मुख्यमंत्री पर्यटन उद्योग संबल योजना।Mukhyamantri paryatan Udyog sambal yojana in hindi।

मुख्यमंत्री पर्यटन उद्योग संबल योजना।Mukhyamantri paryatan Udyog sambal yojana in hindi।CM Tourism Industries Help Scheme In Rajasthan।

अपने गौरवशाली इतिहास, ऐतिहासिक धरोहरों ,मजबूत किलो, विविध प्राकृतिक संपदा तथा रंग बिरंगी लोक संस्कृति जैसी अनूठी विशेषताओं को समेटे हमारा राजस्थान विश्व पटल पर पर्यटन की दृष्टि से एक उल्लेखनीय स्थान रखता है।दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक यहां पर्यटन के लिए आते हैं।अच्छी सड़कों, बेहतर रेल एवं हवाई नेटवर्क,कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति तथा बिजली-पानी की पर्याप्त उपलब्धता से राजस्थान दुनिया भर में वेडिंग एवं इवेंट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है।

राजस्थान में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं है और इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पिछले तीन साल में कई नीतिगत फैसले लेते हुए इस सेक्टर को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं रखी है। पर्यटन में राजस्थान को देश का अव्वल राज्य बनाने की दिशा में राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।
कोविड महामारी की विपरीत स्थितियों से प्रभावित प्रदेश के पर्यटन उद्योग को संबल देने और पर्यटन गतिविधियों को फिर से पटरी पर लाने के साथ ही पर्यटन उद्यमियों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए 22 सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में “मुख्यमंत्री पर्यटन उद्योग संबल योजना” को मंजूरी दी गई थी।

मुख्यमंत्री पर्यटन उद्योग संबल योजना क्या है?।What is Mukhyamantri Paryatan Udyog sambal scheme?।

Rajasthan सरकार द्वारा मुख्यमंत्री पर्यटन उद्योग संबल योजना को 22 सितंबर 2021 को मंजूरी दी गई।इस योजना के तहत उद्यमियों को 25 लाख रुपए तक के ऋण के ब्याज पर 1% का अतिरिक्त ब्याज अनुदान 3 वर्ष तक देते हुए कुल 9% ब्याज अनुदान प्रतिवर्ष दिया जा रहा है। होटल एवं टूर ऑपरेटर्स द्वारा देय एवं जमा कराए गए स्टेट जीएसटी का पुनर्भरण 1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक 50% एवं 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 तक 75% किया गया।

नई पारिस्थितिकी पर्यटन नीति।New eco-tourism policy।

राज्य में पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान राज्य पारिस्थितिकी पर्यटन नीति 2021 को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। पारिस्थितिकी पर्यटन के तीन आधारभूत सिद्धांतों- संरक्षण,सामुदायिक सहभागिता एवं व्याख्या पर आधारित इस नीति में वन क्षेत्र, वन्य जीव क्षेत्र तथा संरक्षित क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी पारिस्थितिकी पर्यटन को सम्मिलित किया गया है।

राजस्थान में पर्यटकों के लिए राजकीय अतिथि गृह योजना क्या है?।What is govt paying guest scheme in Rajasthan?।

लोक गायिका अल्लाह जिलाई बाई के गाए मशहूर राजस्थानी लोकगीत- ‘केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश’ के माध्यम से राजस्थान का आतिथ्य भाव पहले से ही मशहूर है।अब राज्य सरकार द्वारा इस आतिथ्य भाव को साकार करते हुए यहां आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक वास में मनोहारी स्थलों पर बने राजकीय अतिथि गृहो में ठहराने के लिए पर्यटकों के लिए “राजकीय अतिथि गृह योजना 2021” लागू की गई है।
इसमें जल संसाधन विभाग, पीडब्ल्यूडी एवं वन विभाग के पारिस्थितिकी पर्यटन स्थलों पर बने राजकीय अतिथिगृह में tourists को ठहराया जाएगा।
इस योजना के माध्यम से पर्यटकों को प्रदेश के ग्रामीण परिवेश की झांकी दिखाना, स्वदेशी कला एवं संस्कृति का विकास और परिस्थितिकी तंत्र एवं जैव विविधता के संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा।

जोधपुर में इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस।Jodhpur international centre of excellence।

राजस्थान में वेलनेस टूरिज्म और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए जोधपुर स्थित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में ₹44 करोड़ से अधिक की लागत से इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म स्थापित किया जा रहा है। इलाज के लिए आए पर्यटकों को प्राकृतिक वातावरण में ठहराने के लिए इस सेंटर में 100 बेड की सुविधा उपलब्ध है।
9 सुपर डीलक्स हट तथा 44 डीलक्स हट सहित कुल 53 हट्स तथा 47 कॉटेज के साथ-साथ पंचकर्म थेरेपी के लिए हट निर्मित किए गए हैं।
वैलनेस सेंटर में एक कृत्रिम झील और प्रशासनिक भवन भी बना हुआ है। सेंटर का संचालन पंचकर्म चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त विश्व स्तरीय कंपनियों और संस्थानों द्वारा पीपीपी मोड पर किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा सेंटर के लिए तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।इस निर्णय से राजस्थान में लोगों का आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति विश्वास बढ़ा है।
देसी विदेशी पर्यटक वैलनेस टूरिज्म के प्रति आकर्षित भी हो रहे हैं। प्रदेश में करीब 20 साल बाद आई पर्यटन नीति से कोविड-19 के कारण संकट का सामना कर रहे पर्यटन क्षेत्र को पुनः पटरी पर लाने में भी मदद मिल रही है। पर्यटन नीति 2020 में एडवेंचर टूरिज्म, मेडिकल टूरिज्म, नाइट टूरिज्म,वीकेंड टूरिज्म एवं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया है। इससे प्रदेश में पर्यटन को निश्चित रूप से गति मिल रही है।
मेलो एवं उत्सवों से अधिक से अधिक देसी तथा विदेशी पर्यटकों को जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग पुष्कर मेला,डेजर्ट फेस्टिवल, कैमल फेस्टिवल, कुंभलगढ़ उत्सव, बूंदी उत्सव सहित अन्य मेलो एवं उत्सवों की नए सिरे से ब्रांडिंग कर रहा है ।

राजस्थान के पर्यटन सेक्टर में किस तरह से नए आयाम जुड़ रहे हैं?

कभी रेगिस्तान और सूखे की पहचान वाला राजस्थान अब पर्यटकों की नजर में इनक्रेडिबल डेस्टिनेशन बन चुका है। अच्छी सड़कों, बेहतर रेल एवं हवाई नेटवर्क, कानून व्यवस्था की स्थिति तथा बिजली एवं पानी सहित सुविधाओं की पर्याप्त एवं सहज उपलब्धता के कारण राजस्थान दुनिया भर में वेडिंग एवं इवेंट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है।

राजस्थान में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं। और इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए राजस्थान सरकार ने पिछले ढाई साल में कई नीतिगत फैसले लेते हुए इस सेक्टर को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं रखी है।

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