Dussehra 2022: कब है दशहरा? जानिए विजयदशमी का शुभ मुहूर्त और महत्व।Shubh muhurat and Importance of Vijayadashami।
Dussehra 2022 दशहरा का पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इस साल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं कि दशहरा का शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।
Dussehra 2022।दशहरा 2022।विजय दशमी 2022।Vijaya Dashmi 2022।
दशहरा क्यों मनाया जाता है?
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाने वाला पर्व दशहरा इस साल अक्टूबर की शुरुआत में ही पड़ रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, दशहरा या विजयादशमी का पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरा के दिन ही भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था।
किसी कारण हर साल प्रतीक के रूप में रावण के अलावा कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है। देशभर में इस पर्व को बड़े ही धूमधाम तरीके से मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन के साथ दुर्गा पूजा (शारदीय नवरात्रि) का भी समापन हो जाता है। आइए जानते हैं कि दशहरा की तिथि, पूजा का मुहूर्त और महत्व के बारे में।
दशमी तिथि प्रारम्भ – 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट तक
दशमी तिथि समाप्त – 5 अक्टूबर 2022 दोपहर 12 बजे तक
श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ – 4 अक्टूबर 2022 को रात 10 बजकर 51 मिनट तक
अमृत काल– 5 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 33 से लेकर दोपहर 1 बजकर 2 मिनट तक
दुर्मुहूर्त– 5 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 38 मिनट तक।
विजयदशमी का महत्व क्या है?।What is the importance of Vijayadashami or Dussehra?।
पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरा मनाने के पीछे दो कथाएं सबसे ज्यादा प्रचलित है। पहली कथा के अनुसार, आश्विन शुक्ल दशमी को भगवान श्री राम ने रावण का वध करके लंका में विजय प्राप्त की। इसी कारण इस दिन को विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
वहीं दूसरी कथा के अनुसार, मां दुर्गा ने महिषासुर के साथ 10 दिनों तक भीषण संग्राम किया और आश्विन शुक्ल दशमी को उसका वध कर दिया। इसी कारण इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाया जाने लगा। ये दोनों की घटनाएं बुराई में अच्छाई के जीत के रूप में दिखाती है।
Dussehra 2022: 2022 में कब है दशहरा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।Dussehra Muhurat And Poojavidhi।
हिन्दू धर्म में प्रभु श्रीराम की रावण पर और धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक दशहरा का पर्व बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को बड़े धूम-धाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
Dussehra(Vijayadashami) 2022: 2022 में कब है दशहरा?। जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
हिन्दू धर्म में प्रभु श्रीराम की रावण पर और धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक दशहरा का पर्व बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को बड़े धूम-धाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
Vijaydashmi 2022। Date Shubh Muhurat And Puja Vidhi।
दशहरे का त्योहार धर्म की अधर्म पर जीत का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम ने पत्नी सीता को लंकेशपति रावण के चंगुल से छुड़ाकर अहंकारी रावण का वध किया था तभी से ही दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व मनाया जाता आ रहा है।
हर साल दशहरे के दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला जलाकर धूमधाम से दशहरा मनाते हैं। पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को बड़े हर्षोल्लास के साथ ये पर्व मनाया जाता है। वहीं इस वर्ष 5 अक्टूबर 2022 को दशहरा पड़ रहा है। तो आइए जानते हैं इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में…
दशहरा 2022 तिथि।Dussehra Tithi 2022।
पंचांग के मुताबिक इस वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 04 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02:20 बजे से होगी और 05 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12:00 बजे इस तिथि का समापन होगा।
दशहरा 2022 शुभ मुहूर्त।Dussehra 2022 Shubh Muhurat।
ज्योतिष अनुसार 5 अक्टूबर 2022 को विजयादशमी यानी दशहरा की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 02:07 बजे से 02:54 बजे तक है।
दशहरा पूजा विधि।Dashhara pooja vidhi।
दशहरे वाले दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निपटकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफ़ाई करके गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें। इसके बाद पूजास्थल पर प्रभु श्री राम, माता सीता और संकटमोचन हनुमान जी का विधिवत पूजन करें।
वहीं कई जगहों पर दशहरे वाले दिन पर गाय के गोबर से 10 गोले बनाकर इनके ऊपर जौ के बीज लगाए जाते हैं। इसके बाद भगवान को धूप-दीप दिखाकर पूजन किया जाता है और फिर इन गोबर के गोलों को जला दिया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि गोबर के इन दस गोलों को रावण के 10 सिर मानकर अपने भीतर के अहंकार, बुराई और लालच को खत्म करने की भावना के साथ जलाया जाता है।
दशहरा एक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। यह त्योहार दस दिनों तक चलता है और हर साल सितंबर या अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है।
इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य दुर्गा माता की विजय के उत्सव को मनाना है। इस दस दिनों के उत्सव में, लोग भगवान राम की विजय के भी अवसर पर उनकी पूजा भी करते हैं।
दशहरा का अर्थ होता है “दस दिनों की राजत्व की अवधि”। इस उत्सव के दौरान, भारत में लोग भगवान राम के अवतार रावण के पुतले को आग लगाकर जलाते हैं, जिससे रावण का वध का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, लोग माँ दुर्गा के मंदिरों में उन्हें पूजते हैं और विभिन्न प्रकार के भोजनों का आनंद लेते हैं।
दशहरा का यह उत्सव भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है और इसे देश के विभिन्न हिस्सों में उत्साह से मनाया जाता है।