रक्तचाप क्या है? What is blood pressure in Hindi?

प्रिय पाठकों,

नील ज्ञान सागर ब्लॉक की आज की इस पोस्ट में मैं आप लोगों को रक्तचाप के बारे में सामान्य जानकारी देने जा रहा हूं।

रक्तचाप क्या है? What is blood pressure in Hindi? वर्तमान युग में अनुचित खानपान एवं खराब जीवनशैली के कारण उत्पन्न समस्याओं में सबसे प्रमुख समस्या ब्लड प्रेशर अर्थात रक्तचाप संबंधित है। रक्तचाप के कारण मनुष्य के जीवन में कई बीमारियों का प्रवेश हो जाता है।

तो आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम रक्तचाप क्या है? What is blood pressure in Hindi? की कुछ सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं:-

रक्तचाप क्या है? What is blood pressure in Hindi?

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रक्तचाप क्या है? What is blood pressure in Hindi?

रक्त वाहिनी में बहते रक्त द्वारा वाहिनीयों की दीवारों पर डाले गए दबाव को रक्तचाप कहते हैं|

धमनियां वह नलिका है जो हृदय से रक्त को शरीर के सभी उतकों और अंगों तक ले जाती है| किसी व्यक्ति का रक्तचाप सिस्टोलिक- डायस्टोलिक रक्तचाप के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है| जैसे 120/80 सिस्टोलिक अर्थात ऊपर की संख्या धमनियों के दाब को दर्शाती है इसमें हृदय की मांसपेशियां संकुचित होकर धमनियों में रक्त को पंप करती है |डायस्टोलिक रक्तचाप अर्थात नीचे वाली संख्या धमनियों में उस दाब को दर्शाती है जब संकुचन के बाद हृदय की मांसपेशियां शिथिल हो जाती है|

एक सामान्य व्यक्ति का सिस्टोलिक रक्तचाप पारा के 90 और 120 मिलीमीटर के बीच तथा डायस्टोलिक रक्तचाप पारा के 60 से 80 मिलीमीटर के बीच होता है। ब्लड प्रेशर को मापने वाले यंत्र को स्फिग्मोमैनोमीटर कहते हैं।

सन 1733 ईस्वी में सर्वप्रथम घोड़ों में रक्तचाप को मापा गया था इसे नापने का श्रेय स्टीफन हेल्स को दिया जाता है।

सन 1983 ईस्वी में रक्तचाप की परिभाषा कापलन द्वारा दी गई।

निम्न रक्तचाप क्या होता है? What is Low Blood Pressure?

वह दाब जिसमें धमनियों और नसों में रक्त का प्रवाह कम होने के लक्षण या संकेत दिखाई देते हैं। जब रक्त का प्रवाह काफी कम होता है तो मस्तिष्क हृदय तथा गुर्दे जैसी महत्वपूर्ण इंद्रियों में ऑक्सीजन व पौष्टिक आहार नहीं पहुंच पाते हैं।जिससे यह अंग सामान्य रूप से काम नहीं कर पाते और स्थाई रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।

उच्च रक्तचाप क्या होता है? What is High Blood Pressure?

धमनियों में अधिक दाब के कारण उच्च रक्तचाप होता है।यह चिंता, क्रोध, ईर्ष्या,भ्रम,कई बार आवश्यकता से अधिक भोजन खाने से, मैदे से बने खाद्य पदार्थ,चीनी, मसाले, तेल,घी, अचार,मिठाइयां, मांस,चाय, सिगरेट व शराब के सेवन से,श्रमहीन जीवन व व्यायाम के अभाव से हो सकता है। उच्च रक्तचाप का समय पर निदान महत्वपूर्ण है।

उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीजों को पोटेशियम युक्त भोजन करना चाहिए जैसे ताजे फल, डिब्बे में बंद सामग्री का प्रयोग बंद कर दें, भोजन में कैल्शियम (दूध)और मैग्नीशियम की मात्रा संतुलित करनी चाहिए, रेशे युक्त पदार्थ खूब खाएं,संतृप्त वसा (मांस, वनस्पति घी) की मात्रा कम करनी चाहिए,खूब तेज लगातार 30 मिनट पैदल चलना,नियमित व्यायाम करना चाहिए,योग, ध्यान, प्राणायाम रोज करना चाहिए। धूम्रपान मदिरापान नहीं करना चाहिए।

वर्तमान युग में मनुष्य की असंतुलित खानपान की आदत,निरंतर भागदौड़ से रक्तचाप की समस्या हो सकती है।ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। यह खराब लाइफ़स्टाइल और असंतुलित डाइट के कारण होता है।

एक सामान्य व्यक्ति का रक्तदाब कितना होना चाहिए?

एक वयस्क के लिए सामान्य स्वस्थ रक्तचाप रीडिंग लगभग 120/80 mmHg है|जहां “120” सिस्टोलिक दबाव का प्रतिनिधित्व करता है, और “80” डायस्टोलिक दबाव का प्रतिनिधित्व करता है। पूरे शरीर में विभिन्न अंगों और ऊतकों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने के लिए पर्याप्त रक्त प्रवाह बनाए रखने के लिए रक्तचाप आवश्यक है।

रक्तचाप की नियमित जांच करना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आपको उच्च रक्तचाप या अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का इतिहास है। यदि आपको अपने रक्तचाप के बारे में कोई चिंता है, तो उचित मूल्यांकन और मार्गदर्शन के लिए किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना सबसे अच्छा है। वे रक्तचाप को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए आवश्यकतानुसार जीवनशैली में बदलाव, दवाओं या अन्य हस्तक्षेपों की सिफारिश कर सकते हैं।

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