तुर्की संसार का इकलौता मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिरपेक्ष है। यह एक लोकतांत्रिक गणराज्य है जो यूरेशिया में स्थित है। तुर्की देश की राजधानी अंकारा है।
तुर्की को यूरोप का मरीज कहा जाता था।
पान इस्लामिस्म का नारा अब्दुल हमीद द्वितीय ने दिया था।
युवा तुर्क आंदोलन की शुरुआत अब्दुल हमीद द्वितीय के शासनकाल में 1908 में हुई।
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद तुर्की के साथ बेहद अपमानजनक संधि सेब्र की संधि 10 अगस्त 1920 ईस्वी को की गई। मुस्तफा कमाल पाशा ने इसे मानने से इनकार कर दिया था।
आधुनिक तुर्की का निर्माता मुस्तफा कमाल पाशा को माना जाता है। इसे और ‘अतातुर्क’अर्थात तुर्की का पिता के उपनाम से भी जाना जाता है।
मुस्तफा कमाल पाशा का जन्म 1891 ईस्वी में सैलेनीका में हुआ था।
तुर्की में एकता और प्रगति समिति का गठन 1889 ईसवी में हुआ।
प्रारंभ में कमाल पाशा एकता और प्रगति समिति के प्रभाव में आए।
एक सेनापति के रूप में कमाल पाशा ने गल्लीपोती युद्ध में शानदार सफलता हासिल की। इसके बाद 1919 ईस्वी में कमाल पाशा ने सैनिक पद से इस्तीफा दे दिया।
1919 ईस्वी के अखिल तुर्क कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता मुस्तफा कमाल पाशा ने की।
1923 ईस्वी में तुर्की एवं यूनान के बीच में लोजान की संधि हुई।
23 अक्टूबर 1923 ईस्वी को तुर्की गणतंत्र की घोषणा हुई।
कमाल पाशा ने तुर्की में 3 मार्च 1929 ईस्वी को खिलाफत को समाप्त कर दिया।
20 अप्रैल 1924 ईस्वी को तुर्की में नए संविधान की घोषणा हुई।
तुर्की के नए गणतंत्र का राष्ट्रपति मुस्तफा कमाल पाशा हुआ।
रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी का संस्थापक मुस्तफा कमाल पाशा था।
मुस्तफा कमाल पाशा द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य निम्न है:- 1. 1932 ईस्वी में तुर्की भाषा परिषद की स्थापना। 2. 1933 ईस्वी में तुर्की में प्रथम पंचवर्षीय योजना का लागू होना। 3. 1924 ईस्वी में तुर्की को धर्मनिरपेक्ष राज्य की घोषणा। 4. इस्तांबुल में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना। 5. ग्रेगोरियन कैलेंडर का प्रचलन (26 दिसंबर 1925 से लागू)।
इस्तांबुल का पुराना नाम कुस्तुनतुनिया था।
25 नवंबर 1925 ईस्वी को तुर्की में टोपी और औरतों को बुर्का पहनने पर कानूनी प्रतिबंध लगाया गया। कमाल पाशा की मृत्यु 1938 ईस्वी में हो गई।