9 IMPORTANT FACTS ABOUT INDUSTRIAL REVOLUTION IN HINDI
- औद्योगिक क्रांति की शुरुआत इंग्लैंड में हुई, क्योंकि इंग्लैंड के पास उपनिवेशो के कारण कच्चे माल और पूंजी की अधिकता थी।
- इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सूती कपड़ा उद्योग से हुई।
- औद्योगिक क्रांति में विज्ञान के मशीनी युग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
- औद्योगिक क्रांति के दौरान निम्न आविष्कार हुए:- तेज चलने वाला शटल(1733)- जान। स्पिनिंग जेनी(1765)-जेम्स हारग्रिब्स। स्पिनिंग जेनी पानी की शक्ति से चालित(1767)-रिचार्ड आर्कराइट। स्पिनिंग म्यूल(1776)-क्रोम्पटन। घोड़े द्वारा चलाये जाने वाला करघा-कार्ट राइट। सेफ़्टी लेम्प(1815)-हम्फ्री डेवी।
- सबसे पहले स्कॉटलैंड के मैकेडम नामक व्यक्ति ने पक्की सड़कें बनाने की विधि निकाली।
- 1761 ई. में ब्रिंडले नामक इंजीनियर ने मैनचेस्टर से वर्सले तक नहर बनाई।
- 1814 ईसवी में जॉर्ज स्टीफेंसन ने रेल द्वारा खानों से बंदरगाहों तक कोयला ले जाने के लिए भाप के इंजन का प्रयोग किया।
- औद्योगिक क्रांति की दौड़ में जर्मनी इंग्लैंड का प्रतिद्वंदी था।
- औद्योगिक क्रांति ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया।
ब्रिटेन और बाद में यूरोप में वर्ष 1780 से 1820 के बीच हुए प्रचंड औद्योगिक प्रगति के फलस्वरूप सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक तथा वैचारिक क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। इसका प्रभाव इंग्लैण्ड तक ही सिमित नहीं रहकर यूरोप के अन्य देशों पर भी पड़ा। इस तरह विश्व में एक नए युग का प्राम्भ हुआ और वर्ष 1882 ई. में अर्नाल्ड टायनबी ने इसे ‘औद्योगिक क्रान्ति’ की संज्ञा दी।
इस युग में जल तथा वाष्प के इंजन की शक्ति से चलित यंत्रों का आविष्कार हुआ जिसके कारण कारखानों की स्थापना होने लगी। कारखानों का निर्माण होने के कारण वस्तु -निर्माण का घरेलू तरीका शिथिल और कमजोर हो गया। इन कारखानों में मजदूरों को मजदूरी पर रखा जाता था। कारखानों की स्थापना और मजदूरों की बहुलता के कारण नए नए नगर बसने लगे। गाँव और शहरों से लोग पैसे कमाने के लिए शहरों के कारखानों में मजदूरी करने आने लगे। अधिक संख्या में कारखाने और मजदूरों की अधिक संख्यां के कारण खपत योग्य वस्तुओं का बड़े पैमाने पर उत्पादन होने लगा। अधिकाधिक वस्तुओं के उत्पादन के कारण उत्पादित वस्तुओं को एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाने के लिए यातायात के नए और तेज गति वाले साधनों का विकास हुआ। इस औद्योगिक क्रान्ति का प्रभाव व्यापक था और सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक सभी क्षेत्रों में औद्योगिक क्रान्ति के परिणामस्वरूप दूरगामी परिवर्तन हुए। 19वी शताब्दी में यह पूरे पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में फैल गयी।
औद्योगिक क्रांति के प्रमुख कारण:
- कृषि क्रांति
- जनसंख्या विस्फोट
- व्यापार प्रतिबंधों की समाप्ति
- उपनिवेशों का कच्चा माल तथा बाजार
- पूंजी तथा नयी प्रौद्योगिकी
- पुनर्जागरण काल और प्रबोधन
- राष्ट्रवाद
- कारखाना प्रणाली
औद्योगिक क्रांति के दौरान हुए प्रमुख आविष्कार एवं महत्वपूर्ण तथ्य:-
- औद्योगिक क्रांति की शुरुआत इंग्लैंड में हुई।
- इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सूती कपड़ा उद्योग से हुआ।
- मैनचेस्टर से वर्सले तक ब्रिंटले नामक इंजीनियर ने (1761 ई. में) नहर बनाई।
- रेल के जरिए खानों से बंदरगाहों तक कोयला ले जाने के लिए भाप इंजन का इस्तेमाल जार्ज स्टीफेंसन ने किया।
- औद्योगिक क्रांति की दौर में इंग्लैंड का प्रतिद्वंदी जर्मनी था।
- लौह अयस्क से इस्पात बनाने की प्रक्रिया का दूसरा चरण इस्पात निर्माण है, इस्पात निर्माण का उदय का औद्योगिक क्रांति के दौरान हुआ है।
- विद्युत आवेशों के मौजूदगी और बहाव से जुड़े भौतिक परिघटनाओं के समुच्चय को विद्युत कहा जाता है। विद्युत निर्माण का उदय का भी औद्योगिक क्रांति के दौरान हुआ है। विद्युत से अनेक जानी-मानी घटनाएं जुड़ी है जैसे कि तडित, स्थैतिक विद्युत, विद्युतचुम्बकीय प्रेरण, तथा विद्युत धारा।
- तेज चलने वाले शटर का आविष्कार जॉन (1733 ई. में) किया।
- स्पिनिंग म्यूल का आविष्कार क्राम्पटन (1776 ई.) ने किया।
- घोड़ा द्वारा चलाए जाने वाला करघा का आविष्कार कार्ट राइट ने किया।
- सेफ्टी लैंप का आविष्कार हम्फ्री डेवी ने (1815 ई.) में किया।
औद्योगिक क्रांति का मानव समाज पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा। मानव समाज के इतिहास में दो प्रसिद्ध क्रांतियां हुई जिन्होंने मानव इतिहास को सर्वाधिक प्रभावित किया। एक क्रांति उस समय हुई जब उत्तर पाषाण युग में मानव ने शिकार छोड़कर पशुपालन एवं कृषि का पेशा अपनाया तो दूसरी क्रांति वह है जब आधुनिक युग में कृषि छोड़कर व्यवसाय को प्रधानता दी गई। इस औद्योगिक क्रांति से उत्पादन पद्धति गहरे रूप से प्रभावित हुई। श्रम के क्षेत्र में मानव का स्थान मशीन ने ले लिया। उत्पादन में मात्रात्मक व गुणात्मक परिवर्तन आया। धन सम्पदा में भारी वृद्धि हुई। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भी बढ़ा। औपनिवेशिक साम्राज्यवाद का विस्तार भी औद्योगिक क्रांति का परिणाम था एवं नए वर्गों का उदय हुआ।