प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?(What is Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana?)
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?।What is Prime minister Crop Insurance Scheme?।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) किसानों की फसलों से जुड़े हुए जोखिमों की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई करने का माध्यम है। इससे किसानों को अप्रत्याशित या प्रतिकूल मौसम की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है।
आजादी के अमृत महोत्सव पर सरकार का संकल्प है कि किसानों को मिले मौसम के खतरों से आजादी इसलिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देती है प्राकृतिक आपदाओं से फसल को सुरक्षा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा कौन करवा सकता है?
ऋणी एवं गैर ऋणी किसान अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित की गई फसलों के बीमा का लाभ उठा सकते हैं। ऋणी एवं गैर ऋणी किसानों के लिए यह योजना स्वैच्छिक है।अपने क्षेत्रों में अधिसूचित फसलों एवं उसके अंतिम तिथि के लिए सीएससी केंद्र(CSC CENTRE), पीएमएफबीवाई पोर्टल(PMFBY PORTAL),इंश्योरेंस कंपनी(INSURENCE COMPANY)या कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
ऋणी किसान आवेदन की अंतिम तिथि से 7 दिन पहले तक संबंधित बैंक शाखा में ऑप्ट आउट फॉर्म या स्व-घोषणा पत्र प्रस्तुत करके योजना से बाहर भी हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के लिए बीमित राशि क्या होगी?
बीमित राशि का निर्धारण जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा फसल के वित्त मान(Scale of Finance) के आधार पर या गत वर्षो में आई संबंधित फसल की औसत उपज एवं फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर किया जाता है।
फसल बीमा के लिए किसान द्वारा देय प्रीमियम दर क्या है?
खरीफ मौसम के लिए 2%, रबी मौसम हेतु 1.5 प्रतिशत व्यावसायिक और बागवानी फसलों हेतु बीमित राशि का अधिकतम 5%।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कौन-कौन से जोखिम शामिल है?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत निम्नलिखित जोखिम शामिल है:-
- फसलों की बुवाई/बुवाई न कर पाने/असफल अंकुरण जोखिम/ बीमीत क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसम/ मौसमी दशाओं के कारण बुवाई/पौधरोपण/अंकुरण न होने से हुई हानि से सुरक्षा प्रदान करना।
- खड़ी फ़सल( बुवाई से कटाई तक):- सुखा, शुष्क स्थिति,बाढ़ जलप्लावन, व्यापक रूप से कीटों व रोगों के प्रभाव व भूस्खलन, प्राकृतिक कारणों से आग, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि तथा चक्रवात जैसे रोके न जा सकने वाले जोखिमों के कारण उपज नुकसान को पुनर्भरण करने के लिए व्यापक जोखिम बीमा आवरण प्रदान किया जाता है।
- फसल कटाई के उपरांत नुकसान:- यह प्रावधान ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती वर्षा और बेमौसम वर्षा होने की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर खेत में काटकर व फैलाकर/छोटे गट्ठरों में बांधकर सुखाने हेतु रखी गई फसलों को फसल कटाई के पश्चात केवल 15 दिनों की अधिकतम अवधि में हानि होने की स्थिति में संरक्षण प्रदान करता है।
- स्थानीय आपदाएं Pradhan Mantri fasal Bima Yojana के तहत स्थानीयकृत जोखिमों/आपदाओं यथा ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव,बादल फटने तथा अधिसूचित इकाई अथवा किसी खेत के हिस्से पर बिजली गिरने के कारण प्राकृतिक आग लगने से फसल को होने वाले नुकसान को व्यक्तिगत किसानों के खेत के स्तर पर बीमा सुरक्षा प्रदान की गई है।
क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गैर ऋणी किसान बीमा ले सकते हैं?
हां, इस योजना में गैर ऋणी किसान भी बीमा ले सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा प्राप्त करने के इच्छुक गैर ऋणी किसान निकटतम बैंक शाखा/सहकारी समिति/अधिकृत चैनल पार्टनर/जन सेवा केंद्र (सीएससी)/बीमा कंपनी या उनके अधिकृत एजेंट से संपर्क कर सकते हैं या निर्धारित तिथि के अंतर्गत स्वयं राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल www.pmfby.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।
क्या ऋणी किसान बीमित फसल में परिवर्तन करा सकते हैं एवं कब तक?
हां,ऋणी किसान बीमित फसल में परिवर्तन करा सकते हैं।इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नामांकन की अंतिम तिथि से 2 दिन (कार्य दिवस) पहले तक किसान अपनी फसल में परिवर्तन की सूचना संबंधित बैंक शाखा में दे सकते हैं।
गैर ऋणी किसान द्वारा फसल बीमा लेने के लिए कौन कौन से दस्तावेज जमा करवाना अनिवार्य है?
गैर ऋणी किसानों को भूमि स्वामित्व दस्तावेज, अधिकार का रिकॉर्ड (ROR)और भूमि कब्जा प्रमाण पत्र(एलपीसी),आधार कार्ड(नवीनतम) बैंक पासबु( प्रथम पृष्ठ बैंक खातों के विवरण के साथ) और फसल बुवाई प्रमाण पत्र (यदि राज्य सरकार की अधिसूचना में अनिवार्य किया गया हो)आदि दस्तावेज अनिवार्य रूप से जमा करवाने होते है।
बटाईदार किसान या किराए पर ली गई भूमि की स्थिति में, भूमि के मालिक के साथ अनुबंध समझौता, किराया पट्टा विलेख इत्यादि अनिवार्य दस्तावेज है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा इकाई क्या है?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत, राज्य सरकार द्वारा क्षेत्र दृष्टिकोण के आधार पर बीमा इकाई का चयन किया जाता है। राज्य सरकारें प्रमुख फसलों के लिए ग्राम, ग्राम पंचायत या किसी अन्य समकक्ष इकाई जैसे-राजस्व मंडल/पटवार हलका आदि को और लघु फसलों के लिए जिला तालुका या इनके समकक्ष इकाई को बीमा इकाई के रूप में सूचित कर सकती है।
स्थानीय आपदाओं से फसल में नुकसान होने पर सूचना दर्ज करने की प्रक्रिया क्या है?
प्रभावित बीमित किसान को आपदा के 72 घंटे के अंदर सीधे बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर या क्रॉप इंश्योरेंस एप पर अथवा लिखित में अपने बैंक/कृषि विभाग के अधिकारियों के माध्यम से सूचित करवाना आवश्यक है। जिसमें किसान का नाम, मोबाइल नंबर,अधिसूचित पटवार सर्किल, बैंक का नाम, बैंक खाता संख्या, आपदा का प्रकार, प्रभावित फसल आदि की सूचना अंकित होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर के संपर्क नंबर क्या है?
किसान कॉल सेंटर टोल फ्री नंबर 1800-180-1551