क्या आप एक वास्तविक शिक्षक है?
अगर आप स्कूल सही समय पर जाने के लिए चिंतित नही हैं…अगर आपको मॉर्निंग असेम्बली में जाना बोरियत भरा लगता हैं…अगर आप बालको को संबोधित करने में कतराते हैं…अगर आपको कक्षाओं में जाना मजबूरी सा लगता है…अगर आप अपने हिस्से में ज्यादा कालांश आने पर तर्क और विरोध करते हैं…अगर आप अगले दिन की विद्यालय की गतिविधियों को लेकर उत्साहित नहीं हैं..अगर आप स्कूल के कामों को यह कह कर टाल देते हैं कि यह काम मेरा नहीं है ..ये मेरा प्रभार नहीं है…
अगर आपका उद्देश्य सिर्फ वेतन के लिए उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करना है..अगर आप कक्षा कक्ष से अधिक स्टाफ रूम व अन्य जगहों पर बैठे पाए जाते हैं… अगर आप बालकों के चरित्र निर्माण में कोई योगदान नहीं देते..अगर आप स्कूल लेट आना तो पसंद करते हैं लेकिन स्कूल समय के अतिरिक्त रुकना नियम विरुद्ध मानते हैं…अगर आप स्कूल के धन, संसाधन से कुछ हिस्सा अपने लिए बरतना चाहते हैं..अगर आप बालकों को पढ़ाने के बजाय स्टाफ गुटबंदी..व वाहियात वाद विवाद का हिस्सा बनते हैं……अगर आप बालकों को किताबी और जीवन का व्यवहारिक ज्ञान देने के बजाय साम्प्रदायिक,राजनीतिक,जातीय व गैर जरूरी ज्ञान पर फोकस करते हैं… अगर आपके लिए बालक का जीवन निर्माण सर्वोपरी नहीं है..अगर आप हमेशा वेतन गणना व स्वयं के वेतन को लेकर चिंतित रहते हैं..और स्कूल की समस्याओं को संस्था प्रधान की निजी समस्या मान कर सन्तुष्टि धारण कर लेते हैं
अगर आप विद्यालय समय में वो सारे काम करते हैं जिनके लिए आपकी नियुक्ति नहीं हुई,तो यकीन मानिए आप शिक्षक हैं ही नहीं। आप सिर्फ पैसा कमा रहे हैं और वो भी गलत तरीके से..
आगे इस बात के लिए भी निश्चिंत रहिए कि यदि इस दुनिया के परे कोई अन्य समानांतर दुनिया है जहां आपके कर्मों के हिसाब से निर्णय लिए जाते हैं ….तो आप निःसंदेह दंड के भागी होंगे…आप वही काटेंगे जो आपने बोया है….🙏🙏
Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!