प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत 28 जुलाई 1914 ईस्वी को हुई। यह 4 वर्षों तक चला। इसमें 37 देशों ने भाग लिया था।
प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण ऑस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिनेंड की बोस्निया की राजधानी सेराजेवो में हत्या थी।
प्रथम विश्व युद्ध में संपूर्ण विश्व दो खेमों में बट गया- मित्र राष्ट्र एवं धुरी राष्ट्र।
धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी ने किया। इसमें शामिल अन्य देश थे- ऑस्ट्रिया, हंगरी, और इटली।
मित्र राष्ट्रों में इंग्लैंड, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस एवं फ्रांस शामिल थे।
गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक बिस्मार्क था।
ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी एवं इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण 1882 ईस्वी में हुआ।
सर्बिया की गुप्त क्रांतिकारी संस्था का नाम था- काला हाथ।
रूस-जापान युद्ध(1904-05) का अंत अमेरिकी राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट की मध्यस्थता से हुआ।
मोरक्को संकट 1906 में पैदा हुआ।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने रूस पर आक्रमण 1 अगस्त 1914 ईस्वी में एवं फ्रांस पर आक्रमण 3 अगस्त 1914 ईस्वी में किया।
8 अगस्त 1914 को इंग्लैंड प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ।
26 अप्रैल 1915 ईस्वी को इटली मित्र राष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ।
प्रथम विश्व युद्ध के समय अमेरिका का राष्ट्रपति वुडरो विल्सन था।
अमेरिका 6 अप्रैल 1917 ईस्वी को प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ।
जर्मनी के यू-बोट द्वारा इंग्लैंड के लुसितानिया नामक जहाज को डुबाने के बाद अमेरिका प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ, क्योंकि उस जहाज पर मरने वाले 1153 व्यक्तियों में 128 व्यक्ति अमेरिकी थे।
प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति 11 नवंबर 1918 ईस्वी को हुई।
18 जून 1919 ईस्वी को पेरिस शांति सम्मेलन हुआ। जिसमें 27 देश भाग ले रहे थे। मगर शांति संधियों की शर्तें केवल तीन देश- ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका तय कर रहे थे।
पेरिस शांति सम्मेलन में शांति संधियों की शर्तें निर्धारित करने में जो राष्ट्राध्यक्ष मुख्य भूमिका में थे।वे है- अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लॉयड जॉर्ज और फ्रांस के प्रधानमंत्री जॉर्ज क्लेमेसो।
वर्साय की संधि 28 जून 1919 ईस्वी को जर्मनी के साथ हुई।
युद्ध के हर्जाने के रूप में जर्मनी से 6 अरब 50 करोड पौंड की राशि की मांग की गई।
अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रथम विश्वयुद्ध का सबसे बड़ा योगदान राष्ट्र संघ की स्थापना थी।
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान होने वाली वर्साय की संधि में द्वितीय विश्वयुद्ध का बीजारोपण हो चुका था।
वर्साय की संधि के द्वारा जर्मनी को पूरी तरह से पंगु बना दिया गया था।
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