नेशनल मिशन ऑन केसर नई पहचान की शुरुआत

भारत में केसर की महक अब सिर्फ जम्मू कश्मीर के चुनिंदा जिलों तक ही सीमित नहीं रहेगी। पूर्वोत्तर में भी केसर महकेगा। नेशनल मिशन ऑन केसर के तहत केसर की खेती को उन्नत और बेहतर बनाने के लिए उपाय किए लेकिन जम्मू-कश्मीर के विशिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित रहें। लेकिन अब पूर्वोत्तर के सिक्किम में केसर उगाने की व्यवहार्यता का पता लगाने वाले पायलट प्रोजेक्ट मे केसर के फूलों ने एजेंसी को नहीं उम्मीद दी है। क्योंकि कश्मीर के पंपोर और सिक्किम के यांगयांग में जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों की समानता से यांगयांग में केसर की नमूना खेती की सफलता को बढ़ावा मिला है। यहां केसर के पौधे फल फल रहे हैं।

केसर का कटोरा पंपोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा कर केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था जम्मू कश्मीर के केसर का रंग हो या कहवा और खुमानी इनका प्रचार- प्रसार दुनिया भर में होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इससे पूर्व जम्मू कश्मीर की धरती पर ही देश में केसर क्रांति का आह्वान किया था और स्पाइसेज बोर्ड ऑफ इंडिया ने जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में केसर उत्पादन व निर्माण एजेंसी गठित की है। प्रधानमंत्री मोदी की सोच व आवाह्न पर केसर का उत्पादन बढ़ाने में मिशन मोड पर जुटी सरकारी एजेंसियों का लक्ष्य है, कि जो अभी तक देश में करीब 17 टन केसर का उत्पादन होता है। उसे कुछ वर्षों में 34 टन तक पहुंचाया जाए। केसर का उत्पादन लंबे समय से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के चार-पांच जिलों के विशिष्ट क्षेत्र तक ही सीमित है।यहां के पंपोर क्षेत्र को केसर के कटोरे के रूप में जाना जाता है।

भारत में केसर की खेती

  • पंपोर क्षेत्र का केसर उत्पादन में मुख्य योगदान है। इसके बाद बड़गांव, श्रीनगर और किश्तवाड़ जिलों का स्थान है। जम्मू कश्मीर केसर की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
  • केसर पारंपरिक रूप से प्रसिद्ध कश्मीरी व्यंजनों से जुड़ा हुआ है।औषधीय गुणों को कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा माना जाता है।
  • केसर के बीजों से निकले पौधे कश्मीर से सिक्किम में ले जाकर रोपे गए थे।वहां यह पौधे फल फूल रहे हैं।
  • भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एंड रीच (एनईसीटीएआर) ने पायलट परियोजना में मदद की है।
  • सिक्किम सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बॉटनी और हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट ने सिक्किम के यांगयांग की मिट्टी वास्तविक स्थितियों के परीक्षण में यहां की स्थिति को कश्मीर के केसर उगाने के स्थानों के समान पाया है। 
  • मानकों के विस्तृत विश्लेषण के  परिणामों का उपयोग कर केसर को सूक्ष्म खाद उद्यमों के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य भागों में भी उपयोग करने की योजना है।
  • भारत में 17 टन केसर उत्पादन होता है। जम्मू कश्मीर इकलौता राज्य है। कश्मीरी केसर की कीमत 1.7 लाख से करीब ₹3लाख प्रति किलो है। 
  • विश्व भर में पैदा होने वाली करीब 300 टन केसर में 90% ईरान में पैदा होती है

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