इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना। Indra Gandhi matratva poshan scheme।
इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना।Indra Gandhi matratva poshan scheme। |
Indra Gandhi matratva poshan योजना का परिचय।
राजस्थान सरकार ने गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार के लिए इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना शुरू की है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों की पालना के साथ राजस्थान से कुपोषण को दूर करना है।
इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की शुरुआत 19 नवंबर 2020 से हुई। मुख्यमंत्री श्रीअशोक गहलोत ने वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा में राजस्थान के 5 जनजातीय जिलो- प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा ,उदयपुर तथा बारां में इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना को प्रारंभ किया गया।
1 अप्रैल 2022 से यह योजना राजस्थान के सभी 33 जिलों में लागू हुई। इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के राज्य में लागू होने के बाद अब प्रदेश की 3 लाख 50 हजार गर्भवती महिलाएं प्रतिवर्ष इसका लाभ ले सकती है। जिसके लिए हर साल सरकार 234 करोड रुपए खर्च करेगी। इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना में दूसरी संतान के जन्म पर लाभार्थियों को 5 किस्तों में ₹6000 का नकद लाभ दिया जाता है।
इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना में लाभ लेने हेतु पात्रता।
- प्रथम चरण- वह महिला जो 1 नवंबर, 2020 को या उस दिन के बाद से दूसरी संतान से गर्भवती हो।
- द्वितीय चरण- वह महिला जो 1 अप्रैल, 2022 अथवा उसके बाद दूसरी संतान से गर्भवती हो।
- गर्भपात अथवा मृत शिशु जन्म की स्थिति में लाभार्थी महिला भविष्य में गर्भधारण करने पर योजना अंतर्गत पात्र होगी।
- जो महिलाएं केंद्र या राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में नियमित रूप से रोजगार में है या किसी अन्य लागू कानून के तहत इस तरह का लाभ प्राप्त कर रही है,उन्हें इस योजना का फायदा नहीं मिलता है।
- प्रथम गर्भावस्था से जुड़वा बच्चे होने की स्थिति में द्वित्तीय गर्भधारण वाली महिला योजना अंतर्गत अपात्र होगी।
इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना प्रक्रिया।
Indira Gandhi matratva poshan Yojana मैं दी जाने वाली सहायता राशि।
इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत 5 किस्तों में रु6000 की राशि लाभार्थी महिला को दी जाती है।
पहली किस्त- गर्भावस्था जांच व पंजीकरण होने पर (अंतिम महावारी तिथि से 120 दिनों के भीतर पंजीकरण होने पर) ₹1000 की राशि।
दूसरी किस्त– कम से कम 2 प्रसव पूर्व जांच (ANC) पूरी होने पर (गर्भावस्था के 6 महीने के भीतर) ₹1000 की राशि।
तीसरी किस्त- बच्चे के जन्म पर संस्था।गत प्रसव पर ₹1000 की राशि।
चौथी किस्त– बच्चे के साढ़े 3 माह (105 दिन) की उम्र तक के सभी नियमित टीके लग जाने व नवजात बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने पर ₹2000 की किस्त।
पांचवी किस्त- दूसरी संतान के जन्म के 3 माह के भीतर दंपति का स्थाई परिवार नियोजन साधन अपनाए जाने (पीपी स्टरलाइजेशन)अथवा महिला द्वारा copper-t (पीपीआईयूसीडी) लगवाए जाने पर ₹1000 की किस्त दी जाती है।
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