मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना 2019 राजस्थान। 10 करोड़ तक LOAN MUKHYAMANTRI LAGHU UDHYOG PROTSAHAN YOJANA 2019 RAJASTHAN IN HINDI
राजस्थान में उद्यमों की सरल स्थापना एवं राज्य के सभी वर्गों के व्यक्तियों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने हेतु बैंकों के माध्यम से ब्याज अनुदान युक्त ऋण(Loan) उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से इस योजना को प्रारंभ किया गया है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य स्वयं के उद्यम (विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार) की स्थापना अथवा स्थापित उद्यम के विस्तार, विविधीकरण या आधुनिकीकरण हेतु कम लागत पर ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार के नवीन अवसरों का सृजन करना है। इससे न केवल रोजगार हेतु सुगम ऋण की उपलब्धता संभव हो सकेगी अपितु इसके उपरांत उन्हें उद्यम के अन्य चरणों हेतु केंद्रीय/राज्य सरकार की अन्य प्रकृति की योजनाओं का बेहतर लाभ भी प्राप्त हो सकेगा।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना 2019 कब तक प्रभावी रहेगी?
योजना का नाम मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना है एवं इसका कार्य क्षेत्र राजस्थान राज्य है। योजना दिनांक 17 दिसंबर 2019 से 31 मार्च 2024 तक प्रभावी रहेगी।
Mukhymantri Laghu Udyog protsahan Yojana में Loan किसके माध्यम से दिया जाता है? एवं किन क्षेत्रों में मिलता है?
इस योजना के अंतर्गत बैंकों के माध्यम से विनिर्माण सेवा एवं व्यापार आधारित उद्यम हेतु ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। नये स्थापित होने वाले उद्यम के साथ-साथ पूर्व स्थापित उद्यम भी विस्तार, विविधीकरण, आधुनिकीकरण इत्यादि हेतु लाभान्वित हो सकेंगे।
Mukhymantri Laghu Udyog protsahan Yojana 2019 का क्रियान्वयन उद्योग विभाग के अधीन जिलों में कार्यरत जिला उद्योग केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा। कार्यालय आयुक्त उद्योग राज्य स्तर पर योजना के क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण हेतु नोडल एजेंसी होगा।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना मैं ऋण सीमा कितनी है?
इस योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार आधारित उद्योग की स्थापना, विस्तार, विविधीकरण एवं आधुनिकीकरण के उद्देश्य हेतु संयंत्र एवं मशीन, वर्क् शेड/भवन, फर्नीचर,उपकरण,कच्चे माल इत्यादि के लिए अधिकतम ₹10 करोड़ तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। ऋण का स्वरूप कम्पोजिट ऋण/सावधि एवं कार्यशील पूंजी (सीसी लिमिट सहित) होगा।
श्रेणियां एवं ब्याज अनुदान:
इस योजना के अंतर्गत ऋण राशि के आधार पर निम्नानुसार तीन श्रेणियों में प्रदत्त LOAN का समय पर चुकता करने पर निम्नानुसार ब्याज अनुदान देय होगा-
- 25 लाख रुपए तक ऋण राशि -8%
- 25 लाख रुपए से 5 करोड रुपए तक ऋण राशि -6%
- 5 करोड़ से ₹10 करोड़ रु तक ऋण राशि -5%
इस योजना में बैंकों द्वारा प्रदत्त ऋण पर ब्याज अनुदान की अधिकतम अवधि 5 वर्ष होगी। बैंक ऋण की कुल अवधि 5 वर्ष से अधिक हो सकती है, ऐसी स्थिति में ब्याज अनुदान मात्र 5 वर्ष तक ही देय होगा। बैंकों द्वारा ऋणी को अधिकतम 6 माह की अवधि तक ऋण अदायगी में शिथिलता क्षमता के आधार पर बैंकों द्वारा निश्चित की जाएगी। ऋण अदायगी की शिथिलता अवधि में भी ब्याज राशि की नियमित भुगतान पर योजना अंतर्गत ब्याज अनुदान देय होगा।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में नया संशोधन 26 अगस्त 2021 को क्या हुआ है?
राजस्थान राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने तथा स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना को संशोधित कर उद्यमियों के लिए अधिक सुगम और लाभकारी बनाया जाएगा। इस क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने योजना के प्रावधानों और इसके लिए मार्गदर्शिका में संशोधन के प्रस्तावों का अनुमोदन 26 अगस्त 2021 को किया है। अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार योजना के अंतर्गत ऋण एवं ब्याज अनुदान के लिए भारत सरकार द्वारा परिभाषित सूक्ष्म एवं लघु उद्यम ही पात्र होंगे।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में संशोधन:महत्वपूर्ण बिंदु
- योजना के नए प्रावधान के अनुसार ऋण देने वाले वित्तीय संस्थान द्वारा अपनी योजनाओं के तहत वितरित ऋण के प्रकरण में ब्याज अनुदान के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति को भेजने की अनिवार्यता नहीं होगी। ऐसे प्रकरणों को जिला नोडल अधिकारी के स्तर पर ही अनुदान के लिए पात्रता स्वीकार कर निस्तारित कर दिया जाएगा।
- हस्तशिल्प,दस्तकार अथवा शिल्पी कार्ड धारकों को ₹3 लाख तक के ऋण पर ब्याज राशि का 70% पुनर्भरण अनुदान के रूप में देय होगा। बुनकर कार्ड धारक बुनकरों के लिए ₹1 लाख तक के ऋण पर ब्याज राशि के 100% पुनर्भरण की वर्तमान में प्रचलित सुविधा जारी रहेगी।
- संसोधित योजना में वित्तीय संस्थानों द्वारा अधिकतम ₹10 करोड़ तक का ऋण उपलब्ध करवाने और भूमि हेतु कुल ऋण राशि का अधिकतम 25% ऋण ब्याज अनुदान हेतु पात्रता को संशोधित कर ₹10 करोड़ तक के ऋण तथा उद्योगों के विस्तार, विविधीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए अधिकतम ₹1 करोड़ तक का ऋण उपलब्ध करवाने और भूमि हेतु कुल ऋण राशि का अधिकतम 25% ऋण ब्याज अनुदान हेतु पात्रता होगी।
- विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में कम्पोजिट ऋण पर अधिकतम 40% कार्यशील पूंजी तथा व्यापार क्षेत्र में कम्पोजिट ऋण का अधिकतम 25% कार्यशील पूंजी वाले प्रोजेक्ट को भी योजना का लाभ मिल सकेगा। योजना के तहत सूक्ष्म उद्यमों को व्यापार हेतु अधिकतम 1 करोड़ रुपए का ऋण मिल सकेगा। इसमें ब्याज अनुदान की राशि का दो तिहाई हिस्सा सूक्ष्म उद्यमों को दिलवाने को प्राथमिकता दी जाएगी।
- ऋण वितरण तथा ब्याज अनुदान के लिए हर स्तर पर अनुसूचित जाति अथवा जनजाति एवं अनुसूचित जनजाति बाहुल्य अथवा पिछड़े क्षेत्रों के उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी। ऋण वितरण के लिए लक्षित बजट का यथासंभव 20% तथा ब्याज अनुदान के लिए 15% लाभ इन संवर्गों के उद्यमियों को दिया जाएगा।
- योजना में यथासंभव 30% महिला उद्यमियों को ऋण प्रदान करने में सहयोग एवं प्राथमिकता दी जाएगी।
राजस्थान में सूक्ष्म,लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने तथा छोटे व्यवसायियों एवं निवेशकर्ताओं को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है।
इस योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत आवेदक के साथ-साथ संस्थागत आवेदक भी पात्र है। इस योजना के अंतर्गत ऋण एवं ब्याज अनुदान के लिए भारत सरकार द्वारा परिभाषित सूक्ष्म एवं लघु उद्यम ही पात्र है।
खनन, रियल स्टेट,शैक्षणिक संस्थान,कोचिंग,लाभकारी संस्था, एनजीओ,ट्रस्ट आदि द्वारा संचालित गतिविधियों से जुड़े उद्योग इस योजना के लिए लाभ के पात्र नहीं है।
विभिन्न पात्र उद्यमियों की ओर से ऋण अथवा ब्याज अनुदान हेतु प्राप्त आवेदनों को “प्रथम आओ प्रथम पाओ” के सिद्धांत पर निस्तारित किया जाता है।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य सरकार उद्यम स्थापित करने के लिए ₹10 करोड़ तक के ऋण पर ब्याज अनुदान उपलब्ध करवा रही है।
प्रदेश में नए उद्यमों की स्थापना एवं पूर्व स्थापित उद्योगों के विस्तार, विविधीकरण, आधुनिकीकरण हेतु वित्तीय संस्थानों के माध्यम से 25 लाख रुपए तक के ऋण पर 8%, ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 6% एवं ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 5% ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
यदि वित्तीय संस्थान ऋण पर ब्याज दर के बराबर या उससे कम है तो शत प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है। राजस्थान राज्य में अब तक 22310 आवेदकों को ऋण स्वीकृत कर 18998 आवेदकों को ₹4547 करोड़ के ऋण वितरित किए जा चुके हैं।
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