घर-घर औषधि योजना। Ghar Ghar aushadhi yojana।
Ghar Ghar Aushadhi Yojana का परिचय।
मॉडल स्टेट राजस्थान द्वारा स्टेट फ्लैगशिप कार्यक्रम के तहत घर-घर औषधि योजना का क्रियान्वयन किया गया है। प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य रक्षा तथा औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से राज्य सरकार ने “घर-घर औषधि योजना” शुरू की है।
प्रदेश भर में घर-घर औषधि योजना के तहत तुलसी, कालमेंघ,अश्वगंधा और गिलोय के पौधे घरों तक पहुंचाए गए।यह पौधे पारंपरिक रूप से स्वास्थ्य पूरक और हर्बल दवाओं में उपयोग किए जाते हैं।
निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए भावी पीढ़ी को भी इन औषधीय पौधों के महत्व और उपयोग की जानकारी मिलना आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2021-22 के बजट में घर-घर औषधि योजना प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी। वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत एक परिवार को अधिकतम 8 पौधे दिए जा रहे हैं। साथ ही अब परिवार चार प्रकार गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा और कालमेघ के दो-दो पौधों के स्थान पर किन्ही भी दो प्रकार के चार-चार पौधे भी ले सकता है। पौधे का वितरण यथासंभव वन विभाग की नर्सरी से किया जा रहा है।
Ghar Ghar Aushadhi Yojana का लाभ।
घर-घर औषधि योजना को लागू करने वाला राजस्थान संभवत पहला प्रदेश है जिसने औषधीय पौधों के प्रति जनचेतना जागृत करने के लिए वृहद स्तर पर ऐसी अनूठी योजना लागू की है। यह भावी पीढ़ी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है।
घर-घर औषधि योजना में चारों प्रजातियों के पौधों तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ को 11 हजार से अधिक रिसर्च पेपर और 350 क्लिनिकल ट्रायल पर आधारित प्रमाणित ज्ञान के बाद शामिल किया गया है।
जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए यह 4 औषधीय पौधे सर्वोत्तम है। संचारी और गैर-संचारी रोगों के खिलाफ तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ का उपयोग बेहद कारगर है।कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में भी यह चारों पौधे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बेहद ही कारगर सिद्ध हुए है।
राजस्थान राज्य में अब तक इस योजना में प्रदेश भर में 518.34 लाख औषधीय पौधे निशुल्क वितरित किए गए हैं।
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