ग्राम पंचायत में महिला सभा की भूमिका।MAHILA SABHA IN GRAM PANCHAYAT IN HINDI

ग्राम पंचायत में महिला सभा की भूमिका।MAHILA SABHA IN GRAM PANCHAYAT IN HINDI।

महिला सभा महिलाओं का मंच है जिसमें गांव की सभी व्यस्क महिलाएं सदस्य होती है, और बैठके करती है। इस सभा में 18 साल से ऊपर की गांव में रहने वाली सभी महिला बहने सदस्य होती है। महिला सभा का आयोजन हर ग्राम सभा के पूर्व यानी न्यूनतम हर 3 महीने में एक बार ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत के गांवों में बारी-बारी से कराया जाता है, अतः यदि किसी पंचायत में 4 राजस्व गांव है, तो महिला सभा का आयोजन गांव-वार बारी-बारी से अलग-अलग तिथियों में रखा जावे। ताकि पंचायत के सरपंच व सचिव उसमें भागीदारी कर सके। सरपंच व सचिव की भागीदारी इसलिए जरूरी है, कि महिला सभाओं में प्राप्त प्रस्तावों को प्राथमिकता से ग्राम पंचायत विकास प्लान जीपीडीपी में शामिल किया जाए। 

ग्राम सभाओं के आयोजन कैलेंडर से 15 दिन पूर्व ही पंचायत के गाँवो में महिला सभाओं का आयोजन सुनिश्चित किया जाए, ताकि प्राप्त प्रस्तावों का समावेश ग्राम सभा में किया जा सके। अगर ग्राम पंचायत में एक से अधिक गांव है, तो यह बैठके गांव-वार बारी-बारी से होनी चाहिए। इन बैठकों में सभाओं में आए प्रस्तावों पर चर्चा करें। महिलाएं अपने मुद्दे इसमें शामिल करें, उसके बाद ही इन्हें पारित करें। इसलिए ग्राम सभा की बैठकों और इन बैठकों का समय अलग-अलग होना चाहिए, ताकि सरपंच और ग्राम सचिव भी इसमें मौजूद रहे,और महिलाओं के मुद्दों की जानकारी पा सके। इन बैठकों में 10% सदस्यों का मौजूद होना अनिवार्य है, नहीं तो कोरम पूरा नहीं माना जाता है

महिला सभा का कोरम।

किसी भी राजस्व गांव में उपलब्ध 18 साल से ऊपर की महिला निवासियों की न्यूनतम 10% भागीदारी पर महिला सभा का कोरम पूरा माना जाता है। साथ ही राजस्व गांव में रहने वाली अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय की बालिग महिलाओं की भी उनकी आबादी के अनुपात में 10% उपस्थिति अनिवार्य होती है। इस महिला सभा में अगर यह स्थिति नहीं बनती है,तो कोरम के अभाव में महिला सभा स्थगित करनी होगी तथा दुबारा बुलाई गई महिला सभा में भी कोरम की आवश्यकता लागू रहेगी।

महिला सभा का सफल आयोजन कैसे करें?

महिला सभा का सफल आयोजन करने के लिए चरणबद्ध तरीके से 3 चरणों का पालन करना चाहिए:-
  1. महिला सभा बुलाने से पहले की तैयारी
  2. बैठक के दौरान ध्यान रखी जाने वाली बातें
  3. महिला सभा में उठाए गए मुद्दों और चर्चित प्रस्तावों के बाद की कार्यवाही

महिला सभा को बुलाने से पहले की तैयारी।

महिला सभा की बैठकों की तिथि ग्राम सभा की बैठकों से पहले रखनी चाहिए।महिला सभा की बैठक की तिथि, स्थान और समय की जानकारी मुनादी कराकर कुओं, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, बस स्टैंड, आंगनवाड़ी केंद्र,पशु स्वास्थ्य केंद्र, राशन की दुकान, महात्मा गांधी नरेगा के काम की जगह आदि पर नोटिस लगाकर करनी चाहिए। 
इस बात का विशेष ध्यान रखना है, की बैठक को ऐसी जगह पर आयोजित करवाया जाए,जहां महिलाएं आसानी से बिना डरे बेझिझक आ सके। ज्यादा से ज्यादा महिलाएं बैठक में पहुंचे, इसके लिए सहयोग साथिन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगिनी से भी लिया जाए। महिला अध्यापिकाए, गांव की पढ़ी-लिखी महिलाओं, नवयुवक मंडल, किसान मंच, स्वयं सहायता समूह, बाल मंच आदि के माध्यम से भी इसका प्रचार प्रसार करवाये।

महिला सभा की बैठक के दौरान ध्यान रखी जाने वाली बातें।

सर्वप्रथम महिलाओं के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था करनी है, एवं महिला सभा की अध्यक्षता सरपंच करें,और संचालन ग्रामसेवक करें। जिसमें सहयोग साथिन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी करेगी। ग्राम सेवक सभी मुद्दों और बिंदुओं को पढ़कर सुनाएं। उसके बाद उन पर चर्चा की जाए। महिला और लड़कियों को खुलकर बोलने और चर्चा की आजादी हो। उनके साथ होने वाली हिंसा पर चर्चा और रोकने की नीति पर खुलकर बात की जाए। महिलाओं को मजबूत बनाने और उनका हौसला बढ़ाने के कार्यक्रम जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, परिवार नियोजन,खेलकूद की उपलब्धता एवं गुणवत्ता पर चर्चा हो। 
सामाजिक बुराइयों जैसे कि कन्या भ्रूण हत्या कानून, बाल विवाह, दहेज प्रथा, नशा, घरेलू हिंसा, नाता प्रथा, डायन प्रथा पर चर्चा करें, और इनकी रोकथाम के उपायों पर भी चर्चा हो। महिलाओं के आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर होने के कार्यक्रम पर चर्चा हो। जैसे- बालिका छात्रवृत्ति, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन,विधवा महिला की बेटी की शादी पर सहायता, कृषि व पशुपालन विभाग की योजना, प्रशिक्षण, संपत्ति में मालिकाना अधिकार आदि के संबंध में महिला सभा में चर्चा कर महिलाओं को जागरूक करना चाहिए।

महिला सभा में उठाए गए मुद्दों और प्रस्तावों को शामिल करने के लिए उसके बाद की कार्यवाही।

जो भी निर्णय लिए जाए वे बहुमत से हो इसकी जिम्मेदारी ग्राम सेवक की होगी। जिसमें सहयोग साथीन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी करेगी। बैठक में सामने आए मुद्दों और सुझावों और प्रस्तावों को विकास योजना में शामिल करना होगा और सबसे आगे रखना होगा। बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाही का ब्यौरा और आगे की योजना पर भी चर्चा होगी। महिलाएं अपने मुद्दों और सुझावों को शामिल करवाने के लिए ग्राम सभा में जरूर जाए। जब तक पंचायत के कामों में यह आधी आबादी भाग नहीं लेगी,तब तक भारत का उत्थान होना लगभग असंभव है।भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करना अनिवार्य है।

4 thoughts on “ग्राम पंचायत में महिला सभा की भूमिका।MAHILA SABHA IN GRAM PANCHAYAT IN HINDI”

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