कोई भूखा ना सोए की संकल्पना को साकार करने के लिए इंदिरा रसोई योजना 2020।Indra rasoi yojana 2020।

इंदिरा रसोई योजना 2020।Indra rasoi yojana 2020।

इंदिरा रसोई योजना।Indra rasoi yojana।
इंदिरा रसोई योजना।Indra rasoi yojana।
इंदिरा रसोई योजना।Indra rasoi yojana।

 इंदिरा रसोई योजना 2020।

कोई भूखा ना सोए” की संकल्पना को साकार करने के लिए इंदिरा रसोई योजना राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई है। इंदिरा रसोई में जरूरतमंद लोगों को सम्मानपूर्वक बैठाकर स्थानीय स्वादानुसार ₹8 में शुद्ध एवं पौष्टिक भोजन दिया जाता है।

इस योजना की शुरुआत 20 अगस्त,2020 में प्रदेश सरकार द्वारा की गई। प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों के माध्यम से इंदिरा रसोई योजना का शुभारंभ किया गया।मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 18 सितंबर,2022 को 512 नवीन इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ किया। प्रदेश में वर्तमान में 951 इंदिरा रसोई संचालित की जा रही है। 

बजट घोषणा 2022 में इनकी संख्या को बढ़ाकर 1000 किया गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रति थाली ₹17 का अनुदान दिया जा रहा है।

इंदिरा रसोई योजना 2020 की प्रक्रिया।

भोजन मेनू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं आचार शामिल है। दोपहर का भोजन सुबह 8:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक एवं रात्रि कालीन भोजन शाम 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक उपलब्ध करवाया जाता है। 

प्रदेश में न लाभ न हानि के आधार पर 500 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं के द्वारा रसोइयों का संचालन किया जा रहा है। इस योजना में भामाशाह द्वारा भोजन थालीयों को प्रायोजित करने का भी प्रावधान है। इंदिरा रसोइयों में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता की नियमित मॉनिटरिंग भी की जाती है।

इंदिरा रसोई योजना,2020 हेतु पात्रता।

इस योजना में प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को ₹8 में भोजन दिया जाता है।कोई भी व्यक्ति यहां जाकर भोजन कर सकता है।

कोई भी भूखा नहीं सोए‘के संकल्प को साकार करने की दिशा में इंदिरा रसोई योजना के तहत ₹8 में पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन जरूरतमंदों को दिया जाता है। निसंदेह यह योजना राजस्थान सरकार की एक बेहतरीन योजना है। इस योजना से अब तक राज्य में 8.21 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं।

कोई भी भूखा न सोए के संकल्प को धरातल पर उतारती राजस्थान सरकार।

नर सेवा ही नारायण सेवा है। अपने लिए तो सभी जीते हैं लेकिन जो दूसरों के लिए जीता है, वही सच्चा मनुष्य है। हमारे शास्त्रों में भी सेवा को परम धर्म  मानते हुए “सेवा परमो धर्म’ कहा गया है।यही नहीं लोकतंत्र में भी जनता के द्वारा चुनी गई सरकार का ध्येय लोक कल्याण ही होता है।जब लोग अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं तो उनकी यही अपेक्षा होती है कि शासन की बागडोर वे जिन हाथों में सौंप रहे हैं वह हाथ जन सेवार्थ हमेशा तत्पर रहें।

यह वह कठिन समय था जब कोरोना महामारी देशभर में पैर पसार चुकी थी। लॉकडाउन के कारण काम धंधे ठप हो गए थे। जिससे लोगों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया था। ऐसे में इंदिरा रसोई योजना लोगों के लिए वरदान साबित हुई है।

सिर्फ ₹8 में मिलने वाले भोजन की थाली ने गरीब और वंचित तबके के लोगों की खाने की चिंता को दूर कर दिया।इस दौरान भामाशाह और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से इंदिरा रसोई में निराश्रित, गरीब, अनाथ, मजदूर, और फुटपाथ पर छोटा-मोटा व्यापार करने वाले लोगों को मुफ्त में भी भोजन मुहैया कराया गया। इंदिरा रसोई के कारण ही बहुत से लोग वह मुश्किल समय काट पाए। 

कोरोना का चरम काल बीत जाने के बाद भी इंदिरा रसोई सतत रूप से वंचित तबके के लोगों को दो वक्त का भोजन उपलब्ध करा रही है। सरकार के सेवा ही कर्म सेवा ही धर्म ध्येय वाक्य को साकार करने में सेवाभावी लोग और संस्थाएं भी साथ दे रहे हैं और 500 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओ द्वारा न लाभ न हानी के आधार पर इंदिरा रसोइयों का संचालन किया जा रहा है। 

दूरदराज से अध्ययन के लिए आने वाले शिक्षार्थियों, अस्पताल में भर्ती मरीजों की तीमारदारी में जुटे उनके परिजनों और मजदूरी के लिए आने वाले मेहनतकश लोगों के लिए इंदिरा रसोई योजना एक बड़ा संबल बन रही है। महंगाई के इस दौर में जहां जीने के लिए खाने पर एक बड़ी धनराशि खर्च करनी पड़ती है, वहीं इस योजना के माध्यम से जेब पर ज्यादा भार डाले बिना पौष्टिक और स्वादिष्ट खाना परोसा जा रहा है।

यहां भोजन करते समय किसी के आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचे इस बात को ध्यान में रखते हुए इंदिरा रसोई में सब लोगों के लिए सम्मान पूर्वक बैठकर भोजन करने की व्यवस्था की गई है। भोजन के मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल,100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और अचार दिया जाता है। यहां सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक दिन का भोजन और शाम 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक रात का खाना मिलता है।

राजस्थान सरकार द्वारा शुरुआत में हर थाली पर ₹12 अनुदान दिया जा रहा था।जिसे एक जनवरी 2022 से बढ़ाकर ₹17 प्रति थाली कर दिया गया है। स्वायत शासन विभाग द्वारा संचालित इस योजना के लिए हर साल 100 करोड रुपए के प्रावधान बजट में किया गया है।

इंदिरा रसोई योजना में खाने की गुणवत्ता।

खाने की गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता न हो इसके लिए राज्य सरकार प्रत्येक रसोई की रियल टाइम ऑनलाइन मॉनिटरिंग करती है। इसी तरह s.m.s. गेटवे सुविधा के द्वारा योजना के लाभार्थियों से फीडबैक लिया जाता है, ताकि योजना को और बेहतर बनाया जा सके। समय-समय पर राज्य सरकार की राज्य एवं जिला स्तरीय समिति भी भोजन की जांच करती है।राज्य में हर दिन लाखों की तादात में लोग इंदिरा रसोई में खाना खा रहे हैं। इतनी बड़ी योजना के संचालन के लिए सरकार के प्रयास के साथ ही जनभागीदारी भी आवश्यक है, इसलिए राज्य सरकार भामाशाहो और दानदाताओं का भी सहयोग ले रही है।
 
कोई व्यक्ति संस्था या कॉर्पोरेट फर्म इंदिरा रसोई योजना के लिए आर्थिक सहयोग करना चाहें तो मुख्यमंत्री सहायता कोष अथवा रजिस्टर्ड जिला स्तरीय इंदिरा रसोई के बैंक खाते में दान देकर कर सकते हैं। आमजन भी अपने परिवार के सदस्यों के जन्मदिन, शादी की सालगिरह या अन्य समारोह के अवसर पर इंदिरा रसोई में दोपहर या  रात्रि के भोजन का खर्च वहन कर सकते हैं।
 
इंदिरा रसोई योजना की ऑफिशियल वेबसाइट  www. indirarasoi.rajasthan.gov.in और हेल्पलाइन नंबर 1800-1806-127 है। जिन पर भोजन की गुणवत्ता या योजना से जुड़े दूसरे पहलुओं से संबंधित सुझाव या शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

निष्कर्ष।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाने वाली राजस्थान सरकार की फ्लैगशिप योजना इंदिरा रसोई योजना “कोई भी भूखा न सोए” के संकल्प को पूरा करने के साथ ही समाज के वंचित और कमजोर तबके के लिए महंगाई के इस मुश्किल दौर में जीवन रेखा साबित हो रही है।
 

 

 

 

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