नई शिक्षा नीति 2020 के नियम व प्रमुख बिंदु (NEP 2020 IMPORTANT POINTS AND RULES)
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022(NATIONAL EDUCATION POLICY 2022)
भारत में पहले की शिक्षा नीति में बहुत समय से कोई भी बदलाव नहीं किया गया था जो जानकारी आप के दादा ने प्राप्त की थी वही जानकारी आपके पिता ने और अभी आप भी वही पढ़ रहे होंगे । भारत की विकास के लिए शिक्षा नीति में परिवर्तन लाना काफी ज्यादा जरूरी था और मोदी सरकार के द्वारा वर्ष 2022 में नई शिक्षा नीति का शुभारंभ किया गया है । इस शिक्षा नीति के तहत बहुत सारे क्षेत्र में छूट और अत्यधिक लाभ देने की कोशिश की गई है जिससे छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा छात्र रट्टा मार पढ़ाई ना करके कुछ सीखने योग्य पढ़ाई करेंगे और भारत के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे ।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी क्या है ?
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नीति तैयार की जाती है और भारत सरकार के द्वारा नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 का शुभारंभ कर दिया गया है । सरकार के द्वारा New National Education Policy (NEP) में बहुत सारे अहम बदलाव किए गए हैं । नई एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव करने का प्रमुख कारण भारत को वैश्विक नजर में महाशक्ति बनाना है ।भारत की नई शिक्षा नीति के तहत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी आई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सर्वभौमिकरण किया जाएगा ( Medical and law study is not included) , नई शिक्षा नीति के आने से पहले 10+2 पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु इस नई शिक्षा नीति (NEP) के आ जाने से 5+3+3+4 के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा , आगे हम आपको इस पैटर्न के बारे में विस्तार में बताएंगे ।
Nai Shiksha Niti 2020 in Hindi
योजना का नाम | नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2020) / राष्ट्रीय शिक्षा नीति |
राज्य/केंद्र | केन्द्रीय योजना |
कब लागू की गई | 29 जुलाई 2020 |
उद्देश्य | शिक्षा के स्तर में सुधार |
लाभार्थी | सभी छात्र-छात्राएं |
अधिकारिक वेबसाइट (Official website) | education.gov.in |
नई शिक्षा नीति 2020 कब लागू होगी| Rashtriya Shiksha Niti 2020 Detail in Hindi | नई शिक्षा नीति 2020 के नियम व प्रमुख बिंदु (2020 Ki Shiksha Niti)
नई शिक्षा नीति 2020 में 5+3+3+4 क्या है?
पुरानी शिक्षा निति का पाठ्यक्रम 10+2 के अनुसार चलता था, लेकिन नई शिक्षा नीति 2020 (bhartiya shiksha Niti 2020) की शैक्षणिक संरचना 5+3+3+4 के हिसाब से की गई है। इस निति को बच्चे की 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के अनुसार 4 अलग-अलग हिस्सों में विभाजित किया गया है। पहले हिस्से में प्राइमरी से दूसरी कक्षा, दूसरे हिस्से में तीसरी से पांचवीं कक्षा, तीसरे हिस्से में छठी से आठवीं कक्षा और चौथे हिस्से में नौंवी से 12वीं कक्षा को शामिल किया गया है।
नई शिक्षा निति के प्रमुख बिंदु / विशेषताएं (New Shiksha Niti 2021 Key Points)
- NEP 2020 के अंतर्गत पांचवी कक्षा तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही अध्ययन करवाया जाएगा।
- भाषा के चुनाव के लिए छात्रों पर कोई बाध्यता नहीं होगी, उनके लिए संस्कृत और अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं को पढने के विकल्प भी मौजूद रहेंगे।
- कक्षा 10 बोर्ड की अनिवार्यता को ख़त्म कर दिया गया है, अब छात्र को सिर्फ 12वीं परीक्षा देनी होगी।
- ग्रेजुएशन की डिग्री 3 और 4 वर्ष की होगी।
- एक वर्ष पढ़ाई करने के बाद यदि छात्र पढाई छोड़ता है और फिर दोबारा अपनी पढ़ाई जारी करने का मन बनाता है तो वह अपनी पढाई वहीँ से प्रारंभ कर सकता है जहाँ से उसने अपनी पढाई को छोड़ा था।
- छात्र को कॉलेज के पहले वर्ष की पढाई पूरी होने पर सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष पर डिप्लोमा व तीसरे और चौथे वर्ष में डिग्रीदी जाएगी।
- 3 वर्ष की डिग्री उन छात्रों के लिए होगी, जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है, जबकि हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री लेनी होगी।
- 4 वर्ष की डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स एक वर्ष में MA कर पाएंगे।
- MPhil की अनिवार्यता को भी ख़त्म कर दिया गया है, MA के छात्र सीधे ही PHD कर पाएंगे।
- यदि कोई अपने कोर्स के बीच में से किसी दूसरे कोर्स में शामिल होना चाहता है तो वह सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर अपना कोर्स बदल सकता है।
- स्कूली बच्चों को खेल-कूद, योग, नृत्य, मार्शल आर्ट, बागवानी, समेत अन्य शारीरिक गतिविधियों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
New National Education Policy 2022 का उद्देश्य
नेशनल एजुकेशन पालिसी का मुख्य उद्देश्य भारत मैं प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 में सरकार के माध्यम से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन किए हैं। जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।
एजुकेशन पॉलिसी के सिद्धांत
- प्रत्येक बच्चे की क्षमता की पहचान एवं क्षमता का विकास करना
- साक्षरता एवं संख्यामकता के ज्ञान को बच्चों के अंतर्गत विकसित करना
- शिक्षा को लचीला बनाना
- एक सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में निवेश करना
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विकसित करना
- बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ना
- उत्कृष्ट स्तर पर शोध करना
- बच्चों को सुशासन सिखाना एवं सशक्तिकरण करना
- शिक्षा नीति को पारदर्शी बनाना
- तकनीकी यथासंभव उपयोग पर जोर
- मूल्यांकन पर जोर देना
- विभिन्न प्रकार की भाषाएं सिखाना
- बच्चों की सोच को रचनात्मक एवं तार्किक करना
भारत की नई शिक्षा नीति के लाभ
- भारत की नई शिक्षा नीति को लागू करने का सबसे बड़ा उद्देश्य भारत के छात्रों को सक्षम बनाना है ।
- New National Education Policy 2022 को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा केंद्र सरकार के द्वारा खर्च किया जाएगा ।
- पढ़ाई में संस्कृत और भारत की जो प्राचीन भाषा है उनको अहम भूमिका दी जाएगी संस्कृत को आईआईटी के क्षेत्र में भी आगे ले जाया जाएगा साथ ही जो छात्र चाहे संस्कृत भाषा में ही अन्य सब्जेक्ट की पढ़ाई कर सकते हैं ।
- बोर्ड परीक्षा को भी बहुत आसान कर दिया जाएगा पहले जो छात्र सोचते थे कि बोर्ड परीक्षा के समय में ही केवल बोर्ड की तैयारी दो-तीन महीने में पढ़ कर कर ली जाए इस व्यवस्था को खत्म कर दी जाएगी अब छात्रों को साल भर पढ़ाई करनी होगी और बोर्ड परीक्षा दो चरणों में ली जा सकते हैं ।
- पढ़ाई को आसान बनाने साथ ही छात्रों को समझ में आने योग्य बनाने के लिए पढ़ाई क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल किया जाएगा दूसरे देश की तर्ज पर अब भारत में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर पढ़ाया जाएगा ।
- हायर एजुकेशन लेवल पर एमफिल डिग्री को खत्म किया जा रहा है ।
- नई शिक्षा नीति के तहत एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को मेन सिलेबस में रखा गया है ।
- New Education Policy 2022 के तहत छात्रों को 3 भाषा सिखाई जाएंगे जो राज्य को अपने स्तर पर निर्धारित करना होगा ।
- भारत की नई शिक्षा नीति 2022 के तहत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी ।
- भारत में नई शिक्षा नीति को निचले स्तर पर कार्य में लाने के लिए बहुत सारे संस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे New Education Policy (NEP) को सुचारू रूप से चलने में मदद मिल सकेगी ।
- इस नई शिक्षा नीति के आ जाने से बच्चों को कौशलपूर्ण बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा , साथ ही उन्हें पढ़ाई भी विशेष रूप से कराई जाएगी ।
- भारत की नई शिक्षा नीति के आ जाने से स्टूडेंट के ऊपर से पढ़ाई का बोझ कम होगा और उन्हें सीखने के क्षेत्र में काफी उन्नति प्रदान होगी । यानी अब विद्यार्थी रट्टा मार की जगह कौशलपूर्ण और योग्य बनेंगे ।
FAQ New National Education Policy 2020
Q 1. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बताए गए सुधार व बदलाव कैसे लागू किए जाएंगे ?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) मैं अभी शिक्षा सुधारों के सुझाव को ही मंजूरी दी गई हैं इसे लागू नहीं किया गया है । इस सुधारों का क्रियान्वयन होना अभी बाकी है और यह जरूरी नहीं है कि इस नई शिक्षा नीति में सभी सुझावों को मंजूरी मिल जाए क्योंकि शिक्षा एक समवर्ती विषय है जिस पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों का हक है केंद्र और राज्य सरकार दोनों की अनुमति से ही शिक्षा नीति के सभी सुझावों को लागू किया जा सकता है ।
नई शिक्षा नीति के सभी सुझावों और बदलावों को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार का आपस में सहयोग होना अनिवार्य है ।
Q 2. नई शिक्षा नीति कब से लागू होगी ?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 अभी इतनी जल्दी लागू होने वाली नहीं है सरकार ने खुद राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुझावों को पूरी तरह से लागू करने के लिए 2040 तक का टारगेट रखा है । हालांकि नई शिक्षा नीति के तहत कुछ महत्वपूर्ण सुझाव आने वाले दो-तीन सालों में लागू हो सकते हैं । वैसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के फाइनल ड्राफ्ट में कहा गया है कि 2040 तक भारत के लिए कैसी शिक्षा प्रणाली का लक्ष्य होना चाहिए जहां किसी भी सामाजिक और आर्थिक सुस्ती भूमि से संबंध रखने वाले शिक्षार्थियों को समान रूप से सर्वोच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध हो । शिक्षा नीति को लागू करने के लिए फंड अहम है और सरकार से मिली जानकारी से भारत के जीडीपी का 6% नई शिक्षा नीति को लागू करने पर खर्च किया जाएगा । एक और बात 1968 में बनी पहली शिक्षा नीति फंड के अभाव के कारण पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई थी ।
Q 3. नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड की परीक्षा होगी या नहीं ?
हालांकि इस नई शिक्षा नीति के तहत 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा तो होगी लेकिन इसमें बड़े बदलाव किए गए हैं बोर्ड की परीक्षाओं की महत्व को कम किया जाएगा । साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होगी लेकिन इस नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों पर बोर्ड परीक्षा का दबाव कम होगा । विद्यार्थियों को रखने की प्रवृत्ति को कम करने के लिए विश्व में कांसेप्ट और ज्ञान के महत्व को बढ़ावा दिया जाएगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हुए पढ़ाई को आसान और समझने योग्य बनाया जाएगा ।
Q 4. जो बच्चे अभी नर्सरी में है उनका क्या करना है ?
समझिए अभी सिर्फ नई शिक्षा नीति के ऊपर विचार और विमर्श चल रहा है नई शिक्षा नीति को अभी लागू नहीं की गई है । अतः अभिभावकों को को 5+3+3+4 फार्मूला समझने की फिलहाल जरूरत नहीं है , यह फार्मूला का प्रयोग नई शिक्षा नीति का प्रयोग क्रियान्वयन के बाद ही हो पाएगा , तो अभी जैसा चल रहा है वैसा चलने दे । लेकिन जब नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी तब प्ले स्कूल के शुरुआती साल भी अब स्कूली शिक्षा से जुड़ेंगे जो की नई शिक्षा नीति का एक अहम बदलाव है ।
Q 5. जो अगले साल कॉलेज जाएंगे उनका क्या होगा ?
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत उच्च शिक्षा में कई अहम बदलाव किए गए हैं लेकिन यह बदलाव भारत में कब से लागू होगा इसके ऊपर केंद्र सरकार या राज्य सरकार के द्वारा कोई भी जानकारी नहीं दी गई है । 12वीं के बाद अभी जो विद्यार्थी कॉलेज जाएंगे ऐसे में संभव है विद्यार्थी पुराने सिलेबस यानी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के हिसाब से ही दाखिला ले पाएंगे ।
वैसे तो नई शिक्षा नीति के हिसाब से अब ग्रेजुएशन में छात्र 4 साल का कोर्स पढ़ेंगे जिसमें बीच में कोर्स छोड़ने की गुंजाइश भी दी गई है छात्र अगर कोर्स बीच में छोड़ देते हैं तो उन्हें ड्रॉपआउट घोषित नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा जिससे यह प्रमाणित होगा कि छात्र ने पहले वर्ष तक पढ़ाई की पर भविष्य में छात्र जब चाहे अगले वर्ष की पढ़ाई कर सकता है ।
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