध संस्थान पिलानी:- 1974 में पिलानी में इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थान केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स अभियांत्रिकी शोध संस्थान की स्थापना की गई थी।
  26. सौर वेधशाला:- 1976 में उदयपुर के फतेहसागर में इसरो द्वारा सौर वेधशाला की स्थापना की गई है। यह राजस्थान की प्रथम सौर वेधशाला है।
  27. रीजनल रिमोट सेंसिंग केंद्र की स्थापना:- अंतरिक्ष से पृथ्वी के छाया चित्र के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने के लिए इसरो द्वारा जोधपुर में प्रादेशिक सुदूर संवेदन केंद्र की स्थापना की गई।
  28. भारतीय तकनीकी संस्थान:- तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2008 में जोधपुर में आईआईटी की स्थापना की गई है।
  29. भारतीय प्रबंधन संस्थान:- प्रबंधन में उच्च शिक्षा के लिए उदयपुर में वर्ष 2011 में आईआईएम की स्थापना की गई।
  30. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान:-कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े उच्च अध्ययन के लिए कोटा में वर्ष 2013 में आईआईटी की स्थापना की गई।
  31. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान:-चिकित्सा क्षेत्र के सर्वोच्च संस्थान एम्स की वर्ष 2012 में जोधपुर में स्थापना की गई।
  32. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय:– आयुष से लोगों को राहत देने के लिए वर्ष 2003 में जोधपुर में इसकी स्थापना की गई।
  33. 31 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना:- राजस्थान के 33 जिलों में से 31 जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति राज्य को चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी बनाता है।
  34. सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय:-पुलिस और अपराध के संबंध में अध्ययन और अनुसंधान के लिए वर्ष 2012 में इसकी स्थापना जोधपुर में की गई।
  35. हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय:- मीडिया और जनसंचार के लगातार बढ़ते आकार,विविधता और महत्व को देखते हुए वर्ष 2019 में इस विश्वविद्यालय की स्थापना जयपुर में की गई।
  36. मनरेगा योजना(Narega Yojana):- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम वर्ष 2006 में सर्वप्रथम लागू होने वाले देश में राजस्थान अग्रणी है। वर्ष 2022 में रोजगार देने के विभिन्न पैमानों पर राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा।
  37. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना:- शहरी क्षेत्र में 100 दिन के रोजगार की गारंटी प्रदान करने वाला राजस्थान प्रथम राज्य बन चुका है, और यह राजस्थान सरकार की एक अनुपम पहल है। इस योजना में शहरी लोगों को भी 100 दिन का रोजगार मिलेगा।
  38. सूचना का अधिकार(Right To Information):- अजमेर के ब्यावर से किसान मजदूर शक्ति संगठन की मांग के आधार पर सरकारी कार्य में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम देश में लागू किया गया। इस अधिनियम के लिए क्रांति की ज्वाला राजस्थान में ही जगी थी।
  39. लोक सेवा गारंटी अधिनियम:-समय पर सरकारी सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए 14 नवंबर 2011 को राजस्थान लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू किया गया।
  40. सुनवाई का अधिकार(Sunvai Ka Adhikar Rajasthan):- जनता की शिकायत और सुझाव को समयबद्ध तरीके से सुनना और उसका निराकरण करना सरकार का कार्य होता है। इस हेतु राजस्थान सरकार ने सुनवाई का अधिकार अधिनियम 1 अगस्त 2012 को लागू किया है।
  41. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना:-राजकीय चिकित्सालय में सभी मरीजों को निशुल्क दवा उपलब्ध करवाने के लिए यह योजना 2 अक्टूबर 2011 से लागू है।
  42. मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना:- राजकीय चिकित्सालय में मरीजों की निशुल्क जांच 7 अप्रैल 2013 से लागू है।
  43. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना:-यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में आगे बढ़ते हुए समस्त प्रदेश वासियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना 1 मई 2021 से लागू है।
  44. प्रशासन शहरों और गांवों के संग:-आमजन को सरकारी काम के लिए विभिन्न अधिकारियों और विभागों के चक्कर न काटने पड़े इस उद्देश्य से शिविरों का आयोजन कर सरकारी सेवा जनता तक पहुंचाई जा रही है।
  45. महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय:-सरकारी स्कूलों में अभी अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा मिले इसके लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की स्थापना की गई है।
  46. राजस्थान सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापना एवं संचालन सुविधा अधिनियम 2019:- नए उद्योग स्थापित करने में विभिन्न अनुमति और अनापत्ति के प्रावधानों को खत्म कर उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु यह अधिनियम 17 जुलाई 2019 को लागू किया गया।
  47. ई-मित्र:- राजकीय सेवाओं की आपूर्ति में भौगोलिक बाधाओं को दूर करने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी और संचार से इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म के माध्यम से सारी सुविधाएं राजस्थान में उपलब्ध करवाई जा रही है।
  48. राजस्थान संपर्क:- आमजन की शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म 181 पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
  49. जन सूचना पोर्टल:- सरकारी योजना के लाभार्थियों की जानकारी प्रदान करने के लिए 13 सितंबर 2019 को पोर्टल लांच किया गया।
  50. जनकल्याण पोर्टल:- सरकार से जुड़े दस्तावेजों को एक ही पोर्टल पर उपलब्ध करने के उद्देश्य से 18 दिसंबर 2021 को जनकल्याण पोर्टल लांच किया गया।
  51. जन आधार कार्ड:– प्रदेशवासियों को “एक कार्ड, एक नंबर, एक पहचान” देने के उद्देश्य से जन आधार कार्ड बनाए गए हैं। यह बायोमेट्रिक सूचना के आधार पर काम करता है।
  52. जयपुर मेट्रो:- जयपुर के यातायात को सुगम बनाने के लिए 13 नवंबर 2010 को मानसरोवर से चांदपोल तक जयपुर मेट्रो की शुरुआत की गई थी।
  53. खेल-खिलाड़ी:- राजस्थान से अब तक एक ओलंपिक पदक और 4 पैरा ओलंपिक पदक (श्री देवेंद्र झाझरिया,सुश्री अवनि लेखरा, श्री कृष्णा नागर, श्री सुंदर सिंह गुर्जर) विजेता हुए।
  54. विश्व धरोहर:-यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, आमेर दुर्ग,कुंभलगढ़,चित्तौड़गढ़, गागरोन दुर्ग, सोनार दुर्ग, रणथंबोर दुर्ग,जंतर मंतर,जयपुर शहर परकोटा ने अपना स्थान बनाया।
  55. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान केंद्र:- राजस्थान के मरुस्थल क्षेत्र में वनस्पति विकास हेतु काजरी की स्थापना वर्ष 1959 में जोधपुर में हुई।
  56. केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान केंद्र:-भेड़ व पशुपालन के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास हेतु टोंक जिले के अविकानगर में राष्ट्रीय स्तर के केंद्र की स्थापना।
  57. राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र:-कृषि और बागवानी में अनुसंधान और विकास हेतु अजमेर के तबीजी में राष्ट्रीय स्तर की केंद्र की स्थापना।
  58. राष्ट्रीय राई सरसों अनुसंधान केंद्र:-खाद्य तेल आपूर्ति की सुरक्षा एवं सरसों राई की फसल की उन्नत किस्में तैयार कर उत्पादकता बढ़ाने हेतु 20 अक्टूबर 1993 को भरतपुर के सेवर में स्थापना।
  59. राजस्थान का पहला कृषि बजट:- कृषि व किसान की महत्ता को देखते हुए राजस्थान में पहली बार वर्ष 2022-23 के लिए कृषि बजट अलग से पेश किया गया।
  60. वन संरक्षण:- वन संपदा और वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रदेश में 3 राष्ट्रीय उद्यान एवं 27 अभयारण्य अधिसूचित किए गए हैं।
  61. वन्य जीव संरक्षण:- बाघों के संरक्षण के लिए रणथंबोर, सरिस्का, मुकंदरा और रामगढ़ विषधारी बाघ संरक्षण क्षेत्र अधिसूचित किए गए हैं।
  62. पैंथर संरक्षण:- राजस्थान पैंथर संरक्षण करने वाला देश का पहला राज्य बना।
  63. दिल्ली मुबई औद्योगिक गलियारा:-दिल्ली और मुंबई के बीच विकसित किए जा रहे हैं औद्योगिक गलियारे का 39% राजस्थान से गुजरता है। राजस्थान में इस गलियारे पर 5 औद्योगिक क्षेत्र और निवेश क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं।
  64. हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड:- अरावली क्षेत्र में कॉपर खनिज की उपलब्धता को देखते हुए वर्ष 1967 में झुंझुनू की खेतड़ी में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की स्थापना की गई।
  65. हिंदुस्तान साल्ट्स लिमिटेड:-जयपुर के सांभर में उपलब्ध नमक के विशाल भंडार से नमक उत्पादन के लिए वर्ष 1958 में हिंदुस्तान साल्ट्स लिमिटेड की स्थापना की गई।
  66. निर्यात संवर्धन एवं औद्योगिक पार्क:- निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश में जयपुर के सीतापुरा, जोधपुर के बोरानाडा और अलवर के नीमराणा में रीको द्वारा विशेष निर्यात पार्क विकसित किए गए।
  67. जापानी पार्क:- जापानी कंपनियों को भारत में उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु अलवर के नीमराणा में रीको द्वारा जापानी पार्क विकसित किया गया।
  68. शिक्षा:- आजादी के समय केवल 5657 विद्यालय थे जो अब बढ़कर 103189 हो गए,तब केवल एक विश्वविद्यालय और 51 महाविद्यालय थे परंतु वर्तमान में 27 विश्वविद्यालय और 2413 महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं।
  69. साक्षरता:-राजस्थान की साक्षरता 1951 में 8.0 2% थी, जो बढ़कर 2011 में 66.1% हुई।
  70. चिकित्सा:- 1951 में राजस्थान में केवल 234 चिकित्सालय थे,जो अब बढ़कर 17469 हो गए हैं। इसी का परिणाम है कि लोगों का जीवन स्तर सुधरा है और औसत आयु में वृद्धि हुई है।
  71. सिंचाई:- प्रदेश में कृषि सिंचाई क्षेत्र वर्ष 1956-57 में 1693 हजार हेक्टेयर था, जो वर्ष 2020-21 में 11788 हजार हेक्टर हुआ। हमने कृषि सिंचाई क्षेत्र में 10 गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की है।
  72. खाद्यान्न:-प्रदेश में वर्ष 1951 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 29.46 लाख मैट्रिक टन था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 269.09 लाख मैट्रिक टन हुआ।
  73. विद्युत:-आधारभूत ढांचे में हमारी विद्युत क्षमता केवल 8 मेगावाट थी और 26 शहर व 16 गांव बिजली से जुड़े थे। पर अब 23454 मेगावाट विद्युत क्षमता के साथ सभी शहर और लगभग 99% गांव बिजली से जुड़ चुके हैं।
  74. सड़क:-1951 में केवल 18749 किलोमीटर सड़कें और 6684 गांव सड़कों से जुड़े थे। अब 2,72,970 किलोमीटर सड़कें लगभग निर्मित हो चुकी है और करीब 38000 गांव सड़कों से जुड़ चुके हैं।जिससे यातायात के साधनों में वृद्धि हुई और अर्थव्यवस्था को गति मिली।
  75. एयरपोर्ट:-राजस्थान में जयपुर,जोधपुर,उदयपुर, कोटा, जैसलमेर,बीकानेर और किशनगढ़ में कुल 7 एयरपोर्ट है।

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