ग्लोबल हेरिटेज नागौर का मकराना मार्बल।Makrana Marble Of Nagaur।

खनिजों का अजायबघर राजस्थान।Khanijo ka Ajayabghar Rajasthan।

ग्लोबल हेरिटेज नागौर का मकराना मार्बल।Makrana Marble Of Nagaur।

Makrana Marble Of Nagaur।
makrana marble makrana marble
Credit-pexel

खनिजों का अजायबघर राजस्थान।Khanijo ka Ajayabghar Rajasthan।

राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है।राजस्थान में 65 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। 42 किस्म के बड़े खनिज व 23 प्रकार के लघु खनिज।अलोह धातु यथा सीसा, जस्ता, तांबा आदि के उत्पादन मूल्य की दृष्टि से राजस्थान का भारत में प्रथम स्थान है। लोह खनिजों के उत्पादन मूल्य की दृष्टि से भारत में राजस्थान का चौथा स्थान है। खनिज भंडारों की दृष्टि से राजस्थान का देश में झारखंड राज्य के बाद दूसरा स्थान है। कुछ खनिज एसे भी है जिनका राजस्थान एकमात्र उत्पादक राज्य है जैसे जैस्पर, वोलस्टोनाइट,पन्ना व गार्नेट। राजस्थान में देश के कुल खनिज उत्पादन मूल्य का 5.7% उत्पादित होता है।

राजस्थान में संगमरमर के 1000 मिलियन टन के भंडार है।डूंगरपुर, कोटा, उदयपुर में हरा मार्बल निकलता है एवं काला मार्बल आंधी (जयपुर),भैसलाना तथा लाल मार्बल धौलपुर में मिलता है। गुलाबी मार्बल के लिए भरतपुर प्रसिद्ध है तथा पाली के आसपास सतरंगी मार्बल मिलता है। सफेद मार्बल मकराना(makrana marble), राजसमंद, ऋषभदेव, सिरोही,चित्तौड़गढ़ आदि जगहों पर निकलता है।किशनगढ़ को देश की सबसे बड़ी मार्बल मंडी के रूप में जाना जाता है। संगमरमर उत्पादन की दृष्टि से राजसमंद का स्थान प्रथम है।
राजस्थान के खनिज भंडार जहां राज्य व देश को समृद्ध करते हैं वही अपनी विशिष्टता के कारण विश्व में भी अपनी पहचान रखते हैं। इसमें संगमरमर पत्थर के लिए प्रसिद्ध नागौर जिले के मकराना का अपना विशेष स्थान है, जो इसी विशेषता के कारण मकराना मार्बल (makrana marble) भी कहलाता है। मकराना का नाम सुनते ही आगरा के ताजमहल एवं कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल की चमचमाती सफेद दीवारें आंखों के सामने अनायास ही आ जाती है।संगमरमर की सफेदी का पर्याय बने मकराना के मार्बल(makrana marble) उद्योग की चमक आज भी कायम है। मध्य काल के पूर्व से ही घर-घर में चकला, खरल, गमले, टेबल, डिजाइनर कुर्सियां, खिलौने सहित सजावटी सामान बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर मार्बल की आधुनिक कलाकृतियों से लोगों को परिचय कराने वाले कुटीर उद्योग आज भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं।

विश्व के सबसे अच्छे मकराना मार्बल की विशेषता।Qualities of Makrana marble।

मकराना के मार्बल की चमक सैकड़ों साल तक गायब नहीं होती, इसका जीवंत उदाहरण आगरा का ताजमहल है जो आज भी अपनी चमक व आभा से लाखों देसी एवं विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होने से यह मार्बल गुणवत्ता एवं टीकाऊपन में इटली, वियतनाम,राजनगर,अंबाजी व कटनी में निकलने वाले स्टोन से भी श्रेष्ठ है।

मकराना मार्बल की किस्में।Varieties of Makrana marble।

मकराना के मार्बल की विभिन्न किस्मों से अलबेटा सफेद मार्बल को उत्तम श्रेणी का माना जाता है। इनमें चकडूंगरी,माताभर,कालानाड़ा, रेवंत डूंगरी, मकराना कुम्हारी, बोरावड कुम्हारी, देवी रेंज, गुणावती रेंज, चौसिरा रेंज, साहब वाली रेंज, नहर रेंज, उलोडी रेंज, गुलाबी रेंज, भोंट रेंज, मोरेड, पहाड़ कुआं व कोला डूंगरी रेंज की मार्बल खाने शामिल है। मकराना मार्बल कैल्साइट का उन्नत स्रोत है तथा इस पत्थर में 98% तक कैल्शियम की मात्रा मिलती है। मार्बल के सॉलिड पत्थरों को काटकर स्लैब निकाले जाते हैं, जो इमारतों की फर्श में लगाने के काम आता है।
इमारती पत्थर की श्रेणी के मार्बल की घड़ाई कर उसे मंदिरों व अन्य इमारतों में लगाने हेतु आकार दिया जाता है,जिसे घड़वा पत्थर बोलते हैं।इस उद्योग में करीब 1000 घड़ाई कारखाने संचालित है। जिनमें करीब 30000 मजदूर नियोजित है, जो कि पत्थर में कलाकारी कर उसे आकार देते हैं। इसके बाद बचे हुए वेस्ट को खण्डा कहते हैं,जो कैल्साइट पाउडर बनाने वाली कंपनियों में काम आता है। खानो से निकलने वाला मलबा मिट्टी, रेगिस्तानी धूल भरी मिट्टी में सड़क को ग्रेवल करने के काम में लिया जाता है।

विश्व प्रसिद्ध इमारतों में मकराना मार्बल का प्रयोग कहां-कहां हुआ है?

विश्व प्रसिद्ध दिलवाड़ा के जैन मंदिर, मथुरा में श्री कृष्ण मंदिर, माँ वैष्णो देवी मंदिर, देशनोक स्थित करणी माता मंदिर,अबू धाबी की शेख जायद मस्जिद, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर, लखनऊ का अंबेडकर पार्क,मुंबई की हाजी अली दरगाह, अजमेर ख्वाजा साहब की दरगाह, अक्षरधाम मंदिर,जयपुर स्थित लक्ष्मी नारायण बिडला मंदिर,मुंबई वृंदावन स्थित इस्कॉन मंदिर, पाकिस्तान के लाहौर की मोती मस्जिद तथा लुधियाना के दुख निवारण साहिब गुरुद्वारा, विश्व के श्वेतांबर जैन मंदिर, दिगंबर जैन मंदिर,स्वामीनारायण मंदिर,अमरपुरा नागौर स्थित संत लिखमीदास का स्मारक सहित विश्व की नामचीन इमारतों में मकराना मार्बल(makrana marble) का प्रयोग हुआ है। राजस्थान राज्य अभिलेखागार में रखे अभिलेखों में आगरा तक संगमरमर पहुंचाने का उल्लेख है।

मकराना मार्बल है ग्लोबल हेरिटेज में शामिल।

इंटरनेशनल यूनियन आफ जियोलॉजिकल साइंस (आई.यू.जी.एस.) की एग्जीक्यूटिव कमेटी ने ग्लोबल हेरिटेज स्टोन रिसोर्सेज के भारतीय शोध दल के प्रस्ताव पर मकराना मार्बल(makrana marble) को ग्लोबल हेरिटेज के रूप में मान्यता प्रदान की है। मकराना मार्बल व्यवसाय को वैश्विक स्तर पर इससे प्रसिद्धि प्राप्त हुई है।

1 thought on “ग्लोबल हेरिटेज नागौर का मकराना मार्बल।Makrana Marble Of Nagaur।”

Leave a Comment