राजस्थान सिलिकोसिस नीति, 2019।Rajasthan Silicosis Niti,2019।
राजस्थान सिलिकोसिस नीति(Rajasthan Silicosis Niti) 2019 का परिचय।
सिलिकोसिस पीड़ितों को प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता को व्यवस्थित और सरलता से प्रदान करने हेतु ऑटो अप्रूवल आधारित नवीन सिलिकोसिस पोर्टल 2022 प्रारंभ किया गया है सिलिकोसिस पोर्टल के माध्यम से अब सिलिकोसिस बीमारी का प्रमाण पत्र प्राप्त होते ही पीड़ितों एवं उनके परिवारों को सहायता राशि ऑटो अप्रूव के माध्यम से प्रत्यक्ष स्थानांतरित की जाती है।
राजस्थान सिलिकोसिस नीति 2019 पात्रता।
सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिक का राजस्थान का मूल निवासी होना अनिवार्य है। सिलिकोसिस पीड़ितों को प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता को व्यवस्थित और सरलता से प्रदान करने हेतु ऑटो अप्रूवल आधारित नवीन सिलिकोसिस पोर्टल 2022 प्रारंभ किया गया है|
राजस्थान सिलिकोसिस नीति(Rajasthan Silicosis Niti) 2019 के लिए प्रक्रिया।
Silicosis पीड़ित सिलिकोसिस पोर्टल पर जाकर ईमित्र के माध्यम से या एसएसओ आईडी से लॉगिन करके आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए निम्न दस्तावेज आवश्यक है:- मूल निवास प्रमाण पत्र की कॉपी, मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति, जन आधार कार्ड,नियोक्ता की जानकारी, बीओसीडब्ल्यू की जानकारी आदि।
Silicosis Niti 2019 के लाभ।
- सिलिकोसिस रोग के प्रमाणीकरण पर रोगी को ₹300000 दिए जाते हैं।
- सिलिकोसिस रोगी की मृत्यु के उपरांत अंतिम संस्कार हेतु ₹10000 एवं परिवारजनों को ₹200000 देय है।
- सिलिकोसिस पीड़ित को पेंशन ₹1500 प्रतिमाह देय है।
- सिलिकोसिस विधवा पेंशन के अंतर्गत 55 वर्ष की आयु तक ₹500 प्रतिमाह, 55 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक ₹750 प्रतिमाह, 60 वर्ष से 75 वर्ष की आयु तक ₹1000 प्रतिमाह एवं 75 वर्ष से अधिक आयु पर ₹1500 प्रतिमाह देय है।
- पालनहार योजना के अंतर्गत पीड़ित परिवार के 6 वर्ष की आयु तक बच्चों को ₹500 प्रतिमाह, 6 से 18 वर्ष की आयु तक ₹1000 प्रतिमाह एवं प्रत्येक बच्चे को ₹2000 वार्षिक एकमुश्त सहायता दी जाती है।
राजस्थान में अब तक सिलिकोसिस नीति 2019 के तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पुनर्वास के लिए 707 करोड रुपए सहायता में दिए गए। वही पेंशन के तौर पर 145 करोड़ रुपए सहायता में दिए गए।
सिलिकोसिस नीति:- राज्य सरकार ने 3 अक्टूबर, 2019 को सिलिकोसिस नीति की घोषणा की है। उक्त नीति में खानों, कारखानों, पत्थर तोड़ने, पत्थर पीसकर पाउडर बनाने, गिट्टी बनाने, बलुआ पत्थर से मूर्ति बनाने के कार्य से श्रमिकों को आदि धूल के संपर्क में आते हैं। सिलिकोसिस जैसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित है। इस नीति में सिलिकोसिस से पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता के साथ-साथ ऐसे कार्यस्थल एवं श्रमिकों की पहचान, पुनर्वास, रोकथाम एवं नियंत्रण के उपाय अपनाये जाते हैं।
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